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This Article is From Dec 03, 2023

Shivraj Singh Chouhan Profile: क्या शिवराज सिंह चौहान को CM बनाएगी BJP? जानिए कैसा रहा अब तक का सियासी सफर

2018 में बीजेपी के हारने के बाद सिर्फ 15 महीनों के लिए कमलनाथ सत्ता में आए लेकिन 2020 में एक बार फिर कुर्सी पर शिवराज सिंह चौहान की वापसी हो गई.

Shivraj Singh Chouhan Profile: क्या शिवराज सिंह चौहान को CM बनाएगी BJP? जानिए कैसा रहा अब तक का सियासी सफर
जानें शिवराज सिंह चौहान का राजनीतिक सफर

Shivraj Singh Chouhan Profile: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (MP CM Shivraj Singh Chouhan) की गिनती भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेताओं में होती है. प्रदेश की जनता उन्हें प्यार से 'मामा' कहकर पुकारती है. शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में पार्टी ने इस बार भी बड़ी जीत हासिल कर ली है. हालांकि पार्टी ने अभी यह साफ नहीं किया है कि उनका मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा. मध्य प्रदेश की कमान 2005 से शिवराज के हाथों मे है. उम्मीद है कि वो इस बार भी सीएम बनेंगे.

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5 मार्च 1959 को मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के जैत गांव में प्रेम सिंह चौहान और सुंदर बाई चौहान के घर बेटे का जन्म हुआ. नाम रखा गया शिवराज. किसे पता था कि यह बेटा शिवराज सिंह चौहान एक दिन प्रदेश की सीएम कुर्सी पर बैठने वाला है. अपने बचपन में ही शिवराज भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस की छात्र शाखाओं से जुड़ गए. महज 13 साल की उम्र में उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का हाथ थाम लिया. यह साल था 1972. आज भी शिवराज और संघ के वरिष्ठ नेताओं की नजदीकियां किसी से छिपी नहीं हैं.

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महिलाओं के कल्याण के लिए लाए योजनाएं

शिवराज के राजनीतिक करियर की शुरुआत एवीबीपी के संयोजक, महासचिव, राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में हुई. वह भारतीय जनता युवा मोर्चा से भी जुड़े और 1988 में इसके सदस्य बने.

साल 2006 में शिवराज तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने कन्या भ्रूण हत्या को खत्म करने के लिए योजनाओं की शुरुआत की और रोकथाम के उपाय किए.

वर्तमान में भी शिवराज सरकार महिलाओं के कल्याण और उन्हें सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है.

इमरजेंसी में गए जेल

शिवराज सिंह चौहान ने बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र की पढ़ाई की है. 'उत्कृष्ट' प्रदर्शन के लिए विश्वविद्यालय की तरफ से उन्हें स्वर्ण पदक भी मिला. छात्र जीवन में राजनीति से रूबरू होने के बाद शिवराज को जनसंघ का साथ मिला.

1975 में इमरजेंसी के खिलाफ आंदोलन में शिवराज सिंह चौहान ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और आपातकाल के दौरान जेल भी गए.

जनसंघ के बाद वह भारतीय जनता पार्टी का हिस्सा बने. 

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सिर्फ 15 महीने के लिए छिनी कुर्सी

1990 में शिवराज सिंह चौहान पहली बार बुधनी विधानसभा से जीते और इस तरह उनका सक्रिय राजनीतिक जीवन शुरू हुआ.

इसके अगले ही साल वह विदिशा लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे. 2005 तक इस सीट पर शिवराज का कब्जा रहा. इसके बाद उन्हें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी थमा दी गई. 2005 से 2018 तक वह प्रदेश के सीएम रहे. 2018 में बीजेपी के हारने के बाद सिर्फ 15 महीनों के लिए कमलनाथ सत्ता में आए लेकिन 2020 में एक बार फिर कुर्सी पर शिवराज सिंह चौहान की वापसी हो गई.

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