Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के मुखिया डॉ मोहन यादव (CM Dr Mohan Yadav) ने मुख्यमंत्री निवास (CM House) में हुई एक बैठक में डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण परियोजना (Digital Crop Survey Project) के संबंध में चर्चा करते हुए कहा है कि खरीफ-2024 (Kharif 2024) से किसानों के हित में डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण परियोजना का क्रियान्वयन पूरे प्रदेश में किया जाए. इस परियोजना में किसान (Farmers) भाई नवीन तकनीक से अपनी गिरदावरी को देख सकेंगे. यही नहीं फसल नुकसान की दशा में किसानों को बीमा राशि भी बिना किसी देरी के प्राप्त हो जाएगी. वहीं खरीफ फसलों की एमएसपी बढ़ने को लेकर सीएम मोहन यादव ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री (Prime Narendra Modi) ने खरीफ की 14 प्रकार की फसलों पर एमएसपी में जो वृद्धि (Modi Cabinet Approves MSP for 14 Kharif Crops) की है, वह इस बात का उदाहरण है कि मोदी जी जो कहते हैं वह करके दिखाते हैं. इस एमएसपी वृद्धि से अन्नदाताओं को दी गई मोदी जी की पहली गारंटी पूर्ण होती है. मैं अपनी व मध्य प्रदेश सरकार की ओर से देश व प्रदेश के सभी किसान भाइयों को बधाई देता हूं.
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने खरीफ की 14 प्रकार की फसलों पर एमएसपी में जो वृद्धि की है, वह इस बात का उदाहरण है कि मोदी जी जो कहते हैं वह करके दिखाते हैं। इस एमएसपी वृद्धि से अन्नदाताओं को दी गई मोदी जी की पहली गारंटी पूर्ण होती है।
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) June 20, 2024
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केसीसी और बीमा राशि में होगी आसानी
डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण परियोजना में सैटेलाइट इमेज द्वारा संभावित फसल की जानकारी भी प्राप्त की जा सकेगी. इससे किसानों को उपार्जन में सहायता मिलेगी साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) यानी केसीसी (KCC) भी तत्काल स्वीकृत करने में आसानी होगी. सीएम ने इस परियोजना के संबंध में विस्तृत चर्चा की और इसकी सराहना करते हुए क्रियान्वयन से जुड़ी प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिए.
क्या है डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण परियोजना? What is Digital Crop Survey Project
डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण परियोजना द्वारा ग्राम में उपलब्धि स्थानीय युवा के माध्यम से नवीन तकनीक (जियो फेंस) का उपयोग कर कराया जाएगा. खेत में जाकर फसल का फोटो खींचने की प्रक्रिया आसानी से पूर्ण हो जाएगी. सर्वेयर द्वारा खींची गयी फ़ोटो की जियो टैगिंग भी होगी, अतः अनिवार्य रूप से खेत में जाकर क्रॉप सर्वे करना होगा और साक्ष्य के रूप में फसल की फ़ोटो भी उपलब्ध रहेगी. इससे कृषक भी अपनी गिरदावरी को देख सकेंगे और आपत्ति भी दर्ज कर सकेंगे.
इस प्रकार फसल की सटीक जानकारी प्राप्त कर फसल के संबंध में बेहतर पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा. परियोजना के क्रियान्वयन से प्रदेश के किसानों को उपार्जन कार्य में भी सहायता मिल सकेगी और उन्हें शीघ्र केसीसी स्वीकृत हो सकेंगे. किसानों को फसल नुक़सान की स्थिति में बीमा राशि भी तत्काल मिल सकेगी.
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