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Khargone News: धूम धाम से मनाई गई मां नर्मदा की 50वीं लघु पंचकोशी यात्रा, निमाड़ और मालवा के हजारों श्रद्धालु हुए शामिल

Devuthni Ekadashi: मां नर्मदा की कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष में देवउठनी एकादशी पर ओंकारेश्वर के ममलेश्वर से पंचकोशी यात्रा निकली. इसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए.

Khargone News: धूम धाम से मनाई गई मां नर्मदा की 50वीं लघु पंचकोशी यात्रा, निमाड़ और मालवा के हजारों श्रद्धालु हुए शामिल
परिक्रमा करने की लोगों ने की शुरुआत

Panchkoshi Yatra: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के खरगोन (Khargone) के ओंकारेश्वर के दक्षिणी तट स्थित ममलेश्वर (Mamleshwar) ज्योतिर्लिंग से पूजा अर्चना कर सुबह चार बजे हजारों पंचकोशी यात्री पैदल जंगल के रास्ते से निकले और छोटे-छोटे गांवों से होकर सुबह नौ बजे सनावद पहुंचे. पंचकोशी यात्रियों ने सर्वोपर अपने सामान की गठरी रखकर भजन कीर्तन करते हुए यात्रा का आनंद ले रहे थे. इस यात्रा में मालवा और निमाड़ के अधिकांश वृद्ध महिलाएं और पुरुष शामिल हुए. इस बार यात्रा में डॉक्टर और बुद्धिजीवी महिलाएं भी यात्रा का आनंद ले रही थी. पुलिस प्रशासन ने इस यात्रा की तैयारी में बड़वाह झोन के सभी थानों का बल व्यवस्था में लगा रखा है.

इस तरह से शुरू हुई थी प्रथा

पंचकोशी यात्रा 1975 में विक्रम विश्वविद्यालय के व्याख्याता नरेंद्र भारती ने प्रारंभ की थी. इस लघु पंचकोशीय यात्रा के मार्ग का चयन करने के लिए साइकिल से मार्ग का अवलोकन किया. उसके बाद कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की देवउठनी एकादशी से पांच दिवसीय पंचकोशी यात्रा प्रारंभ की. इस यात्रा मार्ग में ओंकारेश्वर के ममलेश्वर से पूजा अर्चना कर यात्रा का प्रारंभ किया, कोठी में भगवान भोलेनाथ के दर्शन किए, ग्राम अंजरूद में मां बागेश्वरी के दर्शन करते हुए चित्र मोड़ खुड़गांव सनावद पहुंचे. 

यह पूरा सफर लगभग 10 किलोमीटर का तय किया. उसके बाद सनावद से दूसरे दिन 19 किलोमीटर दूर ग्राम टोकसर में नाव के माध्यम से मां नर्मदा को पार कर सेमरला पहुंचे. सेमरला से बड़वाह नागेश्वर मंदिर के दर्शन कर जयंती माता होते हुए जैन तीर्थ क्षेत्र सिद्धवरकूट से चोरल नदी को पार करते हुए कार्तिक पूर्णिमा के दिन
ओंकारेश्वर मंदिर के दर्शन से यात्रा का समापन होता है.

यात्रियों को दी जा रही कई सुविधाएं

सनावद नगर के गुरुद्वारे से चाय के स्टॉल एसोसिएशन चौक पर साबूदाने की फरियाली खिचड़ी लगभग 19 क्विंटल बनाई गई है. लगभग 22 से 25 हजार यात्रियों को फरली खिचड़ी कार्यकर्ता परोस रहे हैं. पंचकोशी यात्रा में डॉक्टर और मन्नत वाले  आचार्य रविंद्र भारती के परिजन शामिल है, जिन्होंने एनडीटीवी से चर्चा की. 

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यात्रियों की सुरक्षा के खास इंतजाम

एसडीओपी अर्चना रावत का कहना है कि पंचकोशी यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हमने इंतजाम किए हैं. लगभग 100 से अधिक जवान इस व्यवस्था में लगे हैं. कल टोकसर में नर्मदा को पार करवाने के लिए नाव का इंतजाम किया है. वहां की स्पीच आंसू बंद व्यवस्था रहेगी और आज श्रवण और आसपास के क्षेत्र में पुलिस की व्यवस्था माकुल है. 

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