
Missing Girl Archana Tiwari: पिछले 14 दिनों से सुर्खियों में रही अर्चना तिवारी आखिरकार अपने परिजनों के बीच अपने घर कटनी जिले में गुरुवार सुबह पहुंच गई है. 13 दिनों तक लापता रहीं नेपाल बार्डर पर मिली बालिग अर्चना तिवारी को GRP पुलिस को पूछताछ के बाद परिवार के हवाले कर दिया. देर शाम अर्चना भोपाल से कटनी के लिए रवाना हुईं.
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यूपी के लखीमपुर खीरी में बरामद हुई दोस्त सारांश के साथ भागी अर्चना तिवारी
गौरतलब है 13 दिन तक लापता रही अर्चना तिवारी केस में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेस में एसपी रेलवे राहुल लोढ़ा ने खुलासा करते हुए बताया था कि अर्चना की शादी तय हो गई थी, जिससे नाराज होकर वह दोस्त सारांश के साथ भारत-नेपाल बार्डर भाग गई थी. यूपी के लखीमपुर खीरी में बरामद की गई अर्चना से जीआरपी ने भोपाल लाकर पूछताछ की थी.

जीआरपी टीम ने 13 दिन से लापता रही अर्चना तिवारी को परिवार को सौंपा
चाचा ने सिरे से खारिज किया लापता रहीं अर्चना तिवारी की शादी तय होने की बात
मामले पर दिए एक बयान में अर्चना तिवारी के चाचा ने एसपी रेलवे लोढ़ा के बयानों को लेकर नाराजगी जाहिर किया है. अर्चना के चाचा ने कहा कि मीडिया के सामने भतीजी का चेहरा छुपाया गया था. जीआरपी पुलिस ने अर्चना से कोई बात नहीं करने दी गई. चाचा ने साथ ही अर्चना की शादी तय होने की बात को भी सिरे से खारिज किया है.
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रक्षाबंधन पर घर जाते समय अचानक से ट्रेन से गायब हो गई थी अर्चना तिवारी
उल्लेखनीय है अर्चना तिवारी ने एलएलबी और एलएलएम की पढ़ाई करते हुए वकालत का पेशा शुरू की थी और इंदौर में रहकर सिविल जज की तैयारी भी कर रही थी. रक्षाबंधन में वह अपने घर आ रही थी, लेकिन रास्ते में ही अचानक से वह गायब हो गई थी, जिसके बाद परिजनों ने जीआरपी कटनी में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
गुमुशदुगी की रिपोर्ट के बाद 13 दिनों बाद अर्चना को ढूंढने में कामयाब हुई पुलिस
रिपोर्ट के मुताबिक ट्रेन से अचानक गायब हुई अर्चना तिवारी की गुमुशदुगी की रिपोर्ट के बाद जीआरपी पुलिस कटनी ने जीरो एफआईआर कायम करते हुए केस डायरी भोपाल जीआरपी को सौंपी थी. जिसके बाद भोपाल जीआरपी ने मामले की जांच शुरू की और 13 दिनों बाद अर्चना तिवारी को नेपाल बार्डर पर ढूंढने में कामयाब हुई.
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लापता अर्चना तिवारी ने सोच समझ कर अपने अपहरण की साजिश रची थी
रेल SP ने एनडीटीवी को बताया कि अर्चना तिवारी ने सोच समझ कर अपने अपहरण की प्लानिंग रची थी और उसकी प्लानिंग ऐसी थी कि पुलिस को कुछ पता न चले. बकौल एसपी रेलवे, उसने जानबूझकर फोन जगंलों में फिंकवाया और जानबूझकर उसने ट्रेन में अपना सामान छोड़ा ताकि पुलिस को गुमराह किया जा सके.