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बसंत पंचमी–जुमे के संयोग से बढ़ी चिंता, भोजशाला-कमाल मौला मस्जिद विवाद पर बोले विजयवर्गीय -ऐसे निकलेगा समाधान

7 अप्रैल 2003 के आदेश के मुताबिक आर्कियोलॉजिकल डिपार्मेंट के अंतर्गत संरक्षित इमारत भोजशाला-कमाल मौला मस्जिद में हर मंगलवार को सूर्योदय से सूर्यास्त तक कुछ अक्षत और पुष्प के साथ निशुल्क प्रवेश की अनुमति है. वहीं, प्रति शुक्रवार 1:00 बजे से 3:00 बजे तक मुस्लिम समाज को नमाज अदा करने की अनुमति है, जबकि बसंत पंचमी पर सूर्योदय से सूर्यास्त परंपरागत उत्साह मनाने की इजाजत दी गई है.

बसंत पंचमी–जुमे के संयोग से बढ़ी चिंता, भोजशाला-कमाल मौला मस्जिद विवाद पर बोले विजयवर्गीय -ऐसे निकलेगा समाधान

जनजाति गौरव दिवस के कार्यक्रम में शामिल होने धार पहुंचे प्रदेश के प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने धार की ऐतिहासिक और संवेदनशील भोजशाला-कमाल मौला मस्जिद को लेकर बड़ा बयान दिया है. प्रभारी मंत्री विजयवर्गीय ने साफ कहा कि किसी भी समस्या का समाधान संवाद से ही संभव है. उन्होंने बताया कि सरकार सभी पक्षों से चर्चा कर ऐसा निर्णय लेगी, जिससे धार की शांति और सौहार्द बरकरार रहे.

उन्होंने स्वीकार किया कि विवादित इमारत का मुद्दा कई वर्षों से लंबित है और इसका स्थायी समाधान एक दिन में नहीं निकल सकता, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार प्रयासरत हैं और जल्द समाधान की उम्मीद है. गौरतलब है कि आगामी 23 जनवरी 2026 को बसंत पंचमी और शुक्रवार एक साथ आने के कारण एक बार फिर पूजन और नमाज़ को लेकर संभावित तनाव की स्थिति बनती दिख रही है.

अब तक ऐसी है स्थिति

दरअसल, 7 अप्रैल 2003 के आदेश के मुताबिक आर्कियोलॉजिकल डिपार्मेंट के अंतर्गत संरक्षित इमारत भोजशाला-कमाल मौला मस्जिद में हर मंगलवार को सूर्योदय से सूर्यास्त तक कुछ अक्षत और पुष्प के साथ निशुल्क प्रवेश की अनुमति है. वहीं, प्रति शुक्रवार 1:00 बजे से 3:00 बजे तक मुस्लिम समाज को नमाज अदा करने की अनुमति है, जबकि बसंत पंचमी पर सूर्योदय से सूर्यास्त परंपरागत उत्साह मनाने की इजाजत दी गई है.

बार-बार बन जाती है तनाव की स्थिति

तनाव तब पैदा होता है, जब बसंत पंचमी शुक्रवार के दिन पड़ती है, जैसे कि इस बार हो रहा है. हिंदू समाज पूर्ण दिवस पूजन–हवन चाहता है, जबकि मुस्लिम समुदाय अपने तय समय पर नमाज़ की मांग रखता है. ऐसे में पूरा धार शहर पुलिस छावनी में बदल जाता है और सैकड़ों पुलिस बल और RAF की टुकड़ियां तैनात करनी पड़ती है. एक दिलचस्प संयोग यह भी है कि 2006 में भी बसंत पंचमी शुक्रवार को आई थी और उस समय भी धार के प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ही थे. अब 2026 में वही स्थिति दोबारा बन रही है, जिससे प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के लिए चुनौती और बढ़ गई है.

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जानकारी के अनुसार 18 नवंबर को सकल हिंदू समाज आगामी बसंत पंचमी को भोजशाला में अखंड पूजन और हवन की मांग को लेकर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपने वाला है. आने वाले दिनों में प्रशासन की रणनीति और बातचीत की प्रक्रिया पर सबकी निगाहें टिकी रहेंगी.

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