![जीवाजी यूनिवर्सिटी: भ्रष्टाचार का अनोखा विरोध, VC ऑफिस के सामने चिपकाएं मान्यता के रेट कार्ड जीवाजी यूनिवर्सिटी: भ्रष्टाचार का अनोखा विरोध, VC ऑफिस के सामने चिपकाएं मान्यता के रेट कार्ड](https://c.ndtvimg.com/2024-03/t6ldro7o_mp-news_625x300_14_March_24.jpg?downsize=773:435)
Madhya Pradesh News: ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय (Jiwaji University Gwalior) का नाम भ्रष्टाचार (Corruption) को लेकर हमेंशा सुर्खियों में रहता है. इसको लेकर धरना, आंदोलन और विरोध प्रदर्शन (Protest) होते ही रहते हैं, लेकिन इस बार यहां के भ्रष्टाचार का एकदम अनूठे ही अंदाज़ में विरोध किया गया है. इसमें छात्रों (Students) ने विश्वविद्यालय में काम के बदले किसको कितने पैसे देने होते हैं? इसके रेट कार्ड (Rate Card) ही कुलपति (Registrar) और रजिस्ट्रार (Vice Chancellor) दफ्तर सहित यूनिवर्सिटी कैंपस में जगह-जगह पोस्टर चिपका दिये. इस मामले की जानकारी लगते ही कुलपति डॉ अविनाश तिवारी ने जांच के आदेश दे दिए हैं. इन पोस्टर में वीसी (VC) से लेकर सभी अफसरों के रेट बताए गए हैं. यह आरोप निजी कॉलेजों को मान्यता देने को लेकर लगाए गए हैं. पोस्टर में लिखा है कि बिना अनुमति के कॉलेज की संबद्धता लेने के लिए खुले रेट...
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MP News: ग्वालियर जीवाजी यूनिवर्सिटी में लगाई गई रेट लिस्ट
यह रेट बताए गए
सभी महाविद्यालयों के लिए एक साथ राशि जमा करने वाली राशि एक करोड़ रुपए बताई गई है. गौरतलब है कि इन दिनों जीवाजी विश्वविद्यालय निजी महाविद्यालयों को संबद्धता देने के मामले में सुर्खियों में है. आरोप है कि बिना निरीक्षण (Without Inspection) किए जीवाजी विश्वविद्यालय ने कॉलेजों को संबद्धता (College Affiliations) दे दी. इसको लेकर
संबद्धता देने में भ्रष्टाचार के आरोप
ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय द्वारा कॉलेज की संबद्धता जारी करने की प्रक्रिया को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. सत्र 2024-25 के लिए जीवाजी विश्वविद्यालय द्वारा कॉलेज को संबद्धता जारी करने की प्रक्रिया लगातार विवादों में है. NSUI के अध्यक्ष वंश माहेश्वरी का कहना है कि जीवाजी विश्वविद्यालय में निजी कॉलेजों की संबद्धता देने में घोटाले के मामले सामने आते रहे हैं.
विश्वविद्यालय प्रशासन ने शुरू की जांच
वहीं दूसरी तरफ इस मामले को लेकर जीवाजी विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी विमल सिंह राठौड़ का कहना है कि ऐसा मामला संज्ञान में आया है. इस मामले को लेकर कुलपति महोदय ने जांच कराने की बात कही है.
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