Jal Jeevan Mission : बुंदेलखंड.... जो कभी पीने के पानी की समस्या से जूझता था, आज 90 फीसद से ज़्यादा घरों तक स्वच्छ पेयजल पहुंच रहा है. बुंदेलखंड का एक बड़ा क्षेत्र है, जहां पर करोड़ों लोग रहते हैं. यहां के गांवों में रहने वाले लोगों के लिए पीने का पानी एक बहुत बड़ी समस्या हुआ करती थी. बुंदेलखंड में रहने वाले लोगों की तीन पीढ़ियां यहां पानी लाने की जद्दोजहद में गुजर गईं. सालों से महिलाएं यहां कई किलोमीटर दूर से सिर पर पानी ढोकर लाया करती थीं. सुबह 4 बजे से शुरू होने वाला यह सिलसिला देर शाम तक बदस्तूर जारी रहता था, लेकिन अब पीने के पानी की इस जद्दोजहद के बीच उम्मीद की किरण उनके जीवन में खुशियों का संदेश लेकर आई है.
PM मोदी के मिशन से बदला सब कुछ
साल 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन का ऐलान हुआ और इसे गांव-गांव तक पहुंचाने का फैसला लिया गया. खासकर बुंदेलखंड के पांच जिलों को सबसे पहले इस योजना का लाभ देने के लिए चुना गया. यही वह समय था, जब बदलाव की बयार बुंदेलखंड के लोगों के लिए उम्मीद में बदल गई.
जल जीवन मिशन की उपलब्धियां
जल जीवन मिशन का मुख्य मकसद दिसंबर 2024 तक बुंदेलखंड के हर घर तक नल से जल पहुंचाना है. इस योजना के तहत मात्र चार सालों में ही बुंदेलखंड के घर-घर में नल से साफ पीने का पानी पहुंच रहा है. बुंदेलखंड में पीने के पानी की समस्या इतनी विकट थी कि इसकी वजह से यहां के लोग अपनी लड़कियों की शादी नहीं करते थे. मगर आज उसी बुंदेलखंड में जल जीवन मिशन की योजना खुशियों की सौगात लाई है. इस योजना के तहत हर घर में नल हो और उसमें से स्वच्छ पेयजल आता हो, इसका सपना साकार हुआ है. साथ ही जलजनित बीमारियों में कमी आने से यहां के लोगों का स्वस्थ जनजीवन भी बना है.
बुंदेलखंड पाइप पेयजल परियोजना
सूखाग्रस्त कहलाने वाले बुंदेलखंड के गांवों में घर-घर तक पेयजल पहुंचने के रास्ते खुल गए हैं. साथ ही गांव के लोगों को यहां बनाई गई परियोजनाओं में पंप ऑपरेटर, मोटर मैकेनिक, फिटर, इलेक्ट्रीशियन और मेसन के रूप में काम भी मिलने लगा है. हर घर जल योजना के तहत हर गांव वासी को प्रतिदिन 55 लीटर पानी की आपूर्ति की जाती है. सरकार स्कूली बच्चों के भविष्य और महिलाओं के जीवन को संवारने और उनके स्वास्थ्य का ध्यान भी रख रही है. गांव की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर गांव से पांच महिलाओं को पानी की टेस्टिंग की ट्रेनिंग दी जा रही है. महिलाएं गांव में फील्ड टेस्ट किट से पानी की जांच कर रही हैं.
जल जीवन मिशन योजना बनी रिश्तों की लाइफ लाइन
बुंदेलखंड के छतरपुर में कुछ ऐसे गांव थे, जहां जल संकट की वजह से लोग अपनी लड़कियों की शादी नहीं करते थे. जल जीवन मिशन योजना पहुंचने के बाद हालात बदले और साफ पीने का पानी पहुंचने लगा है. ऐसे गांवों के लिए जल जीवन मिशन योजना रिश्तों की लाइफ लाइन बनी है. पथरीली जमीनों पर पीने के पानी के लिए पाइपलाइन बिछाने, गांव-गांव पानी टंकियां बनाने, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने, जल स्त्रोतों को बढ़ाने और घर-घर तक नल से जल पहुंचाने का काम तेजी से किया गया है.
महिलाओं को मिली बड़ी राहत
मीलों दूर से पानी भरकर लाने वाली महिलाओं को घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचने से बड़ी राहत मिली है. खासकर बुंदेलखंड में महिलाओं को मीलों दूर से पानी भरकर लाना पड़ता था, लेकिन जल जीवन मिशन की योजना के शुरू होने के बाद से अब वे घर का कामकाज करने के साथ बच्चों की पढ़ाई में भी समय दे रही हैं और खुद भी पढ़ने के लिए समय निकाल पा रही हैं. इससे वे खुद का रोजगार स्थापित कर आत्मनिर्भर भी बन रही हैं.
रोजगार की दिशा में बढ़ रहे कदम
जल जीवन मिशन न सिर्फ गांव के इलाकों में नल से स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करा रहा है, बल्कि होनहार और जरूरतमंद लोगों को रोजगार भी प्रदान कर रहा है. शुद्ध पानी से दांतों की उम्र बढ़ने के साथ त्वचा रोगों से भी छुटकारा मिल रहा है. उल्टी, दस्त, हैजा, टाइफाइड, मलेरिया, डेंगू, दांत, हड्डी, किडनी, लीवर से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम हो रहा है.
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बदल गई बुंदेलखंड की पानी की कहानी
जल जीवन मिशन योजना के आने से वर्षों से बूंद-बूंद पानी को तरसने वाले बुंदेलखंड के लोगों की तकदीर बदल गई है. आज यहां हर घर में साफ-स्वच्छ पानी पीने का सपना पूरा हो रहा है. नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की हर घर नल से जल योजना बुंदेलखंड की नई कहानी बन गई है. जल जीवन मिशन की हर घर जल योजना ने प्रदेश के बड़े क्षेत्र को पेयजल के बड़े संकट से निजात दिला दी है. हजारों गांवों में नल से घर-घर शुद्ध पेयजल की आपूर्ति शुरू हो जाना इसका जीता जागता प्रमाण है.
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