
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के जबलपुर से एक ऐसा मामला आया है जिसे जानकर आपका भी दिल दहल जाएगा. यहां एक कलयुगी बेटे ने पहले तो अपनी 95 साल की बूढ़ी मां से पूरी जमीन हड़प ली और फिर उसे तपती छत पर मरने के लिए छोड़ दिया. जबलपुर में आसमान आग उगल रहा है, जबलपुर में तापमान 40 डिग्री से ऊपर चल रहा है. मामला उजागर होते ही प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची.
गुमनाम पत्र से खुली क्रूरता की पोल
मां... जिसने अपनी पूरी जिंदगी बच्चों की परवरिश में लगा दी, उसी मां को बुढ़ापे में अपने ही बेटे के अत्याचार का शिकार होना पड़ा. जबलपुर के गोहलपुर थाना क्षेत्र के नंदन विहार में एक बेटे ने अपनी मां को खुले आसमान के नीचे दहकती छत पर तड़पने के लिए छोड़ दिया, वह भी तब जब उसने अपनी मां से सारी संपत्ति अपने नाम करवा ली थी.
कैसे उजागर हुआ मामला?
पड़ोसियों के दिल को चीरती इस वृद्धा की वेदना आखिरकार ज्यादा दिनों तक छुप नहीं सकी. किसी ने गुमनाम पत्र लिखकर कलेक्टर को मां की पीड़ा से अवगत कराया. पत्र मिलते ही कलेक्टर दीपक सक्सेना ने तुरंत तहसीलदार और पुलिस की टीम को मौके पर भेजा.
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छत पर मिली दर्दनाक तस्वीर
जब अधिकारी नंदन विहार स्थित घर पहुंचे तो छत पर जो मंजर था, वह रोंगटे खड़े कर देने वाला था. भीषण गर्मी में वृद्धा एक फटी हुई पुरानी खाट पर बैठी हुई थी, सिर पर केवल एक पतली पन्नी तनी थी. सूरज की तपती किरणों और गर्म फर्श पर नंगे पैर बैठे रहना उसकी मजबूरी बन गई थी.
बताया जा रहा है कि कई महीनों से वृद्ध मां को ऐसे ही खुले में जीने पर मजबूर किया गया या कहे कि मारने का इंतजार किया जा रहा है, पहले जब मां नीचे आती थी तो बेटे ने सीढ़ियों पर गेट लगवा दिया, ताकि वह घर के भीतर न आ सके. खाने के नाम पर उसे बासी रोटियां और गंदे बर्तनों में पानी दिया जाता था.
क्या था पूरा मामला?
मेवा लाल गुप्ता की मां को पहले घर में सामान्य तरीके से रखा जाता था. लेकिन कुछ समय पहले बेटे ने मां से सारी जमीन-जायदाद अपने नाम करा ली. इसके बाद वृद्धा को घर से बेदखल कर छत पर भेज दिया गया. बेटे, बहू और नाती सभी ने उसकी उपेक्षा की, जबकि पड़ोसी वृद्धा की हालत देखकर आंसू बहाते रहे.
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर पहुंची टीम ने वृद्धा को तत्काल मुक्त कराया. फिलहाल वृद्धा को सुरक्षित स्थान पर रखा गया है और पड़ोसियों ने मांग की है कि उसे किसी अच्छे वृद्धाश्रम में भेजा जाए, जहां उसे सम्मानपूर्वक जीवन मिल सके.