Madhya Pradesh News : जबलपुर स्थित पंडित द्वारका प्रसाद मिश्रा भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी, डिजाइन और विनिर्माण संस्थान (Pandit Dwarka Prasad Mishra Indian Institute of Information Technology, Design and Manufacturing) को संक्षेप में आईआईआईटीडीएम (IIITDM) कहा जाता है. इन दिनों यह राष्ट्रीय संस्थान चर्चा में बना हुआ है. चर्चा इस बात की है कि पिछले चार दिनों से यहां बिजली गुल थी, वहीं जब चौथे दिन काम हुआ तो भी सुचारु रूप से बिजली व्यवस्था शुरू नहीं हो पायी. इस समस्या को लेकर यहां के छात्र परेशान हैं.
डिवाइस हुईं ठप्प
260 एकड़ में फैले इस विशाल परिसर में सोमवार को अचानक बिजली चली गई, कई दिन तक छात्र अपने परिवार जनों से संपर्क भी नहीं कर पाए क्योंकि उनके मोबाइल (Mobile), लैपटॉप (Laptop) और इंटरनेट डिवाइस (Internet Device) सभी डिस्चार्ज हो गए थे.
क्यों हुई यह समस्या?
ट्रांसफार्मर फेल हो जाने से प्रशासनिक भवन (Administrative Building), छात्रावास (Hostel)और आवासीय परिसर में बिजली की आपूर्ति बाधित हो गई है. फिलहाल किराए पर मंगाये गए 3 जनरेटर से अतिआवश्यक कार्यों के लिए बिजली की आपूर्ति की जा रही है. अभी भी रात 11 बजे के बाद अंधेरा पसर जाता है. सुबह दोबारा जनरेटर चालू कर बिजली का उपयोग किया जा सके इसलिए परिसर में रात 11 बजे से सुबह तक जनरेटर बंद रहता है.
छात्रावास में रहते हैं देश भर के स्टूडेंट
यह संस्थान पूर्णतः आवासीय संस्थान है. यहां देशभर के बच्चों के साथ-साथ स्थानीय स्टूडेंट भी हॉस्टल में रहकर पढ़ते हैं. इस वजह से छात्रावास में रहने वाले ढाई हजार से ज्यादा छात्र बिना बिजली के रहने को मजबूर हो रहे हैं. दो दिन कक्षाएं भी नहीं लगी. अब कुछ क्लासों में बिजली आपूर्ति की गई है.
छात्रों ने बताया कि जब तक विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं होती तब तक अवकाश घोषित कर दिया जाए. IIITDM में देश के अलग-अलग राज्यों के स्टूडेंट पढ़ते हैं. ऐसे में आसानी से उनका घर जाना और वापस आना भी सरल काम नहीं है.
परिसर में जंगली जानवरों का भी है खतरा
IIITDM का परिसर डुमना नेचर पार्क से लगा हुआ है. इस शहरी वन में अनेकों तरह के जंगली जानवर और तेंदुए रहते हैं, जो कभी भी IIITDM में प्रवेश कर जाते हैं. विद्युत प्रवाह बंद हो जाने से छात्र छात्राएं अपने कमरों में ही कैद होकर रह गए क्योंकि हिरण, बारहसिंगा, तेंदुआ, लोमड़ी जैसे कई जंगली जानवर आसानी से IIITDM परिसर में विचरण करते रहते हैं.
संस्थान परिसर में दो विद्युत इंजीनियर तैनात
IIITDM परिसर में विद्युत रख-रखाव के लिए पूर्णकालिक दो विद्युत इंजीनियर तैनात किए गए हैं, लेकिन जब विद्युत आपूर्ति बंद हुई तो वे समझ ही नहीं पाए कि यह समस्या क्यों आ रही है? उन्होंने प्रारंभिक तौर पर इसे एक छोटी सी समस्या मानकर काम शुरू किया, लेकिन बाद में पता चला कि पूरा ट्रांसफार्मर ही काम नहीं कर रहा है. उसके बाद किराए का ट्रांसफार्मर लाया गया, तब तक चार दिन से छात्र बिना बिजली व्यवस्था के रह रहे हैं. राष्ट्रीय स्तर के इस बड़े संस्थान में इस तरह की लापरवाही होना व्यवस्था में प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है.
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