MP News: मध्य प्रदेश के जबलपुर में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक फिल्मी अंदाज़ वाली कार्रवाई को अंजाम देते हुए घूसखोर जीएसटी इंस्पेक्टर को गिरफ्तार किया है. यह कार्रवाई इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि रिश्वत लेते ही आरोपी अफसर सीबीआई टीम को चकमा देकर भाग निकला, लेकिन आखिरकार उसे पकड़ने के लिए सीबीआई को करीब 10 किलोमीटर तक दौड़ लगानी पड़ी.
मामला केंद्रीय जीएसटी विभाग जबलपुर से जुड़ा है, जहां जीएसटी इंस्पेक्टर सचिन खरे और असिस्टेंट कमिश्नर विवेक वर्मा पर एक नामी होटल व्यवसायी से रिश्वत मांगने का आरोप है. जानकारी के अनुसार दोनों अधिकारियों ने होटल के लेन-देन में कथित अनियमितताओं का हवाला देते हुए करीब एक करोड़ रुपये की रिकवरी निकाल दी थी. इसके बाद मामला रफा-दफा करने के बदले होटल व्यवसायी विवेक त्रिपाठी से 10 लाख रुपये की घूस की मांग की गई.
जीएसटी इंस्पेक्टर ने ली चार लाख की घूस
पीड़ित होटल व्यवसायी ने इस पूरे मामले की शिकायत CBI से की. शिकायत का सत्यापन करने के बाद CBI ने ट्रैप की योजना बनाई. बुधवार को जबलपुर में आरोपी जीएसटी इंस्पेक्टर सचिन खरे ने घूस की पहली किस्त के तौर पर 4 लाख रुपये होटल व्यवसायी से लिए. इसी दौरान उसे CBI की कार्रवाई की भनक लग गई और वह मौके से भाग निकला.
स्टेंट कमिश्नर विवेक वर्मा भी गिरफ्तार
CBI टीम ने तत्काल पीछा किया और करीब 10 किलोमीटर की दौड़ के बाद आरोपी इंस्पेक्टर को धर दबोचा. बाद में मामले में संलिप्त असिस्टेंट कमिश्नर विवेक वर्मा को भी गिरफ्तार कर लिया गया. वहीं, जीएसटी विभाग के अधीक्षक मुकेश बर्मन की तलाश अभी जारी है, जो फिलहाल फरार बताया जा रहा है.
58 होटलों की सूची तैयार
CBI की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि इन अफसरों ने शहर की 58 होटलों की सूची तैयार कर रखी थी, जिनसे अवैध वसूली की योजना बनाई गई थी. CBI की इस कार्रवाई से रिश्वतखोर अफसरों की पूरी प्लानिंग धरी की धरी रह गई है. फिलहाल मामले की जांच जारी है और आगे और बड़े खुलासों की संभावना जताई जा रही है.
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