
Sagar News: कहते है कि बेटे परिवार का कंधा होते हैं, लेकिन इस बात को सागर की इन बेटियों ने गलत साबित कर दिया है. सागर (Sagar) के मकरोनिया उपनगर क्षेत्र में एक पिता के निधन पर उनकी 9 बेटियों ने मिलकर बेटे का फर्ज निभाया. पिता की अंतिम यात्रा से लेकर श्मशान (Cremation Ground) में मुखाग्नि देने तक का काम बेटियों ने किया. मौके पर मौजूद सभी लोग इस दृश्य को देखकर भावुक हो गए. बेटा नहीं होने पर बेटियों ने पिता की अर्थी को कंधा दिया और श्मशान तक साथ गईं. वहां हिंदू रीति रिवाज से बेटियों ने पिता का अंतिम संस्कार कराया.
एएसआई पद से रिटायर थे हरीशचंद्र
सागर जिले की मकरोनिया उप नगरीय क्षेत्र के महात्मा गांधी वार्ड निवासी हरीशचंद्र अहिरवार का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था. हरीशचंद्र दसवीं बटालियन में एएसआई के पद से रिटायर्ड थे और गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे. उनकी 9 बेटियां हैं. जिन्होंने जीवन भर बेटे की कमी महसूस नहीं होने दी. पिता के निधन के बाद भी बेटियों ने मुखाग्नि देकर पुत्र का फर्ज निभाया.

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9 बेटियां और एक भी बेटा नहीं
हरिश्चंद्र की 9 बेटियां हैं, जिनमें से 7 विवाहित हैं और दो बेटियां अविवाहित हैं. बेटियों ने पिता को हिंदू रीति रिवाज के अनुसार कंधा दिया. जिसने भी बेटियों को मुखाग्नि देते हुए देखा उनकी आंखें नम हो गईं. बेटियां मुक्ति धाम तक पिता की देह अपने कंधों पर लेकर गई. हरिश्चंद्र की बेटी वंदना ने बताया कि ब्रेन हेमरेज के चलते उनका निधन हुआ. सभी 9 बहनों ने मिलकर पिता को मुखाग्नि दी है.
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