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This Article is From Jul 24, 2024

MP News: इस शहर में ड्रोन से हुई ब्लड की सप्लाई, एक घंटे की जगह 16 मिनट में ही पहुंच गया खून

Madhya Pradesh Latest News: इंदौर के मेडिकेयर अस्पताल के संचालक के 16 वर्षीय पोते पार्थ लाहोटी ने ड्रोन पर रिसर्च कर यह पाया कि विश्व के कई देश अब ड्रोन के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं. लिहाजा, इसके माध्यम से लोगों की जान बचाई जा सकती है, तो फिर क्यों न इंदौर में भी ड्रोन का इस्तेमाल किया जाए. इसके बाद उसने ड्रोन की एक कंपनी से कांटेक्ट किया. इसके बाद ड्रोन कंपनी ने भी इंदौर में दो ट्रायल की अनुमति दे दी.

MP News: इस शहर में ड्रोन से हुई ब्लड की सप्लाई, एक घंटे की जगह 16 मिनट में ही पहुंच गया खून

Indore News: इंदौर के एक मेडिकेयर अस्पताल ने ड्रोन से ब्लड बैग पहुंचाने का सफल ट्रायल रन किया है. इंदौर से मेवाड़ा अस्पताल महू तक खून पहुंचाया गया. उन दोनों अस्पतालों की बीच की दूरी 23 से 25 किलोमीटर है. सड़क के रास्ते से ब्लड पहुंचाया (Blood Transportation) जाता, तो इसमें कम से कम एक घंटे का समय लगता, लेकिन इस अस्पताल तक यह बल्ड ड्रोन के जरिए मात्र 16 मिनिट में पहुंच गया.

दरअसल, इंदौर के मेडिकेयर अस्पताल के संचालक के 16 वर्षीय पोते पार्थ लाहोटी ने ड्रोन पर रिसर्च कर यह पाया कि विश्व के कई देश अब ड्रोन के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं. लिहाजा, इसके माध्यम से लोगों की जान बचाई जा सकती है, तो फिर क्यों न इंदौर में भी ड्रोन का इस्तेमाल किया जाए. इसके बाद उसने ड्रोन की एक कंपनी से कांटेक्ट किया. इसके बाद ड्रोन कंपनी ने भी इंदौर में दो ट्रायल की अनुमति दे दी.

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Photo Credit: NDTV

सफल रहा ट्रायल

फिर क्या था, एयरपोर्ट अथॉरिटी और इंदौर जिला पुलिस से परमिशन लेकर इंदौर में वह कारनामा कर दिखाया, ताकि किसी भी मरीज को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा सके. इंदौर में किए गए इस ट्रायल रन की जानकारी देते हुए पार्थ लाहोटी ने बताया कि जो टारगेट था, उसे टारगेट के हिसाब से इंदौर शहर से महू तक ड्रोन की सहायता से ब्लड  का एक बैग पहुंचा दिया गया है. 

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... तो बचेंगी कैसड़ों जिदगियां

आपको बता दें कि हर दो सेकंड में भारत में किसी न किसी को खून की जरूरत पड़ती है. हर रोज़ 12000 से ज्यादा लोग ब्लड सही समय पर नहीं मिलने की वजह से अपनी जान गंवा देते हैं. एक कार एक्सीडेंट की वजह से ही किसी को 5 यूनिट तक ब्लड लग जाता है. कैंसर के इलाज के दौरान 100 यूनिट तक ब्लड लगना आम बात हो गई है. ऐसे में अगर ड्रोन के माध्यम से ब्लड एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक पहुंचाने की सुविधा मिल सकेगी, तो ऐसे कई लोगों की जान बचाई जा सकेगी, जिनकी जान अभी वक्त पर खून नहीं मिलने के कारण चली जाती है.

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