MP News in Hindi : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के नरसिंहपुर (Narsinghpur) में एक परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है क्योंकि परिवार ने 9 दिन के मासूम बच्चे को खो दिया है. नन्हे बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. परिजनों का कहना है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ने बच्चे को दो इंजेक्शन लगाए... जिसके बाद नवजात की संदिग्ध तरीके से मौत हो गई. बहरहाल, 9 दिन के मासूम की इस तरीके से मौत अपने आप में पूरे स्वास्थ्य विभाग पर सवाल खड़े कर रही है. इधर, परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है और उनकी मांग है कि मामले में जांच की जाए.
पहले भी उठ चुके कई सवाल
मलूम हो कि नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से लगातार लापरवाही की घटना सामने आती रहती है. बीते दिनों भी यहां से एक मामला सामने आया था जिसमें जच्चा और बच्चा दोनों की मौत हो गई थी. ये घटना भी सुर्ख़ियों में रही थी. एक बार फिर 9 दिन के नवजात की मौत से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सवालों के घेरे में नज़र आ रहा है. बता दें कि ज़िला प्रशासन पर मामले की अनदेखी और लीपापोती के भी आरोप लगे हैं. इसके अलावा ऐसा कहा जा रहा है कि प्रशासन ने औपचारिक कार्रवाई कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया.
बच्चे की मौत पर जांच की मांग
दरअसल, श्रीनगर के रहने वाले एक माता-पिता अपने नवजात बच्चे को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाए थे. बता दें कि 9 दिन के इस नवजात की तबीयत काफी ख़राब थी. जब बच्चे को अस्पताल लाया गया तो यहां के डॉक्टरों ने उसे दो इंजेक्शन लगा दिए. इसी के बाद बच्चे की अचानक से मौत हो गई. परिजनों ने ड्यूटी डॉक्टर पर गलत उपचार देने से मौत का आरोप लगाया हैं. मौत के बाद परिजनों ने हंगामा करते हुए उचित जांच के साथ दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
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