MP News in Hindi: स्वच्छता में सिरमौर रहने वाले इंदौर (Indore) को भिखारी मुक्त बनाने की कवायद की जा रही है. इसी बीच महिला व बाल विकास विभाग की टीम की बड़ी लापरवाही सामने आई. दरअसल, महिला व बाल विकास विभाग की टीम इंदौर नगर निगम की सफाईकर्मी को भिखारी समझकर पकड़ लिया और फिर उज्जैन के सेवा धाम आश्रम भेज दिया. इस दौरान महिला बोलती भी रही कि वो भिखारी नहीं है, बल्कि निगमकर्मी है, लेकिन महिला व बाल विकास विभाग की टीम ने एक भी नहीं सुनी.
भिखारी समझ अधिकारियों ने सफाईकर्मी को पकड़ा
महिला भिखारी सरोज नगर निगम के जोन 20 के वार्ड न. 6 की सफाईकर्मी है. दरअसल, सफाईकर्मी सरोज बीते गुरुवार से लापता थी. जिसके बाद परिजनों ने महिला की तलाशी शुरू की. इधर, 4 दिन तक काम पर नहीं आने के बाद निगम के अधिकारी भी सफाईकर्मी सरोज की तलाशी में जुट गए. इस दौरान पता चला कि सफाईकर्मी सरोज को महिला व बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने भिखारी समझकर पकड़ लिया और फिर उज्जैन के सेवा धाम आश्रम भेज दिया. हालांकि 7 दिन बाद परिजन महिला को उज्जैन के सेवा धाम आश्रम से छुड़ाकर घर ले आए हैं.
महिला सफाईकर्मी का आरोप
सरोज ने बताया कि उस दिन वह निगम की सफाई कर्मी की साड़ी नहीं पहने हुए थी. वहीं झाड़ू लगाने के बाद थककर मंदिर के नजदीक छांव में बैठी हुई थी. इसी दौरान महिला व बाल विकास विभाग के अधिकारी वहां आ गए और उसे पकड़ लिया. मैं रेस्क्यू करने वाली टीम से कहती रही कि मैं भिखारी नहीं हुई, खुद को निगमकर्मी भी बताया, लेकिन अधिकारी की टीम ने एक भी नहीं सुनी. हालांकि आरोप लगने के बाद महिला व बाल विकास विभाग ने सरोज का भीख मांगते हुए वीडियो जारी किया है.
ये भी पढ़े: भिखारी मुक्त इंदौर में फिर मिले मालामाल भिखारी! पर्स में पैसे देखकर फटी रह गई अधिकारियों की आंखें