Indore Latest News: इंदौर के रीगल तिराहे पर तीन दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे एनआरआई गौरव अहलावत (Gaurav Ahlawat) न्याय की उम्मीद में संघर्ष कर रहे हैं. उनका आरोप है कि एक फैक्ट्री मालिक ने उन्हें धोखा देकर उनकी फैक्ट्री हड़प ली है. न्याय के लिए कई विभागों के दरवाजे खटखटाने के बाद भी समाधान न मिलने पर उन्होंने महात्मा गांधी प्रतिमा के पास धरना शुरू कर दिया.
अपर कलेक्टर ने मिलकर दिलाया न्याय का भरोसा
भूख हड़ताल के तीसरे दिन अपर कलेक्टर रोशन राय ने मौके पर पहुंचकर गौरव अहलावत से उनकी समस्याएं सुनीं. इस दौरान उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी शिकायतों को वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा और मामले में कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.
अपर कलेक्टर ने दी ये प्रतिक्रिया
“हम दोनों पक्षों की बात को गहराई से समझेंगे और इसे जल्द से जल्द उच्च अधिकारियों तक पहुंचाकर समाधान निकालने का प्रयास करेंगे. कानून के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी.”
दूसरा पक्ष भी धरने पर, लगाए गंभीर आरोप
इस दौरान, गौरव अहलावत के धरने के पास एक अन्य पक्ष भी धरने पर बैठा नजर आया. उनका दावा है कि गौरव अहलावत ने उनके पैसे वापस नहीं किए हैं और लंबे समय से उनसे मुलाकात करने से बच रहे हैं. इस मामले में रूसी नागरिक भी शामिल हैं, जिन्होंने आरोप लगाए कि अहलावत उनके साथ व्यापारिक धोखाधड़ी में लिप्त हैं. उन्होंने कहा कि हमने कई बार गौरव अहलावत से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी. अब हमारे पास धरना देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.
मामले में होगी कानूनी कार्रवाई
अपर कलेक्टर रोशन राय ने दोनों पक्षों की समस्याएं सुनीं और कहा कि इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे. मामले की गंभीरता को देखते हुए, इसे उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा. संबंधित विभागों से संपर्क कर कानूनी जांच शुरू की जाएगी.
न्याय की उम्मीद में संघर्ष जारी
गौरव अहलावत और दूसरे पक्ष के आरोप-प्रत्यारोप के बीच यह मामला जटिल बन गया है. अब देखना होगा कि प्रशासन इस पर कैसे कार्रवाई करता है और पीड़ितों को न्याय कैसे दिलाया जाता है. गौरव अहलावत का कहना है कि जब तक मुझे न्याय नहीं मिलेगा, मैं इस धरने को जारी रखूंगा. यह मेरी मेहनत की कमाई का सवाल है.
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इस घटना ने न केवल प्रशासन बल्कि समाज का ध्यान भी आकर्षित किया है. न्याय पाने की यह लड़ाई दोनों पक्षों के लिए महत्वपूर्ण है. प्रशासन और कानूनी तंत्र पर निर्भर करेगा कि वे इस मामले को कैसे सुलझाते हैं और किसे न्याय मिलता है.
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