
Campaign Against Stray Dogs: देश का पहला भिक्षावृत्ति मुक्त शहर बनने के बाद इंदौर शहर को अब स्ट्रे डॉग्स मुक्त शहर बनाने के लिए प्रयास शुरू किए गए हैं. दरअसल, इंदौर शहर में तेजी से बढ़ते स्ट्रे डॉग्स के शिकार के मामलों के देखते हुए अगले 6 माह तक इंदौर जिला प्रशासने एक अभियान छेड़ने का फैसला किया है.
आजादी के 78 साल बाद पहली बार खरगोन जिला मुख्यालय पहुंचेगी ट्रेन, रफ्तार पर है आदिवासी बाहुल्य जिले में सर्वे का काम
फिलहाल इंदौर शहर में करीब 32 हजार स्ट्रीट डॉग्स हैं
गौरतलब है इंदौर में आवारा कुत्तों की संख्या तेजी से बढ़ने से प्रशासन सहित शहर वासियों हैरान है. एक अनुमान के मुताबिक शहर में फिलहाल करीब 32 हजार स्ट्रीट डॉग्स हैं और साल 2025 में अकेले इंदौर शहर में कुत्तों के शिकार लोगों की संख्या 90 हजार के आंकड़े को पार कर गई है.
44000 से ज्यादा लोग डॉग बाइट के शिकार हो चुके हैं
पिछले साल ही इंदौर के एक मात्र रेबीज टीकाकरण केंद्र हुकुमचंद पोली क्लिनिक में करीब 44 हजार से ज्यादा लोग डॉग बाइट के शिकार हो चुके हैं. इतना ही नहीं, डॉग बाइट के चलते शहर में रेबीज के इंजेक्शन की खपत प्रतिदिन 600 के आंकड़े को पार कर चुकी है.
Dead Women Alive: छिंदवाड़ा में 10 महीने से घूम रही है 'मृत' महिला ! जानिए कागजों में खुद को जिंदा दिखाने की अजीब कहानी
भिक्षावृति की तर्ज पर स्ट्रे डॉग्स के खिलाफ चलेगा अभियान
इंदौर में भिक्षावृत्ति की सूचना देने पर प्रोत्साहन राशि एक हजार रुपये देने का प्रावधान है. उसी प्रकार कुत्तों के बारे में सूचना देने पर प्रोत्साहन राशि को लेकर कल की बैठक में चर्चा की गई है. यह अभियान आगामी छह महीने के लिए बनाया गया है और यदि आवश्यकता लगी तो समय सीमा और बढ़ाई जा सकती है.