
Insurance Claims: इंदौर के मोटर दुर्घटना दावा प्राधिकरण (Motor Accident Claims Authority) ने बीमा कंपनी ओरिएंटल इंश्योरेंस (Oriental Insurance) को क्लेम के तौर पर 4 करोड़ 85 लाख 39 हजार रुपए भुगतान करने का आदेश दिया है. ब्याज सहित ये राशि 6.14 करोड़ बैठती है. प्राधिकरण ने सड़क दुर्घटना में अपने परिवार के मुखिया को गंवाने वालों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए ये आदेश दिया. इसके साथ ही प्राधिकरण ने अपने फैसले में यह भी साफ कर दिया है कि अगर क्लेम की राशि दो माह में नहीं दी जाती, तो ब्याज सहित परिवार को 7 करोड़ से ज्यादा का बीमा क्लेम देना होगा.
दरअसल, 15 से 16 सदस्यों का परिवार चलाने वाले इंदौर के एक व्यक्ति की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. यह दुर्घटना अप्रैल 2019 में जबलपुर जिले के सिहोरा बाईपास के पास हुई थी. इस हादसे में अपनी कार से जा रहे कौसर अली को एक ट्रक ने टक्कर मार दी गई थी, जिसमें कौसर अली की मौके पर ही मौत हो गई थी.
60 दिन में क्लेम नहीं देने पर देना होगा 7 करोड़
इसके बाद परिवार के लोगों ने अधिवक्ता राजेश खंडेलवाल और उनके सहयोगियों के माध्यम से मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण में दुर्घटना के संदर्भ में क्लेम का दावा प्रस्तुत किया था. इसी मामले में प्राधिकरण ने अब 4 करोड़ 85 लाख 39 हजार का दुर्घटना बीमा क्लेम देने का आदेश पारित किया है. इसके साथ ही प्राधिकरण ने अपने आदेश में कहा है कि अगर बीमा कंपनी 60 दिन के भीतर यह राशि नहीं देती है, तो ब्याज सहित 7 करोड़ रुपए देने पड़ेंगे.
वकील ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का दिया हवाला
मृतक परिवार छिंदवाड़ा जिले के ग्राम पाला चौरई का रहने वाला है. प्राधिकरण से मिली इस बड़ी जीत पर अधिवक्ता राजेश खंडेलवाल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि जहां बीमा कंपनी का ऑफिस है, वहीं क्लेम दायर कर जल्द से जल्द दुर्घटना में मृतक के परिवार को न्याय मिलना चाहिए. उन्होंने बताया कि इसी को आधार बनाकर मृतक परिवार की ओर से इंदौर में ही यह केस दायर किया था. इस मामले में मोटर दुर्घटना दावा प्राधिकरण के न्यायाधीश अविनाश शर्मा ने अब यह फैसला सुनाया. इस फैसले में प्राधिकरण ने यह माना कि ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी का ऑफिस इंदौर में है और जिस वाहन से दुर्घटना हुई है, वह भी इंदौर का ही था.
सालाना आय के आधार पर मिला क्लेम
अधिवक्ता ने बताया कि मृतक कौसर अली सरकारी ठेकेदार थे. मृतक माइन के कांट्रेक्टर थे. मौत के वक्त मृतक की सालाना आय 36 लाख 82 हजार 240 रुपए मानी गई है. मौत के वक्त उनकी उम्र 43 वर्ष प्रमाणित हुई थी, उस हिसाब आय बढ़ोतरी मानते हुए मृतक की वार्षिक आय 46 लाख 2 हजार 800 रुपए आंकी गई. उसी हिसाब से इंदौर शहर में शहर का अब तक की सबसे बड़ी बीमा क्लेम के भुगतान का आदेश पारित किया गया है.
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