Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के उज्जैन में सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय के लॉ डिपार्टमेंट में पर्याप्त शिक्षक क्यों नहीं? यह सवाल इंदौर हाईकोर्ट ने विश्व विद्यालय प्रशासन से पूछा है.शिक्षकों की कमी से परेशान विद्यार्थियों द्वारा लगाई याचिका है. परेशान छात्र कई बार आंदोलन भी कर चुके हैं.
दरअसल विश्वविद्यालय में लॉ डिपार्टमेंट में 637 छात्र-छात्राएं हैं. लेकिन उन्हें पढ़ाने के लिए शिक्षक सिर्फ दो ही हैं. इस कारण डेढ़ साल से पढ़ाई नहीं होने पर विद्यार्थी करीब दो महीनों से डिपार्मेंट न जाते हुए शिक्षकों की पूर्ति के लिए प्रदर्शन कर ज्ञापन दे रहे हैं. बावजूद समस्या का हल नहीं होने पर छात्रों ने विक्रमादित्य विश्वविद्यालय के 47 छात्रों ने रजिस्ट्रार, VC दिल्ली और हायर एजुकेशन भोपाल को पार्टी बनाते हुए इंदौर हाईकोर्ट में याचिका लगा दी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर तीनों से जवाब मांगा है.
चाहिए 10, हैं सिर्फ 2 शिक्षक
लॉ के छात्र दीपक कुमार ने कहा कि हमने 21नवंबर को इंदौर हाईकोर्ट में रीट पिटीशन दायर की और 28 नवंबर को पहली सुनवाई में कोर्ट के समक्ष समस्या रखी.बताया कि BA.LLA और LLM में 637 विद्यार्थी हैं, जिन्हें दो ही नियमित शिक्षक पढ़ा रहे हैं. उसमें से भी एक का ट्रांसफर हो गया,हालांकि वह रिलीव नहीं हुईं. नियमानुसार 10 शिक्षकों होना चाहिए.इसलिए पिटिशन लगाई ,कोर्ट ने जवाब भी मांगा, लेकिन एक महीना हो गया पर अभी तक विश्वविद्यालय ने जवाब पेश नहीं किया.
फीस 32000, पढ़ाई जीरो
छात्र शिवांग पांडेय ने बताया कि प्रत्येक सेमेस्टर की फीस 29700 है परीक्षा फॉर्म व अन्य मिलकर लगभग 32000 रुपये हो जाते हैं. यहां मध्यप्रदेश के साथ कई राज्यों के छात्र हैं सभी का भविष्य संकट में है. हर रोज 1 बैच की 5 कक्षा लगती है कुल 11 बैच हैं 55 कक्षाएं हुई और पढ़ाने वाला एक शिक्षक. छह महीने बिना शिक्षक के पढ़ाई कर पास हुए,बाद में बार- कॉउंसिल से नोटिस पर यहां 2 शिक्षक भेजे थे।
भैंस के साथ प्रदर्शन
छात्राओं का कहना है कि डेढ़ सालों से शिक्षकों के नहीं होने पर डिपार्टमेंट जाना बंद कर दिया. सभी जिम्मेदारों को ज्ञापन दिए. विश्वविद्यालय के मेन गेट पर ताला लगा दिया. कई बार प्रदर्शन किए. विश्वविद्यालय परिसर और शहर भर में भैंस चराकर संदेश दिया की बिना ज्ञान की डिग्री लेकर भैंस ही चराना है. साथ ही सब कोशिशे की अंततः न्यायालय की शरण लेना पड़ी. बावजूद अब भी जिम्मेदार विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में 4धंकेलने में लगे हुए है.
कोर्ट में देंगे जवाब
सम्राट विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु अर्पण भारद्वाज ने कहा कि शासन, अतिरिक्त संचालक ने शिक्षक उपलब्ध करवाएं है और विश्वविद्यालय के रिसर्च स्कॉलर से भी विद्यार्थियों को शिक्षा देने का काम कर रहे हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन न्यायालय को उत्तर देने के लिए सभी तरह से स्टडी कर रहा है. हमारे सभी प्रयास और उपलब्ध संसाधनों की जानकारी एकत्रित कर रहे हैं जल्द उचित जवाब न्यायालय को पेश करेंगे.