
Indore News: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा इंदौर शहर से जुड़े यातायात से संबंधित मामलों में महापौर पुष्यमित्र भार्गव को न्याय मित्र (Amicus Curiae) के रूप में नियुक्त किया गया है. इस नियुक्ति का उद्देश्य न्यायालय को निष्पक्ष, तथ्यपरक और विशेषज्ञ सलाह प्रदान करना है, ताकि न्यायिक प्रक्रिया में यातायात प्रबंधन, शहरी विकास तथा जनहित के मुद्दों पर संतुलित और सूचित निर्णय लिया जा सके. उच्च न्यायालय ने यह निर्णय यातायात व्यवस्था, नागरिक सुविधाओं, एवं इससे जुड़े जनहित याचिकाओं को दृष्टिगत रखते हुए लिया है. महापौर के अनुभव और शहरी विकास में सक्रिय भागीदारी को देखते हुए न्यायालय ने उन्हें यह महत्वपूर्ण दायित्व सौंपा है.
भार्गव ने क्या कहा?
इस प्रकरण में मंगलवार को सुनवाई की गई, जिसमें न्यायालय के समक्ष विभिन्न पक्षों की दलीलों के साथ महापौर द्वारा प्रस्तुत सुझावों और तथ्यों पर विस्तृत चर्चा हुई. यह मामला न केवल यातायात और अवसंरचना से जुड़ा है, बल्कि इसमें आम नागरिकों की भागीदारी और उनके सुझावों को भी विशेष महत्व दिया जा रहा है.
महापौर भार्गव ने कहा कि 35 लाख की जनसंख्या और लगभग समान संख्या में वाहनों वाले शहर में नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई के लिए ठोस कदम उठाना आवश्यक है. इस दौरान इंदौर जिला प्रशासन की ओर से कलेक्टर आशीष सिंह, पुलिस प्रशासन की ओर से पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह और नगर निगम की ओर से आयुक्त शिवम वर्मा भी न्यायालय में उपस्थित रहे.
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