
Neemuch Rail News: गर्मी के मौसम में हर कंठ को ठंडे पानी की दरकार होती है. खासतौर से तब, जब हम किसी अजनबी शहर या घर से बाहर होते है. कई लोग तो आसानी से बोलात बंद पानी खरीद कर पी लेते हैं, लेकिन गरीब और निम्न मध्यम वर्ग के लोगों के लिए खरीदकर पानी पीना काफी महंगा होता हैं. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के नीमच (Neemuch) में पिछले 27 वर्ष से एक समिति बिना शोर-शराबे के रोजना हजारों लोगों को निःशुल्क शुद्ध और ठंडा पानी पिला रही है.
समिति कर रही नेक काम
यह समिति रेल यात्रियों, बस यात्रियों और जिला अस्पताल में उपचारत मरीजों एवं उनके परिजनों के लिए वरदान साबित हो रही है. इस समिति का नाम जल सेवा समिति है, जो आज से करीब 27 साल पहले 1998 में अस्तित्व में आई. शहर के कुछ आध्यत्मिक, सामजिक सरोकार की सोच रखने वाले व्यवसाइयों, सेवानिवृत्त कर्मचारियों और अलग-अलग क्षेत्र से जुड़े लोगों ने रेल यात्रियों की पेयजल की परेशानी को समझा और लोगों को पानी पिलाने का संकल्प किया. तब दर्जन भर लोग थे और आज इसमें 100 से अधिक लोग जुड़ गए हैं, जो निस्वार्थ भाव से तन मन और धन से जल सेवा में लगे है.
ट्रेन के हर कोच तक पानी
जल सेवा समिति द्वारा नीमच रेलवे स्टेशन के सभी प्लेटफॉर्म पर शुद्ध और ठंडा पानी यात्रियों को निःशुल्क उपलब्ध करवाया जा रहा है. इसके लिए 22 स्टील की ट्रॉलियां बनाई गई हैं, जिनमें दो-दो बड़ी टंकियों में आरो का ठंडा पानी भरकर ट्रेन आने के कुछ देर पहले रखा जाता है. ट्रेन आते ही प्रत्येक कोच के सामने खड़ी कर दी जाती है, ताकि अधिक से अधिक यात्रियों को कम समय में पानी पिलाया जा सके.
हर क्षेत्र और आयु वर्ग की सहभागिता
इस कार्य में शहर के बड़े कारोबारी, रेलवे, CRPF, सेना, शिक्षा विभाग, नगर पालिका, आदि विभागों के सेवानिवृत्त एवं कार्यरत कर्मचारी जो सदस्य है सहभागी बनते हैं. इसमे 18 वर्ष के युवा से लेकर 80 वर्ष के बुजुर्ग सेवा देते है. इनके अलावा रेलवे स्टेशन पर समिति द्वारा 10 वेतनिक कर्मचारी भी नियुक्त किये हुए. समय-समय पर रेलवे के कर्मचारी भी इस सेवा कार्य में स्वेच्छा से मदद करते रहते हैं.
देश का एकमात्र स्टेशन जहां पानी पिलाने की अनुमति दी गई
नीमच देश का संभवत एकमात्र रेलवे स्टेशन होगा, जहां रेलवे ने किसी समिति को लिखित में जल सेवा करने की अनुमति दी है. यहां समिति के प्रत्येक सदस्यों को आईडी कार्ड दिए गए ताकि उनकी पहचान सुनिश्चित हो सके. रेलवे स्टेशन पर समिति ने एक कक्ष बनाया है. यहां पानी को शुद्ध और ठंडा करने के लिए 20 हजार लीटर क्षमता का आरो सह चीलर प्लांट लगाया गया है. रेलवे ने इस कक्ष ने दूसरे प्लेटफार्म तक पानी ले जाने के लिए विशेष पाइपलाइन भी डाली है.
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समिति में न कोई अध्यक्ष न रजिस्ट्रेशन
पिछले 27 वर्ष से लगातार जन सेवा का काम करने वाली समिति को आज तक रजिस्टर्ड नहीं किया गया है. खास बात यह है कि समिति का ना कोई अध्यक्ष है ना कोई पदाधिकारी, सभी समान भाव से कार्य करते हैं. किसी को छोटा किसी को बड़ा नहीं समझा जाता. पिछले 27 साल से एक-एक पाई का हिसाब रखा जा रहा है, इसी वजह से दानदाताओं का पूरा विश्वास समिति पर है. समिति ने किसी भी सरकारी योजना या जनप्रतिनिधि से भी सहयोग नहीं लिया है. समिति ने जन सहयोग से 27 साल में डेढ़ करोड़ रुपये के संसाधन जुटाएं हैं. वहीं, प्रति माह वेतन और अन्य खर्चों को मिलाकर दो लाख रुपये व्यय हो रहे हैं.
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