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Need of Trains between Vidisha to Bhopal: विदिशा से भोपाल (Vidisha to Bhopal) हर दिन हजारों लोग जान हथेली पर लेकर अपना सफर (Travels Daily) तय करते हैं. इन दिनों लोकल ट्रेन मेमो में सफर तय करने वाली भीड़ ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. हर कोई अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए जान हथेली पर लेकर सफर कर रहा है. यहां रेलवे के कानून और नियम सारे धराशायी नजर (Railway Laws and rules broken) आ रहे हैं. भीड़ का कारण लोकल ट्रेन विंध्याचल और राजधानी का कैंसिल होना बताया जा रहा है.
बीना से भोपाल चलती है मेमू ट्रेन
बीना से भोपाल चलने वाली एक मात्र लोकल ट्रेन, जो सभी स्टेशनों पर रुकती है, इस ट्रेन में सभी गरीब जनता सफर तय कर भोपाल पहुंचती है. एक मात्र ट्रेन होने की वजह से यात्री ट्रेन के गेट पर लटक कर जाते हैं. गंजबासौदा से यशपाल यादव रोज इसी तरह मेमू ट्रेन से भोपाल अप-डाउन करते हैं. वे बताते हैं कि ट्रेन में इतनी भीड़ चल रही है कि बोगियों में बैठने की छोड़िए, खड़े होने की जगह मिल जाए तो हम अपने आपको किस्मत वाला समझते हैं.
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हजारों लोग गेट में लटक कर सफर कर रहे हैं.
ट्रेन के गेट पर लटक कर सफर होता है तय
ट्रेन की बोगी पूरी तरह भरी होती है. जब लोगों को खड़े होने भी जगह नहीं मिलती तो लोग ट्रेन के गेट पर आधे लटक कर सफर तय करते हैं. ट्रेन की सभी बोगियों के गेट भीड़ से लदे नजर आते हैं. गर्मियों के सीजन में तपती धूप में गर्म ट्रेन का गेट पकड़कर आम जन भोपाल पहुंचते हैं. जिससे भोपाल तक पहुंचने के दौरान हर पल जान का खतरा बना रहता है.
रेलवे के सारे नियम हो जाते है धराशायी
यूं तो रेलवे प्रशासन के अपने नियम-कानून आम जन के लिए बनाए गए हैं, लेकिन मेमो ट्रेन में रेलवे सुरक्षा और नियम सारे धराशायी नजर आते हैं. रिकॉर्ड तोड़ भीड़ के लिए स्टेशनों पर कोई भी पुलिस जवान तैनात नहीं रहता. इतना ही नहीं, लोगों के लिए रेलवे की तरफ से एक भी अनाउंसमेंट नहीं कराया जाता कि इस तरह सफर तय करना आपकी जान जोखिम में डाल सकता है.
कई लोग हादसों का हो चुके शिकार
बीना से भोपाल के बीच मेमू ट्रेन से गिरने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. पुलिस में अज्ञात यात्री के नाम से मामला दर्ज कर लिया जाता है, लेकिन ट्रेन के गेट पर लटक कर सफर तय करने वालों के लिए कोई कानून अमल में नहीं लाया जाता. हाल ही में विदिशा खरी फाटक के पास एक युवक की गिरने की खबर आई, वहीं सांची के गुलगांव गेट पर एक युवक को ट्रेन से गिरकर अपनी जान गंवानी पड़ी थी.
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हजारों लोग भीड़ में जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर
भोपाल से विदिशा के बीच एकमात्र मेमू ट्रेन
विदिशा अपडाउनर्स संघ के अध्यक्ष आजम उद्दीन बताते हैं कि बीना से भोपाल हजारों की संख्या में लोग अप डाउन करते हैं. इसमें पढ़ने वाले बच्चे और भोपाल-विदिशा में काम करने वाले व्यक्ति रोज इसी तरह अप-डाउन करते हैं. मेमो में भीड़ बढ़ने का एक मुख्य कारण यह भी है कि लोकल ट्रेन एकमात्र ट्रेन है, जिसमे सबसे अधिक लोकल व्यक्ति ही सफर करता है. दूसरी कोई गाड़ी भी नहीं है, इसलिए अधिक भीड़ इस गाड़ी में देखी जाती है. सरकार अगर लोकल ट्रेनों की संख्या बढ़ा दे तो इस भीड़ में कमी हो सकती है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में भीड़ कम नहीं होगी बल्कि बढ़ेगी.
ट्रेन में बोगी बढ़ाने की कई बार हो चुकी मांग
रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य कमलेश सेन ने आम जन का मुद्दा उठाने पर NDTV का धन्यवाद किया. उन्होंने बताया कि वे छोटे-बड़े सभी प्लेटफॉर्म पर ट्रेनों की बोगी बढ़ाने की मांग कर चुके हैं. उन्होंने कहा, "अब तो बहुत सारी बड़ी गाड़ियों में स्लीपर कोच ही खत्म कर दिए. बीना से भोपाल एक बड़ा तबका अप-डाउन करता है. लोकल बोगी पूरी पैक हो जाती है. आखिर लोग कहां जाएं? इसके लिए हम सभी सांसदों को सैकड़ों की संख्या से पत्र लिखकर अवगत करा चुके हैं. ट्रेन की समस्या एक बड़ी समस्या है इसको सभी को मिलकर दूर करना होगा."
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