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This Article is From Jan 25, 2024

डॉग बाइट्स के मामले में ABC गाइडलाइन बनती है पेंच, जानिए क्या कहते हैं इसके नियम...

Animal Birth Control Rules 2023: इन नियमों का उद्देश्य ABC कार्यक्रमों के जरिए आवारा डॉग्स की नसबंदी और टीकाकरण (Sterilization and Immunization) के लिये दिशा-निर्देश प्रदान करना है. एबीसी कार्यक्रमों को चलाने की ज़िम्मेदारी संबंधित स्थानीय निकायों, नगर पालिकाओं, नगर निगमों और पंचायतों की है.

डॉग बाइट्स के मामले में ABC गाइडलाइन बनती है पेंच, जानिए क्या कहते हैं इसके नियम...

Dog Bite Case in Bhopal: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया की 36 फीसदी और दक्षिण-पूर्व एशिया की 65 फीसदी रेबीज से होने वाली मौतें भारत में होती हैं. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल भी डॉग्स के आतंक से जूझ रही है. पिछले कुछ दिनों से यहां डॉग्स बाइट के मामले बढ़े हैं. कुछ बच्चों की मौत भी हो चुकी है. वहीं डॉग बाइट्स के लगातार बढ़ रहे मामलों को मानव अधिकार आयोग ने भी संज्ञान में लिया है. जिसका जवाब देते हुए नगर निगम भोपाल (Municipal Corporation of Bhopal) की महापौर मालती राय ने कहा है कि नगर निगम (Municipal Corporation) अपना काम कर रहा है. हम डॉग्स को पकड़ कर नसबंदी करते हैं लेकिन हम उन्हें जंगल में या कहीं बाहर नहीं छोड़ सकते. वहीं नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने कहा है कि जिस क्षेत्र से शिकायत आ रही है हम उन क्षेत्रों में डॉग स्क्वॉड को पहुंचाकर सख्ती के साथ कार्रवाई करवा रहे हैं. हमें नियमों में रहकर काम करना होता है. ABC (Animal Birth Control Rules) एक्ट के तहत काम करना होता है. सूर्यवंशी जिस ABC एक्ट की बात कर रहे हैं, आइए उसके बारे में जानते हैं.

पहले जानिए क्या है ABC

ABC का पूरा नाम एनिमल बर्थ कंट्रोल यानी पशु जन्म नियंत्रण है. पिछले साल अप्रैल में मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने पशु जन्म नियंत्रण नियम, 2023 (Animal Birth Control Rules 2023) जारी किया है. यह नियम ने पशु जन्म नियंत्रण (डॉग) नियम, 2001 का स्थान लिया है, जिसे पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 (Prevention of Cruelty to Animal Act, 1960) के तहत जारी किया गया है.

इन नियमों को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भारतीय पशु कल्याण बोर्ड ( Animal Welfare Board) और आवारा पशुओं को होने वाली परेशानियों के उन्मूलन के लिये लोगों से संबंधित दिशा-निर्देशों के अनुसार तैयार किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न आदेशों में विशेष रूप से उल्लेख किया है कि कुत्तों के स्थानांतरण की अनुमति नहीं दी जा सकती है.

इन नियमों का उद्देश्य ABC कार्यक्रमों के जरिए आवारा डॉग्स की नसबंदी और टीकाकरण (Sterilization and Immunization) के लिये दिशा-निर्देश प्रदान करना है. एबीसी कार्यक्रमों को चलाने की ज़िम्मेदारी संबंधित स्थानीय निकायों, नगर पालिकाओं, नगर निगमों और पंचायतों की है. नगर निगमों को ABC और एंटी रेबीज़ कार्यक्रम को संयुक्त रूप से लागू करने की जरूरत है. यह नियम एक क्षेत्र में डॉग्स को स्थानांतरित किये बिना इंसानों और आवारा डॉग्स के संघर्ष से निपटने के तरीके पर दिशा-निर्देश प्रदान करते हैं. ABC के नियम कहते हैं कि आवारा कुत्तों को स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है, उनके साथ क्रूरता नहीं होनी चाहिए, उनकी देखभाल करनी चाहिए आदि.

ऐसा है सरकार का प्लान

भारत सरकार ने वर्ष 2030 तक कुत्तों से होने वाले रेबीज़ के उन्मूलन के लिये राष्ट्रीय कार्ययोजना (National Action Plan For Dog Mediated Rabies Elimination- NAPRE) है. इसको राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) द्वारा मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के सहयोग से तैयार किया गया है. रेबीज़ उन्मूलन के लिए इसका दृष्टिकोण विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं रेबीज़ नियंत्रण के वैश्विक गठबंधन (GARC) जैसी कई अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों की सिफारिशों पर आधारित है.

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