
Indore Ravan dahan: दशहरे पर हर साल रावण जलता है, लेकिन इस बार इंदौर में नज़ारा बिल्कुल हटके और अनोखा होने वाला है! दरअसल परंपरागत रावण दहन की जगह, इस साल यहां मैदान में 11 मुख वाली 'शूर्पणखा' के पुतले को फूंका जाएगा. यह चौंकाने वाला आयोजन कर रही है पत्नी पीड़ितों की संस्था 'पौरुष'. संस्था ने जब से इसका ऐलान किया है उसकी चर्चा शहर की गली-गली में हो रही है. 'पौरुष' का मानना है कि बुराई किसी भी शक्ल में हो—मर्द या औरत—उसका अंत (दहन) तो होना ही चाहिए. इसी सोच के साथ, इस बार रावण की जगह 'शूर्पणखा दहन' का आयोजन हो रहा है.संस्था की ओर जारी पोस्टर में सबसे बीच में सोनम रघुवंशी की तस्वीर है.
कौन हैं ये 11 'आधुनिक शूर्पणखाएं'?
इस 11 मुख वाले विशाल पुतले में उन खतरनाक महिला अपराधियों को प्रतीकात्मक रूप से दिखाया गया है, जिनके कारनामों ने देश को हिलाकर रख दिया है. संस्था का कहना है कि ये महिलाएं आज के समाज की 'कलयुगी शूर्पणखा' हैं. अब ये जान लेते हैं कि पुतले में किनके-किनके चेहरे होंगे और उनकी करतूतें क्या-क्या है?
कौन-कौन सी होंगी 'शूर्पणखाएं'?
1. सोनम रघुवंशी (इंदौर) – पति की हत्या की साजिश रचकर चर्चाओं में आई।
2. मुस्कान (मेरठ, नीले ड्रम वाली) – अपने प्रेमी संग मिलकर पति की हत्या की और लाश को ड्रम में छिपाया।
3. हर्षा (राजस्थान) – धोखाधड़ी और ठगी के कई मामलों में पकड़ी गई।
4. निकिता सिंघानिया (जौनपुर) – शादी का झांसा देकर युवक को ब्लैकमेल करने का आरोप।
5. सुष्मिता (दिल्ली) – कई करोड़ की साइबर ठगी और नकली कॉल सेंटर चलाने वाली गिरोह की सदस्य।
6. रविता (मेरठ) – जमीन विवाद में पूरे परिवार पर जानलेवा हमला करवाने का केस।
7. शशि (फिरोजाबाद) – बच्चों की तस्करी और अवैध गोद लेने के रैकेट में संलिप्त।
8. सूचना सेठ (बेंगलुरु) – पति को जहर देकर मारने और प्रॉपर्टी हथियाने की साजिश।
9. हंसा (देवास) – शराब तस्करी और अवैध धंधों में सक्रिय, कई बार जेल जा चुकी।
10. चमन उर्फ गुड़िया (मुंबई) – ड्रग्स सप्लाई और गैंगस्टर से संबंधों के लिए बदनाम।
11. प्रियंका (औरैया) – फर्जीवाड़ा कर करोड़ों की ठगी का मामला।
क्या है जुलूस और दहन का पूरा प्लान
संस्था 'पौरुष' के अध्यक्ष अशोक दशोरा ने बताया कि आयोजन की तैयारियां ज़ोरों पर हैं. शहरभर में बैनर-पोस्टर लगाए गए हैं और ऑडियो अनाउंसमेंट से लोगों को न्योता दिया जा रहा है. कार्यक्रम के दिन, महालक्ष्मी नगर मेला ग्राउंड से लेकर बॉम्बे हॉस्पिटल चौराहे तक 'शूर्पणखा' और उसकी 'सेना' का भव्य जुलूस निकलेगा. दहन का कार्यक्रम शाम को करीब 6:30 बजे महालक्ष्मी नगर मेला ग्राउंड पर होगा. संस्था ‘पौरुष' के अध्यक्ष अशोक दशोरा ने बताया कि इस आयोजन में रघुवंशी समाज के लोग और राजा रघुवंशी का परिवार भी शामिल होगा. संस्था का कहना है कि दशहरा सिर्फ रावण दहन तक सीमित नहीं होना चाहिए। समाज को यह समझना होगा कि आज भी हमारे आसपास ऐसे लोग मौजूद हैं जो बुराई का प्रतीक हैं। इसलिए यह संदेश देना जरूरी है कि “चाहे बुराई किसी भी रूप में सामने आए—उसका अंत होना ही चाहिए.
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