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'झुंड में आओगे तो क्या मैं झुक जाऊंगा'? कौन हैं ऐसा कहने वाले IAS स्वप्निल वानखेड़े, जिन्हें कहा जा रहा ‘सिंघम’

IAS Swapnil Wankhede: दतिया कलेक्टर IAS स्वप्निल वानखेड़े का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें वे कहते हैं पटवारियों पर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. उनकी बेबाक कार्यशैली के चलते लोग उन्हें MP का ‘सिंघम’ कहा जा रहा है. सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी छोड़कर चौथे प्रयास में 2015 में IAS बने वानखेड़े जहां भी पदस्थ रहे, वहां नवाचार, सख्ती और जनहित के कामों से अपनी एक अलग पहचान बनाई.

'झुंड में आओगे तो क्या मैं झुक जाऊंगा'? कौन हैं ऐसा कहने वाले IAS स्वप्निल वानखेड़े, जिन्हें कहा जा रहा ‘सिंघम’
IAS Swapnil Wankhede: दतिया कलेक्टर IAS स्वप्निल वानखेड़े का एक वीडियो वायरल.

IAS Swapnil Wankhede: “झुंड में आओगे तो क्या मैं झुक जाऊंगा” यह कहते हुए IAS स्वप्निल वानखेड़े का एक वीडियो सोशल मिडिया पर वायरल हो रहा है. लोग उन्हें MP का सिंघम कह रहे हैं. ऐसे में आइए जानते हैं दतिया कलेक्टर IAS स्वप्निल वानखेड़े के बारे में, जिन्होंने सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी छोड़कर UPSC की कठिन राह चुनी. कई असफलताओं के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और चौथे प्रयास में 2015 में 132वीं रैंक हासिल कर IAS बने. 

वर्तमान में दतिया कलेक्टर IAS स्वप्निल वानखेड़े का जन्म महाराष्ट्र के अमरावती जिले में हुआ है. उनके पिता शिक्षक टीचर थे और मां नर्स थीं. सरकारी नौकरी होने के कारण मां का हर तीन साल में ट्रांसफर होता था. इस कारण स्वप्निल वानखेड़े का भी शहर, स्कूल और दोस्त बदल जाते थे. स्वप्निल वानखेड़े की शुरुआती पढ़ाई अमरावती के सरकारी स्कूल में हुई. इसके बाद उनका दाखिला नवोदय विद्यालय में हो गया, जहां से उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने अपनी इंजनीयरिंग नागपुर यूनिवर्सिटी से की.

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चौथे प्रयास में मिली सफलता 

इंजनीयरिंग करने के बाद स्वप्निल वानखेड़े को बढ़िया नौकरी भी मिल गई और वे मुंबई चले गए. स्वप्निल वानखेड़े ने 3 साल तक नौकरी की, लेकिन उन्हें मजा नहीं आ रहा था. उनके मन में हमेशा यही ख्याल आता की लोगों की भलाई के लिए काम करना चाहिए. इसके बाद उन्होंने नौकरी से रिजाइन कर दिया और IAS बनने के लिए UPSC की राह पकड़ ली. लेकिन ये राह आसान नहीं थी. बार-बार असफल होने के बाद चौथे प्रयास में स्वप्निल वानखेड़े को सफलता मिली,  UPSC 2015 परीक्षा में स्वप्निल ने 132वीं रैंक हासिल की और IAS बने. हांलाकि, इससे पहले 2013 में उनका चयन असिस्टेंट कमांडेंट और 2014 में इनकम टैक्स में असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर भी हुआ था. 

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यहां मिली थी पहली पोस्टिंग 

IAS अधिकारी स्वप्निल वानखेड़े कई जिलों में पदस्थ रह चुके हैं. सबसे पहले उनकी पोस्टिंग तब के होशंगाबाद (आज नर्मदापुरम) में सहायक कलेक्टर के पद पर हुई थी. फिर वे राजनगर के SDM बने, रीवा-सीहोर में जिला पंचायत सीईओ रहे, नगर निगम जबलपुर कमिश्नर बने. इसके बाद सतना में एडिशनल कलेक्टर और फिर हरदा जिले में कलेक्टर के रूप में पदस्थ किए गए.  

जहां भी रहे शानदार काम से चर्चा में रहे

IAS स्वप्निल वानखेड़े MP के जिस जिले में भी रह हमेशा अपने काम से चर्चा में रहे. जबलपुर में पोस्टिंग के दौरान IAS वानखेड़े ने कबाड़ बसों से महिलाओं के नर्मदा नदी के किनारे चेंजिंग रूम बनवाए थे. इसके लिए लंदन में भी उनका सम्मान किया गया था. उन्होंने अनाथ बच्चियों की पढ़ाई की जिम्मेदारी भी उठाई. गरीब और जरूरतमंद छात्रों को फ्री में कोचिंग भी मुहैया कराई, ताकि वे पढ़ लिखकर अपने सपने पूरे कर सकें. IAS स्वप्निल वानखेड़े ने जबलपुर में रैन बसेरा भी बनाया था, जिसकी चर्चा देश भर में हुई थी. कलेक्टर स्वप्निल वानखेडे अपने कामों को लेकर कई बार सम्मानित हो चुके हैं. पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान भी उनका सम्मान कर चुके हैं. IAS स्वप्निल वानखेड़े सोशल मिडिया पर भी काफी सक्रिय रहते हैं. उनके वीडियो लाखों लोग देखते हैं.

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अब जानिए विडियो क्यों हो रहा वायरल?

जानकारी के अनुसार, हाल ही में दतिया कलेक्टर IAS स्वप्निल वानखेड़े ने शिकायत मिलने के बाद बसई के पटवारी शैलेंद्र शर्मा को निलंबित सस्पेंड कर दिया था. इस कार्रवाई के विरोध में पटवारी संघ के नेता कलेक्ट्रेट पहुंचे. इस दौरान IAS स्वप्निल वानखेड़े बैठक कर रहे थे, पटवारियों का शोर-शराबा सुनकर कलेक्टर स्वप्निल वानखड़े बाहर आए और नाराजगी जताई. उन्होंने कहा- दो-तीन नेताओं के चक्कर में 60-70 लोग आएंगे और मेरे ऊपर दबाव बनाओगे, तो क्या में झुक जाऊंगा. अगर, कोई बात या समस्या थी तो 2-3 लोग भी आकर बात सकते थे. भीड़ में आने का क्या मतलब है? ऑफिस छोड़कर आने से जनता के काम प्रभावित होते हैं. यह नहीं चलेगा, हम जनता के लिए काम करते हैं. 

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