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Chandipura Virus: कोरोना के बाद अब इस वायरस ने दी एमपी में दस्तक, लाइलाज होने से प्रशासन के उड़े होश

Bhopal News: चांदीपुरा वायरस के बढ़ते मामलों के बाद मध्य प्रदेश की सरकार अलर्ट हो गई है. इस मामले पर सरकार ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा, इसका कोई स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं है. यदि ऐसे लक्षण दिखें तो सावधान रहने की जरूरत है.

Chandipura Virus: कोरोना के बाद अब इस वायरस ने दी एमपी में दस्तक, लाइलाज होने से प्रशासन के उड़े होश
Chandipura Virus: कोरोना के बाद अब इस वायरस ने दी एमपी में दस्तक, लाइलाज होने से प्रशासन के उड़े होश.

MP News In Hindi: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में स्वास्थ्य विभाग (Health Department) बारिश के दिनों में चांदीपुरा वायरस को लेकर अलर्ट मोड पर है. गुरुवार को भोपाल में हेल्थ डिपार्टमेंट ने चांदीपुरा वायरस (Chandipura Virus) को लेकर एडवाइजरी जारी की. एडवाइजरी जारी करते हुए लिखा गया कि चांदीपुरा वायरस का कोई स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं है. सरकार ने स्वास्थ्य विभाग और डॉक्टर को सतर्क रहने की सलाह दी.

वायरस के लक्षण के आधार पर संदिग्ध प्रकरणों को उच्च स्वास्थ्य संस्थानों में रेफर करने के लिए कहा गया. एडवाइजरी में लिखा गया कि बीमारी से वेक्टर नियंत्रण व्यक्तिगत सुरक्षा और जन जागरूकता से ही बचाया जा सकता है.

अब तक का ये है अपडेट

जारी की गई एडवाइजरी एक पृष्ठ.

जारी की गई एडवाइजरी एक पृष्ठ.

यदि देखा जाए तो 18 साल से कम उम्र के बच्चे ज्यादातर इस वायरस की चपेट में आ रहे हैं. एडवाइजरी में यह भी कहा गया कि जून में गुजरात से आए 15 साल से कम उम्र के बच्चों में केस मिले थे. 31 जुलाई तक देश में 148 प्रकरणों में 59 प्रकरणों में मरीजों की मौत हो गई है. वहीं, 51 प्रकरणों में जिसमें चांदीपुरा वायरस की पुष्टि हुई है.

चांदीपुरा वायरस के लक्षण

  • तेज बुखार आना
  • मरीज को बुखार आने के बाद उल्टी का होना
  • मानसिक स्थिति या चेतना में परिवर्तन
  • बोलने में असमर्थ, संतुलन की हानि, दृष्टि में परिवर्तन शामिल हैं
  • लक्षणों में सिरदर्द, गर्दन में अकड़न, फोटोफोबिया और दौरे शामिल हो सकते हैं
  • सिरदर्द, गर्दन में अकड़न, फोटोफोबिया और दौरे शामिल हो सकते हैं
  • आक्षेप, दस्त

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गांव के नाम के आधार पर पड़ा नाम

सरकार ने स्वास्थ्य विभाग और डॉक्टर्स को सतर्क रहने की सलाह दी.

सरकार ने स्वास्थ्य विभाग और डॉक्टर्स को सतर्क रहने की सलाह दी.

एक मेडिकल दस्तावेज की मानें तो उसमें बताया गया है कि चांदीपुरा वायरस को पहली बार 1965 में नागपुर, महाराष्ट्र के एक गांव में बुखार से पीड़ित दो वयस्कों के खून से अलग किया गया था. कथित तौर पर इस वायरस का नाम उस गांव के नाम पर रखा गया था.

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