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Happy New Year : रिंग रोड़, साइबर तहसील, एयरपोर्ट, स्टेडियम- 2024 में किस-किस प्रोजेक्ट का MP में होगा शुभारंभ

Happy New Year 2024 : ग्वालियर एयरपोर्ट (Gwalior Airport) 180 एकड़ में बनने जा रहा है. अब इसका आकार 30 हजार वर्गफीट से बढ़कर 2 लाख वर्गफीट हो जाएगा. यह इंदौर और भोपाल के एयरपोर्ट से बड़ा होगा. ₹450 करोड़ की लागत का एयर टर्मिनल सौर ऊर्जा से संचालित होगा. इसके अलावा, मुंबई-ग्वालियर फ्लाइट अब चार दिन चलेगी. ग्वालियर-चंबल में 4300 करोड़ रुपए की नलजल योजना की शुरुआत भी होगी.

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Happy New Year : रिंग रोड़, साइबर तहसील, एयरपोर्ट, स्टेडियम- 2024 में किस-किस प्रोजेक्ट का MP में होगा शुभारंभ

Year Ender 2023 : नया साल (New Year) नई उम्मीद (New Hope) , नए संकल्प (New Resolutions), नई ऊर्जा और उमंग (New Energy and Enthusiasm) लेकर आता है. नए साल में हमको इस सवाल का भी बेसब्री से इंतजार रहता है कि आखिर आपके शहर और प्रदेश में क्या कुछ नया होने वाला है? इस सवाल का जवाब हम आपको इस खबर के माध्यम से देने का प्रयास कर रहे हैं. आइए जानते हैं मध्य प्रदेश में 2024 यानी नए साल में किन-किन अहम प्रोजेक्ट्स का शुभारंभ हो सकता है.

 1 जनवरी, 2024 से पूरे प्रदेश में साइबर तहसील व्यवस्था

मध्य प्रदेश में 1 जनवरी, 2024 को प्रदेश में साइबर तहसील व्यवस्था (Cyber Tehsil System) का लोकार्पण किया जाएगा. इस कार्यक्रम के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री (Chief Minister of Madhya Pradesh) डॉ मोहन यादव (Dr Mohan Yadav) ने केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह (Union Home and Cooperatives Minister Amit Shah) को आमंत्रित किया है. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह को नववर्ष में प्रदेश को अपनी उपस्थिति से अनुग्रहित करने और पूरे प्रदेश में साइबर तहसील व्यवस्था लोकार्पित करने का अनुरोध किया, जिसे केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने सहर्ष स्वीकार किया है.

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की प्रदेश की जनता को दी गयी संकल्प-पत्र 23 की गारंटियों की पूर्ति के लिए मध्य प्रदेश सरकार दृढ़ संकल्पित है. इसी क्रम में 1 जनवरी, 2024 से पूरे प्रदेश में साइबर तहसील की अवधारणा लागू करने का निर्णय लिया गया है.

साइबर तहसील व्यवस्था में आधुनिक तकनीक के उपयोग से बिना पृथक से आवेदन दिए पारदर्शी तरीके से रजिस्ट्री के 15 दिन की समय-सीमा में क्रेता के पक्ष में नामांतरण किया जा सकेगा और खसरा-नक्शा में भी तत्काल सुधार किया जा सकेगा. पहले चरण में इस प्रक्रिया को केवल ऐसे अविवादित प्रकरणों में लागू किया जा रहा है जहां विक्रय पूरे खसरे का है. बाद में इसे सभी प्रकार के अविवादित नामांतरण और बँटवारे में लागू किया जाएगा. साइबर तहसील के माध्यम से ऑनलाइन, पेपरलेस और फ़ेसलेस प्रक्रिया से नामांतरण होने से प्रदेश शासन 'सुशासन से सुराज' की दिशा में आगे बढ़ेगा.

Year Ender 2023 : 2024 में होगा शुभारंभ

Year Ender 2023 : 2024 में होगा शुभारंभ

लगभग ₹1000 करोड़ का फ्लाईओवर  

संस्कारधानी के नाम से विख्यात जबलपुर एक ऐतिहासिक शहर है, इस शहर का विस्तार सुनियोजित तरीके से न होने के कारण यातायात की समस्या हमेशा बनी रहती है. पुराने शहर के साथ-साथ नए शहर का भी विस्तार हो रहा है, लेकिन कई ऐसे स्थान हैं जहां जाने के लिए अभी भी पुराने शहर से होकर ही गुजरना पड़ता है. सड़के अब छोटी पड़ने लगी हैं. दो पहिया और चार पहिया वाहनों (Two Wheeler and Four Wheeler Vehicles Parking) की पार्किंग और गाड़ियों की बढ़ती संख्या के कारण यातायात अब बहुत मुश्किल है. इसके समाधान के लिए जबलपुर के तत्कालीन सांसद राकेश सिंह (Rakesh Singh) ने भूतल एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से जबलपुर को मध्य प्रदेश के सबसे लंबे एलिवेटेड कॉरिडोर फ्लाईओवर ब्रिज (Madhya Pradesh's Longest Elevated Corridor Flyover Bridge) की सौगात दिलाई है. लगभग ₹1000 करोड़ का यह फ्लाईओवर 2024 में पूरा हो जाएगा. इससे जबलपुर का यातायात सुगम हो जाएगा. अभी इसके एक हिस्से का लोकार्पण किया जा चुका है. इंजीनियरिंग और तकनीक के हिसाब से भी यह फ्लावर अपने आप में बहुत सुंदर है.

मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री राकेश सिंह (Cabinet Minister Rakesh Singh) ने बतया कि इसकी कुल लागत लगभग ₹960 करोड़ एवं लम्बाई 5.905 किलोमीटर है. इस प्रोजेक्ट में 6 रैंप, केबल स्टे ब्रिज एवं मदन महल चौक पर एलिवेटेड रोटरी बनाई जा रही है. इस ब्रिज में जो केवल स्टे ब्रिज है, उसकी कुल लंबाई 385.5 मीटर है. यह ब्रिज मदन महल रेलवे स्टेशन के ऊपर से गुजरता है, जिसमें विशेष तकनीकी का उपयोग किया जा रहा है. इसमें जमीन से बिना किसी सपोर्ट के कंक्रीट स्लैब की ढलाई का कार्य किया जा रहा है. फ्लाइओवर का काम लगभग  90% कार्य पूर्ण हो चुका है. वर्ष 2024 में यह जनता को लोकार्पित होगा.


एयरपोर्ट का विस्तार, ग्वालियर-चंबल में ₹4300 करोड़ की नलजल योजना 

ग्वालियर एयरपोर्ट (Gwalior Airport) 180 एकड़ में बनने जा रहा है. अब इसका आकार 30 हजार वर्गफीट से बढ़कर 2 लाख वर्गफीट हो जाएगा. यह इंदौर और भोपाल के एयरपोर्ट से बड़ा होगा. ₹450 करोड़ की लागत का एयर टर्मिनल सौर ऊर्जा से संचालित होगा. इसके अलावा, मुंबई-ग्वालियर फ्लाइट अब चार दिन चलेगी. ग्वालियर-चंबल में 4300 करोड़ रुपए की नलजल योजना की शुरुआत भी होगी.

ग्वालियर में निरंतर बढ़ती यात्री संख्या को ध्यान में रखते हुए, एयर इंडिया एक्सप्रेस के सहयोग से ग्वालियर से दिल्ली और ग्वालियर से बेंगलुरु के बीच नए वर्ष में अतरिक्त उड़ानें संचालित की जाएंगी. 14 जनवरी 2024 को मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर शुरू होने वाली इन उड़ानों से यात्रियों को सुविधा तो मिलेगी ही, साथ ही ग्वालियर का दिल्ली एवं बेंगलुरु से जुड़ाव और मजबूत होगा.

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि ग्वालियर में बन रहे नए टर्मिनल की आधारशिला पिछले साल गृह मंत्री अमित शाह ने रखी थी. ग्वालियर हवाईअड्डे पर 500 करोड़ रुपये की लागत से ढाई लाख स्क्वायर फीट में चार एयरोब्रिज के साथ डोमेस्टिक टर्मिनल का निर्माण हो रहा है. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यह भी विश्वास दिलाया कि यह टर्मिनल भवन भारत के इतिहास में सबसे कम रिकॉर्ड समय (15 महीने) में तैयार होगा.

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₹3500 करोड़ की रिंग रोड हो रही है तैयार

जबलपुर शहर सभी दिशाओं में राष्ट्रीय राजमार्गों (National Highway) से घिरा हुआ है. यहां 6 राष्ट्रीय राजमार्ग शहर में आकर मिलते हैं. वहीं बढ़ते भारी वाहनों के यातायात (Heavy Vehicle Traffic) के दबाब को कम करने के लिए जबलपुर के चारों तरफ एक वृहत आउटर रिंग रोड (Ring Road) की बहुत आवश्यकता थी. जबलपुर के सांसद राकेश सिंह ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Union Road Transport Minister Nitin Gadkari) के जबलपुर आगमन पर रिंग रोड़ स्वीकृति का प्रस्ताव दिया था, जिस पर उन्होंने तत्काल स्वीकृति दी थी. उसके बाद प्रारम्भिक ₹3500 करोड़ की लागत से जबलपुर में 118 किलोमीटर लंबी मध्य प्रदेश की सबसे लंबी रिंग का भूमिपूजन भी नितिन गडकरी द्वारा किया गया था.

जबलपुर के चारों ओर बनने वाली 118 किमी लंबी रिंग रोड़ का कार्य प्रारंभ हो चुका है. रिंग रोड के साथ इसमें पीपीपी मोड पर लॉजिस्टिक हब भी बनाया जाएगा. साथ ही नर्मदा नदी के ऊपर भेड़ाघाट के समीप आइकॉनिक ब्रिज बनाया जाएगा. इसमें प्रमुख मार्गों के साथ जंक्शन पर पार्किंग की सुविधा के साथ वे साइड (Way Side) एमिनिटीज का भी प्रावधान किया गया है. इस रिंग रोड से भेड़ाघाट एवं एयरपोर्ट (Jabalpur Airport) भी सीधे जुड़ेंगे. इसमें एक्सेस कंट्रोल पद्धति पर फोरलेन सड़क दोनों ओर सर्विस रोड़ सहित प्रस्तावित है. इसे अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ क्लोज्ड टोलिंग की पद्धति पर बनाया जा रहा है. इससे जबलपुर के यातायात को नई दिशा मिलेगी, साथ ही शहर के अंदर यातायात का दबाब कम होगा और सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी.

ग्वालियर का शंकरपुर स्टेडियम इंटरनेशनल मैच के लिए तैयार

ग्वालियर ही नहीं पूरे मध्य प्रदेश के क्रिकेट प्रेमियों (Cricket Lovers) के लिए एक बड़ी ही खुशीखबरी सामने आयी है. ग्वालियर के बाहरी इलाके पुरानी छावनी के नजदीक शंकरपुर में आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित नए स्टेडियम का लंबे समय से निर्माण कार्य चल रहा था. अब इस नए मैदान का कार्य पूरा हो चुका है. मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (MPCA) और ग्वालियर डिवीजन क्रिकेट एसोसिएशन (GDCA) के पदाधिकारियों ने नए स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय मुकाबले के लिए तैयारियां करने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास शुरू कर दिए हैं. 

जीडीसीए के सचिव संजय आहूजा ने बताया कि नए स्टेडियम में दूधिया रोशनी के लिए फ्लड लाइट के लिए छह पोल लगाए गए हैं. इनमे से तीन एलईडी पोल पूरी तरह खड़े हो चुके हैं. शेष तीन पोल अगले दो-तीन दिन में खड़े होने की पूरी उम्मीद है. दोनों पवेलियन का इंटीरियर का काम अंतिम दौर में चल रहा है. इस नवीन स्टेडियम में 30 हजार दर्शकों की बैठने की व्यवस्था की गई है साथ ही दर्शकों के लिए जरूरी प्रसाधान के लिए भी व्यवस्था की गई है. 

ज्योतिरादित्य सिंधिया का सपना हो रहा साकार

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर स्टेडियम की फोटो शेयर करते हुए लिखा था कि "ग्वालियर स्थित निर्माणाधीन क्रिकेट स्टेडियम में फ्लडलाइट की शुरुआत के साथ ही मेरा सपना साकार होने के एक कदम और करीब आ गया. मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ का यह स्टेडियम, ग्वालियर-चंबल की क्रिकेट प्रतिभाओं को निखारने और मध्य प्रदेश में क्रिकेट को मजबूत आधार देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. यह अत्याधुनिक स्टेडियम, जल्द ही अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैचों को आयोजित करने वाले स्टेडियम में शामिल होगा जो पूरे क्षेत्र के लिए गर्व की बात होगी."

ग्वालियर में 24 फरवरी 2010 को ग्वालियर के कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम में आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच भारत और साउथ अफ्रीका के बीच खेला गया था.  2010 से 2023 तक कोई यहां कोई मैच नहीं खेला गया, क्योंकि बीसीसीआई के नियम के अनुसार अंतरराष्ट्रीय मैच के लिए  क्रिकेट एसोसियेशन का अपना स्टेडियम होना अनिवार्य है. अभी तक जीडीसीए के पास नगर निगम का रूप सिंह स्टेडियम था, सारे मैच भी उसी में खेले गए. लेकिन नए नियम के बाद अंतरराष्ट्रीय मैच मिलना बंद हो गए थे. अब जीडीसीए का स्टेडियम बनकर तैयार हो गया है, इसलिए एक बार फिर ग्वालियर में मैच खेलने की तैयारी की जा रही है.

Year Ender 2023 : जबलपुर एयरपोर्ट मॉडल

Year Ender 2023 : जबलपुर एयरपोर्ट मॉडल

डुमना एयरपोर्ट का ₹423 करोड़ से विस्तार

जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट का 423 करोड़ रुपए से विस्तार हो रहा है. यह राशि अभी बढ़ाने की संभावना है. टर्मिनल बिल्डिंग रनवे बनकर तैयार हो गया है. जनवरी-फरवरी 2024 में इसका लोकार्पण संभवत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. यहां पर 9000 वर्ग फीट में एक नई टर्मिनल बिल्डिंग बनाई गई है. चेक इन काउंटर्स, एलीवेटर एस्केलेटर, आधुनिक पैसेंजर बिल्डिंग, फायर फाइटिंग सिस्टम, डिस्पले बोर्ड्स और 300 कारों की पार्किंग व्यवस्था वर्तमान में की गई है. एयरपोर्ट के विस्तार के बाद उम्मीद है कि जबलपुर में बड़े विमान का आवागमन शुरू होगा, जिससे एयर टिकट्स में कमी होगी. वर्तमान में एयर इंडिया, इंडिगो एयरलाइंस अपनी सेवाएं दे रहे हैं. यह एयरपोर्ट आधुनिक एयरपोर्ट के रूप में स्थापित किया जा रहा है.

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