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ग्वालियर का पर्यटन मास्टर प्लान बनेगा, हैरीटेज, जंगल सफारी और वाटर स्पोर्ट्स टूरिज्म होंगे शामिल

ग्वालियर में पर्यटन को नई पहचान देने के लिए विस्तृत पर्यटन मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है. इसमें हैरीटेज टूरिज्म, जंगल सफारी, वाइल्ड लाइफ और वाटर स्पोर्ट्स को प्रमुख रूप से शामिल किया जाएगा. तिघरा क्षेत्र, शहर के ऐतिहासिक स्थल, तानसेन की जन्मस्थली बेहट, हरसी बांध और मुरैना के धार्मिक स्थलों को जोड़कर टूरिस्ट सर्किट विकसित करने की योजना है.

ग्वालियर का पर्यटन मास्टर प्लान बनेगा, हैरीटेज, जंगल सफारी और वाटर स्पोर्ट्स टूरिज्म होंगे शामिल

मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक शहर ग्वालियर का “पर्यटन मास्टर प्लान” तैयार किया जाएगा. इसे लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. इसका विस्तृत ब्लूप्रिंट तैयार करने के लिए जिला कलेक्टर रुचिका चौहान ने संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की और पर्यटन मास्टर प्लान में सहयोग करने के निर्देश दिए.

पर्यटन मास्टर प्लान तैयार करने के लिए शासन द्वारा IPE ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को कंसलटेंट नियुक्त किया गया है. इस मास्टर प्लान में हैरीटेज, वाइल्ड लाइफ और जंगल सफारी, वाटर स्पोर्ट्स टूरिज्म को शामिल करते हुए ग्वालियर के पर्यटन विकास की रूपरेखा तैयार की जा रही है.

ग्वालियर के तिघरा क्षेत्र में वाटर टूरिज्म, सेंचुरी क्षेत्र में जंगल सफारी और वाइल्ड लाइफ टूरिज्म और शहर में हैरीटेज आधारित टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा. बारादरी, बैजाताल, महाराज बाड़ा, संगीत सम्राट तानसेन की जन्मस्थली बेहट, भदावना और मिट्टी से निर्मित एशिया के सबसे बड़े बांध हरसी को भी पर्यटन मास्टर प्लान में शामिल किया जाएगा.

बैठक का हुआ आयोजन

इसे लेकर कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक आयोजित की गई. बैठक में बताया गया कि तिघरा क्षेत्र में वाटर टूरिज्म के लिए लगभग 200 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है. शहर के प्रमुख पर्यटन स्थलों बारादरी, बैजाताल और महाराज बाड़ा को भी पर्यटन मास्टर प्लान में शामिल किया जाएगा. कलेक्टर रुचिका चौहान ने संगीत सम्राट तानसेन की जन्मस्थली बेहट, भदावना और एशिया के सबसे बड़े मिट्टी के बांध हरसी को रूरल टूरिज्म के रूप में विकसित कर पर्यटन मास्टर प्लान में शामिल करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं.

पर्यटकों को रोकने पर फोकस

कलेक्टर रुचिका ने कहा कि पर्यटन मास्टर प्लान इस तरह तैयार किया जाए, जिससे आगरा–ग्वालियर–ओरछा टूरिस्ट सर्किट पर आने वाले पर्यटक ग्वालियर में रात्रि विश्राम के लिए आकर्षित हों. इसके लिए पर्यटकों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ पर्यटन स्थलों पर नए आकर्षण विकसित किए जाएं. साथ ही मुरैना जिले के ककनमठ, बटेश्वर मंदिर श्रृंखला, पढ़ावली और मितावली को जोड़ते हुए प्रभावी टूरिस्ट सर्किट विकसित करने के निर्देश दिए गए.

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