Police Driver Murder Case : मध्यप्रदेश के ग्वालियर से अपराध की घटनाएं आए दिन देखने को मिल रही हैं. हालिया मामला हत्या का है, यहां एक आरक्षक का शव देर रात एसएएफ की 13वीं बटालियन (13th Battalion SAF) के पास झाड़ियों में पड़ा मिला. पुलिस ने हत्या में संदेही के रूप में मृतक के पिता और भाई को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि पिता भी एसएएफ में आरक्षक है.
कैसे मिली आरक्षक की लाश?
एडिशनल एसपी Additional Superintendent of Police (ASP) अमृत मीणा ने बताया कि रात डेढ़ बजे पुलिस पार्टी गश्त पर निकली थी. गश्त के दौरान कम्पू इलाके में 13वीं बटालियन के पास अंधेरे में एक बाइक पर तीन लोग जाते दिखाई दिए, पुलिस वालों ने उन्हें टोका लेकिन वे सीधे निकल गए. थोड़ी देर बाद वहीं बाइक लौटकर जाते हुए दिखी, लेकिन तब उस पर सिर्फ दो लोग ही सवार थे. इसके बाद पुलिस को आशंका हुई तो उसने आगे जाकर अंधेरे में झाड़ियों में सर्चिंग शुरू की और थोड़ी ही मेहनत के बाद वहां एक युवक की क्षत-विक्षत लाश पड़ी दिख गई. इसके बाद गश्त करने वाली पुलिस टीम ने वरिष्ठ अधिकारियों और थाने को सूचना दी. पुलिस और एफएसएल टीम ने वारदात की जगह की पड़ताल की और आसपास के साक्ष्य जुटाने के बाद शव को मुर्दाघर भिजवाया. इस बीच मृतक की शिनाख्त भी हो गई.
पिता और भाई हिरासत में लिए गए
मृतक की शिनाख्त अनुराग सिंह उर्फ शानू राजावत के रूप में हुई. यह भी पता चला कि वह भोपाल जिला पुलिस (Bhopal Police Driver) में चालक आरक्षक के रूप में पदस्थ है और अभी ग्वालियर में अपने पिता के पास आया था. पुलिस को पता चला कि उसके पिता का नाम सुखवीर सिंह राजावत है, जो एसएएफ की 13वीं बटालियन में पदस्थ हैं और यहीं के क्वाटर में अपने दूसरे बेटे गोविंद राजावत के साथ रहते हैं. इनकी पत्नी दीवाली से पहले अपने मायके गई हुई थी. पुलिस ने तत्काल उनके घर दबिश दी और दोनों को हिरासत में लिया.
नशे का आदी और शादी न होने से नाराज था अनुराग
पुलिस का कहना है कि अब तक की पूछताछ में उसके पिता और भाई ने बताया कि शानू घर का बड़ा बेटा था, लेकिन वह शराब और स्मैक का बहुत आदी था, जिससे सब परेशान थे. इसी कारण उसकी शादी भी नहीं हुई थी. लेकिन वह शादी न करने के लिए परिजनों को जिम्मेदार ठहराते हुए अक्सर लड़ता झगड़ता था और हिंसा पर उतर आता था. बीती रात भी ऐसा ही झगड़ा हुआ जिसमें उसकी मौत हो गई. पिता अपने छोटे बेटे को साथ लेकर उसकी लाश को ठिकाने लगाने बाइक से निकले थे, पुलिस के गश्ती दल ने देख लिया तो वे शव को ठिकाने लगाने दूर नहीं जा सके और थोड़ी ही दूर झाड़ियों में फेंककर वापस लौट आये, लेकिन पुलिस के हत्थे चढ़ ही गए.
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