MP News COTPA Act: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्वास्थ्य विभाग ने तंबाकू के प्रचार-प्रसार और स्कूलों के आसपास तंबाकू बेचने वालों के खिलाफ सोमवार को विशेष अभियान चलाया. इस दौरान कई दुकानदारों के खिलाफ कोटपा एक्ट (COTPA Act) के तहत कार्रवाई की गई.
ग्वालियर सीएमएचओ डॉ. सचिन श्रीवास्तव ने बताया कि ग्वालियर जिला कलेक्टर IAS रुचिका सिंह चौहान के निर्देश पर “तंबाकू मुक्त युवा अभियान 3.0” के तहत जिले में 13 दुकानदारों पर जिला तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ द्वारा कार्रवाई की गई. इन पर तंबाकू उत्पादों को गैरकानूनी तरीके से बेचने, प्रचार-प्रसार करने और स्कूलों के पास बेचने पर कुल 2200 रुपए का चालान किया गया.
यह कार्रवाई दर्पण कॉलोनी, ठाठीपुर और मयूर मार्केट क्षेत्र में की गई. सोमवार को हुई इस कार्रवाई दल में जिला नोडल अधिकारी डॉ. सौरभ सिंघाई, जिला मीडिया अधिकारी आई.पी. निवारिया, फ़ूड सेफ्टी ऑफिसर दिनेश निम, टीबी हेल्थ सुपरवाइजर कमलेश द्विवेदी और ठाठीपुर थाने का स्टाफ भदकारिया शामिल रहे.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सचिन श्रीवास्तव ने कहा कि युवाओं को तंबाकू सेवन के गंभीर दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि तंबाकू उत्पादों का अत्यधिक उपयोग युवाओं में मुख कैंसर के मामलों को बढ़ा रहा है.
डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि समय रहते बचाव और नियमित जांच बेहद जरूरी है. उन्होंने दुकानदारों और धूम्रपान करने वालों से अपील की कि स्कूलों के पास तंबाकू उत्पाद न बेचें और सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान न करें. उन्होंने चेतावनी दी कि अभी चालान की कार्रवाई की गई है, लेकिन अगर सुधार नहीं हुआ तो आगे एंट्री की कार्रवाई भी की जाएगी.
क्या है कोटपा एक्ट (COTPA Act 2003)?
कोटपा एक्ट 2003, जिसका पूरा नाम है “सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध और व्यापार, वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण का विनियमन) अधिनियम, 2003”, भारत सरकार द्वारा पारित एक सख्त कानून है. इसका उद्देश्य तंबाकू के सेवन को रोकना, सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर रोक लगाना और युवाओं को इसके दुष्प्रभावों से बचाना है.
कोटपा एक्ट के प्रमुख प्रावधान
सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध: होटल, रेस्तरां, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, कार्यालय और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करना अपराध है. तंबाकू उत्पादों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष विज्ञापन पूरी तरह प्रतिबंधित हैं. 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को तंबाकू उत्पाद बेचना गैरकानूनी है. किसी भी शैक्षणिक संस्थान के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू बेचना सख्त मना है. तंबाकू उत्पादों के पैकेट पर बड़े अक्षरों में “तंबाकू जानलेवा है” जैसी स्वास्थ्य चेतावनी लिखना जरूरी है. पहली बार उल्लंघन पर ₹1000 तक का जुर्माना या 2 साल की कैद. दोबारा उल्लंघन पर ₹5000 तक जुर्माना और 5 साल की कैद हो सकती है.
क्यों लागू होता है यह कानून?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में हर साल लाखों लोगों की मौत तंबाकू सेवन से जुड़ी बीमारियों जैसे मुख कैंसर, फेफड़े का कैंसर और हृदय रोगों से होती है. इसी खतरे को देखते हुए यह कानून लागू किया गया ताकि युवाओं को तंबाकू की लत से बचाया जा सके.