Gwalior Latest News: अनाथालय में रह रहे लोगों को गोद लेने की बातें, तो आम है. लोग दिव्यांग सेंटर से लेकर वृद्धाश्रम में रहने वालों को गोद लेते रहते हैं, लेकिन ग्वालियर में वन्य प्राणियों को गोद लेने और देने की अनूठी मुहिम शुरू हुई है. इसमें लोग टाइगर , लायन, तेंदुआ से लेकर हिप्पोपोटामस और बंदर तक गोद ले सकते हैं. दशहरे से इस अभियान की शुरू हुई, तो अजगर से लेकर घड़ियाल और मोर तक फटाफट गोद चले गए.
दरअसल, ग्वालियर नगर निगम की ओर से संचालित गांधी प्राणी उद्यान चिड़ियाघर में विभिन्न प्रजाति के सैकड़ों वन्य जीव रहते हैं. इन वन्य जीवों को गोद लेने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है. इस प्रक्रिया के तहत शहरवासी अपनी इच्छा के अनुरूप किसी भी वन्य प्राणी को गोद ले सकते हैं. गोद लिए गए वन्य प्राणी के वर्षभर के भोजन का खर्च गोद लेने वाले व्यक्ति को चिड़ियाघर में जमा करना होगा. यहां सभापति मनोज तोमर, नेता प्रतिपक्ष हरिपाल और नगर निगम आयुक्त अमन वैष्णव सहित कई अधिकारियों ने अपनी पसंद के वन्य प्राणियों को गोद लिया.
इन जीवों को लिया गया गोद
देश के सबसे पुराने गांधी प्राणी उद्यान चिड़ियाघर में विभिन्न प्रजातियों के शाकाहारी, मांसाहारी, सरीसृप और पक्षी रहते हैं. इन प्राणियों के प्रतिदिन भोजन और दवाइयां आदि का प्रबंध नगर निगम की ओर से किया जाता है. दशहरे के पर्व पर चिड़ियाघर प्रबंधन ने नगर निगम आयुक्त अमन वैष्णव की सहमति से वन्य प्राणियों को गोद देने की प्रक्रिया प्रारंभ की है. इस प्रक्रिया के तहत शहरवासी अपनी पसंद के अनुरूप किसी भी वन्य प्राणी को गोद ले सकते हैं. गोद लिए गए वन्यजीव की खुराक के अनुसार उसकी राशि चिड़ियाघर प्रबंधन को जमा कर रसीद प्राप्त कर सकते हैं. नगर निगम आयुक्त अमन वैष्णव ने शहरवासियों से अपील की है कि वह भी इस प्रक्रिया का हिस्सा बने और अपनी पसंद के वन्यजीव को गोद लेकर पुण्य लाभ कमाएं. यह अभिनव अभियान शुरू होते ही सभापति मनोज तोमर ने घड़ियाल, नेता प्रतिपक्ष हरि पाल ने अजगर, आयुक्त नगर निगम अमन वैष्णव ने देशी मोर के अलावा अफसरों ने हिरन , देशी बाउल , कछुए, लंगूर और बन्दर तक गोद ले लिए.
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किसके लिए चुकाने पड़े कितने पैसे
- टाइगर - 3.60 लाख
- लॉयन -3.60 लाख
- तेंदुआ -2.70 लाख
- हिप्पोपोटामस - 2.70 लाख
- हाइना - 1.62 लाख
- सियार - 1.80 लाख
- चिंकारा - 36 000
- घड़ियाल - 54 हजार
- अजगर - 5400
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