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खाद की किल्लत: आठ दिनों से भूखे-प्यासे लाइन में लगे किसान, कब खत्म होगा इंतजार?

Fertilizer crisis In Gwalior : अन्नदाता किसान ग्वालियर में परेशान हो रहा है. यहां खाद की किल्लत है. आठ-आठ दिनों से किसान खाद के लिए लंबी लाइन में लगे हैं. लेकिन जिम्मेदार अधिकारी खाद की कमी की बात नहीं स्वीकार्य रहे हैं. NDTV का सवाल ये है किसानों को लंबी लाइनों से छुटकारा कब मिलेगा?

खाद की किल्लत: आठ दिनों से भूखे-प्यासे लाइन में लगे किसान, कब खत्म होगा इंतजार?
खाद की किल्लत: आठ दिनों से भूखे-प्यासे लाइन में लगे किसान, अब कब खत्म होगा इंतजार?

MP News In Hindi: मध्य प्रदेश के कई जिलों की तरह ग्वालियर में भी खाद को लेकर काफी किल्लत देखने को मिल रही है, और किसान घंटों लाइन में लगकर खाद मिलने का इंतजार कर रहे हैं. बावजूद किसानों को खाद नहीं मिल पा रहा है. ऐसा ही कुछ नजर ग्वालियर में भी देखने को मिल रहा है, जहां किसान खाद को लेकर काफी परेशान हैं और कई दिनों से लाइनों में लगे किसान खाद मिलने का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन किसानों को खाद नहीं मिल पा रहा है, और इसी के चलते आक्रोशित किसानों ने ग्वालियर के कलेक्ट्रेट ऑफिस के पीछे पुतलीघर स्थित मध्य प्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ खाद भंडार किसानों ने कई बार हंगामा भी किया.

हंगामे की सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई मामला शांत भी कर दिया, लेकिन  कहीं न कहीं बेवश किसान काफी आक्रोशित हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि मंत्री से लेकर कलेक्टर तक कोई भी यह मानने तक को तैयार नही है कि खाद की कोई कमी है.
खाद के लिए लाइन में लगे किसान. परेशान होते हुए देखे जा सकते हैं.

खाद के लिए लाइन में लगे किसान. परेशान होते हुए देखे जा सकते हैं.

किसानों का कहना है जब टोकन व्यवस्था की गई है उसके बाद भी सहकारी समिति के जिम्मेदार अधिकारी कुछ लोगों को पैसे का लेनदेन कर उन्हें खाद वितरित कर रहे हैं जबकि दूर-दूर के गांव से आए, किसान पिछले 8 दिन से भूखे प्यासे लाइन में लगे हैं. बावजूद उन्हें  खाद नहीं मिल पा रहा है. कई महिलाएं भी खाद को लेकर लाइन में लगकर अपना इंतजार कर रहे हैं.

भंडार आने के बाद भी इधर-उधर घूमते रहते हैं

पुरुषों के साथ महिला भी खाद के लिए लाइन में खड़ी दिख रही है.

पुरुषों के साथ महिला भी खाद के लिए लाइन में खड़ी दिख रही है.

वहीं, किसानों का कहना है की सरकारी समिति के जिम्मेदार अधिकारी न तो समय पर खाद भंडार को खोलते हैं. बल्कि भंडार आने के बाद भी इधर-उधर घूमते रहते हैं और हम किसान लोग परेशान हो रहे हैं. वहीं, बड़ी संख्या में खाद की कालाबाजारी भी की जा रही है.

पैसा मांगने के लगे आरोप

डीएपी खाद के एक थैली 1350 की है, जबकि ब्लैक में उसकी 1500 रुपए की बेची जा रही है और यहां बैठे जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी उनसे पैसों की मांग करते हैं. अगर उन्हें पैसे दे दिए जाएं तो वह उन किसानों को खाद उपलब्ध करा देते हैं और जो किसान पैसे नहीं दे पाते उन्हें यूं ही परेशान किया जाता है, जबकि मौके पर मौजूद एक सहकारी समिति के जिम्मेदार कर्मचारियों किस को मां बहन की गंदी गाली देते भी नजर आ रहा है.

राज्य के उद्यानिकी मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने दो टूट शब्दों मे कहा खाद की कहीं कोई कमी नहीं है.बस पीक समय होने से वितरण में समय लगता है, जबकि लंबी-लंबी कतार खुद ही बयान कर रही है कि हालत है क्या ? 

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पर्याप्त मात्रा में खाद है-  कलेक्टर

इस पूरे मामले को लेकर कलेक्टर रुचिका चौहान से जब बात की गई, तो उनका कहना था की पर्याप्त मात्रा में खाद है और सभी किसानों को खाद उपलब्ध कराया जाएगा. इसको लेकर अपर कलेक्टर और एसडीएम की निगरानी में टीम बनाई गई है. जहां तक सवार कालाबाजारी का है, तो यह सिर्फ आरोप है जब किसानों को खाद नहीं मिलता या खाद मिलने में देरी होती है, तो इस तरीके के आरोप लगाते हैं, अगर किसी के पास पर्याप्त एविडेंस है तो वह मुझे उपलब्ध करा से उसके बाद दोषी संबंधित अधिकारी कर्मचारी पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.

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