Madhya Pradesh News: हाईकोर्ट ने ग्वालियर नगर निगम के अफसरों द्वारा शहर की बदहाल सफाई व्यवस्था पर नाराजगी जताते हुए उससे इंदौर की स्वछता व्यवस्था देखने का निर्देश दिया है. इसके बाद ग्वालियर नगर निगम का चार सदस्यीय दल इंदौर की सफाई व्यवस्था और कचरा प्रबंधन का निरीक्षण करने जा रहा है. इस दल में अपर आयुक्त, उपायुक्त सहित स्वच्छता विभाग के अधिकारी शामिल होंगे. इससे पहले, उच्च न्यायालय ने शहर की गंदगी को लेकर चल रही जनहित याचिका में सख्ती बरती थी.
न्यायालय के निर्देश पर इंदौर नगर निगम की एक टीम ने ग्वालियर का दौरा कर यहां की सफाई व्यवस्था में कमियां गिनाई थीं.यह जनहित याचिका क्रमांक 1653/2023 सरताज सिंह तोमर बनाम मध्यप्रदेश शासन के तहत उच्च न्यायालय खंडपीठ में चल रही है. न्यायालय ने इसमें शहर की सफाई व्यवस्था और कचरा प्रबंधन पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की थी.
याचिका मूल रूप से स्वर्ण रेखा नदी की सफाई से शुरू हुई थी. हालांकि, जब न्यायालय ने नदी में गंदगी के स्रोत के बारे में पूछा, तो यह सामने आया कि केदारपुर लैंडफिल साइट का कचरा बारिश के पानी के साथ बहकर नदी तक पहुंच रहा था.
इसके बाद, जनहित याचिका का दायरा नदी की सफाई के साथ-साथ कचरा प्रबंधन और संपूर्ण शहर की सफाई व्यवस्था तक बढ़ा दिया गया. ग्वालियर का दल अब इंदौर में इन सभी व्यवस्थाओं का अध्ययन करेगा . इंदौर से आई स्वच्छता के एक्सपर्ट ने ग्वालियर में सफाई व्यवस्था में कई कमियां गिनाई थी. नगर निगम ने इन कमियों को अभी तक पूरी तरह से ठीक नहीं किया है. इसके कारण आज भी शहर में कचरे के ठीये दिख रहे है.
शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर
शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं, सिटी सेंटर स्थितनगर, काचमिल ग्वालियर, पटेल दे की छावनी आदि स्थान ऐसे में जहां आज तक कचरे के ढेर खत्म नहीं कर पाया है. इसके साथ ही पॉश कॉलोनियों में राखाली भूखण्ड कचरे के डंपिंग स्टेशन बन चुके है.
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