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प्राचार्य के बिना चल रहे ग्वालियर-चंबल संभाग में 84 कॉलेज, उच्च शिक्षा प्रभारी प्राचार्यों के भरोसे

Principal Hiring Problem: ग्वालियर-चंबल संभाग में 84 कॉलेजों में से एक में भी नियमित प्राचार्य नहीं हैं. यहां नियुक्त आखिरी प्राचार्य भी गुरुवार को रिटायर हो गए. अब पूरी उच्च शिक्षा प्रभारी प्राचार्यों के भरोसे है. आइए आपको पूरे मामले के बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं.

प्राचार्य के बिना चल रहे ग्वालियर-चंबल संभाग में 84 कॉलेज, उच्च शिक्षा प्रभारी प्राचार्यों के भरोसे
ग्वालियर में सरकारी कॉलेजों में नियमित प्राचार्य नहीं

Principal Hiring Gwalior College: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर - चंबल संभाग में यूजी-पीजी के 84 सरकारी कॉलेजों में सिर्फ दो कॉलेजों, झलकारी बाई कॉलेज और पीजी कॉलेज दतिया में ही नियमित प्राचार्य थे. इनमें से एक कुछ महीने पहले सेवानिवृत हो गए थे. इसके बाद इकलौते प्रिंसिपल भी गुरुवार को अपनी नौकरी से विदा ले गए. बाकी सभी कॉलेज प्रभारी प्राचार्य के भरोसे चल रहे हैं. करीब आठ साल से उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रोफेसरों का प्रमोशन नहीं किए जाने से यह कॉलेजों में प्राचायों में पद खाली पड़े हैं. इससे कॉलेजों में शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है.

सरकारी कॉलेजों में प्रिंसिपल नहीं

सरकारी कॉलेजों में प्रिंसिपल नहीं

खास बात यह है कि जिले में लीड कॉलेज सरकारी माधवराव मिधिया स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय में भी प्रभारी प्राचार्य प्रो. बीपीएस जादौन है. इनमें सिर्फ झलकारी बाई महाविद्यालय में प्राचार्य प्रो. बीएल अहिरवार व पीजी कॉलेज दतिया में प्राचार्य डॉ. डीआर राहुल प्राचार्य है. इनमें से दतिया के प्राचार्य पिछले महीने और प्रो. बीएल अहिरवाऱ आज सेवानिवृत हो गए. ग्वालियर जिले में 14 कॉलेज हैं.

नियमित प्राचार्य नहीं

एक तरफ, प्रदेश में कॉलेजों की संख्या बढ़ रही है. सरकार उच्च शिक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही हैं. लेकिन, उनमें नियमित प्राचार्य देने की जगह प्रोफेसर को प्रभारी प्राचार्य बनाया जा रहा है. जबकि, हकीकत ये हैं कि केआरजी कॉलेज की कमान प्रभारी प्राचार्य डॉ. साधना श्रीवास्तव के हाथों में है. जबकि एमएलबी, साइंस कॉलेज, भगवत सहाय, एसएलपी, वीआरजी सहित अन्य कॉलेजों में भी प्रभारी प्राचार्य है. इधर, प्राचार्यों की नियुक्ति नहीं हो रही है. लगातार प्रोफेसर और प्राचार्य सेवानिवृत्त होते जा रहे हैं. बीते साल प्रदेश में लगभग 15 प्रोफेसर और प्राचार्य सेवानिवृत्त हो गए हैं. इससे भी प्राचार्यों की संख्या कम होती जा रही है.

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नोडल अधिकारी ने कही ये बात

कॉलेजों के नोडल अधिकारी प्रो. वीपीएस जादौन खुद प्रभारी प्राचार्य हैं. वे कहते हैं कि यह सरकार का मामला हैं. हम कुछ नहीं बोल सकते. जबकि, अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा ग्वालियर चंबल संभाग प्रो. केरत्नम का कहना हैं कि ग्वालियर-चंबल संभाग में प्राचार्य के खाली पदों के संबंध में समय-समय पर शासन को पत्र लिखा गया है. प्राचार्य की नियुक्ति और प्रमोशन शासन स्तर से ही होनी है. वरिष्ठता के आधार पर प्रभारी प्राचार्य को कॉलेजों की जिम्मेदारी दी गई है.

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