
प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर नकेल कसने के लिए मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में स्कूली बच्चों और उनके अभिभावकों को उचित दाम पर किताबें, ड्रेस और अन्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए एक नया प्रयोग किया गया है. जिसके तहत किताबें, ड्रेस, स्टेशनरी एक ही छत के नीचे बुक फेयर (पुस्तक मेला) में मिलेंगी. जिला प्रशासन की पहल पर 7 दिवसीय बुक मेले का शुभारंभ विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर, कैबिनेट मंत्री नारायण सिंह कुशवाह और ग्वालियर सांसद भरत सिंह कुशवाहा की मौजूदगी में किया गया.
नया शिक्षा सत्र जल्द शुरू होने वाला है. ऐसे में ग्वालियर जिला प्रशासन का मकसद है कि स्कूली बच्चों को उचित मूल्य पर पढ़ाई सामग्री उपलब्ध कराने के लिए 7 दिवसीय पुस्तक मेले का आयोजन किया है. ग्वालियर व्यापार मेला परिसर (Gwalior Trade Fair Complex) में लगाए गए इस बुक फेयर में 81 दुकानें लगाई गई है, जहां जिले में संचालित सभी प्राइवेट स्कूलों की पुस्तकों के सेट, स्टेशनरी, यूनिफॉर्म सस्ती दर पर मिलेंगी.
हर साल होती परेशानी से निजात
मेले के शुभारंभ में पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने जिला प्रशासन के प्रयास की सराहना की है. उन्होंने कहा कि हर साल अभिभावकों को होने वाली परेशानी से इस मेले में उन्हें निजात मिलेगी, लेकिन मेले के शुभारंभ के मौके पर ही अभिभावकों को स्कूल द्वारा बताई गई सिलेबस की किताबें नहीं मिल पाईं. इस दौरान उन्हें दोबारा आने के लिए कहा गया है, जबकि कुछ अभिभावक मेले की व्यवस्थाओं से संतुष्ट भी नजर आए.
स्कूलों की मनमानी के चलते खर्चा होता है ज्यादा
गौरतलब है कि हर साल प्राइवेट स्कूलों की मोनोपोली के चलते अभिभावकों और छात्रों को स्कूल द्वारा बताई गई दुकान से ही पढ़ाई की सामग्री खरीदना पड़ती थी, जो काफी महंगी होती थी. इस मामले में जिला प्रशासन शिक्षा विभाग से लेकर CM हेल्पलाइन तक में शिकायतें की जाती रही हैं. ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा लगाया गया बुक फेयर कितना कारगर होगा, यह आने वाला समय बताएगा.
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