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This Article is From Jan 06, 2024

BJP विधायक को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, जिला कोर्ट के जारी गिरफ्तारी वारंट पर लगाई रोक, क्या है मामला?

Gwalior News: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने भिण्ड से भारतीय जनता पार्टी BJP के विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह के खिलाफ जारी कि गए गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगा दी है. ये वारंट उन्हें एमपी - एमएलए कोर्ट ने जारी किया था.

BJP विधायक को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, जिला कोर्ट के जारी गिरफ्तारी वारंट पर लगाई रोक, क्या है मामला?
विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह

High Court Decision: मध्य प्रदेश के भिण्ड से भारतीय जनता पार्टी BJP के विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ जारी कि गए गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगा दी है. ये वारंट उन्हें एमपी - एमएलए कोर्ट ने जारी किया था.  इससे उनके ऊपर लटक रही गिरफ्तारी की तलवार हट गई है.

यह है पूरा मामला

यह मामला 2015 का है. भिण्ड जिले के देहात थाने में 7 जनवरी 2015 को बाबूलाल जमौर ने एक FIR दर्ज कराई थी. जिसमें नरेंद्र सिंह कुशवाह, वीरेंद्र कौशल, केशव देसाई और राम लखन के खिलाफ धमकी देने सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कराया था. इनमें से नरेंद्र कुशवाह वर्तमान में BJP से और केशव देसाई कांग्रेस से विधायक हैं. जबकि एक आरोपी राम लखन की मौत हो चुकी है.  यह मामला ग्वालियर (Gwalior) में एमपी- एमएलए विशेष अदालत में चल रहा है. इसमें पेशी पर बार-बार अनुपस्थित होने के कारण विशेष कोर्ट ने 27 दिसम्बर को विधायक नरेन्द्र सिंह कुशवाह (Narendra Singh Kushwah) के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था और इसकी तामील कराने की जिम्मेदारी ग्वालियर और भिण्ड के पुलिस अधीक्षकों को दी थी. 

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हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत

एमपी - एमएलए सेशन कोर्ट के आदेश के खिलाफ कुशवाह ने हाईकोर्ट  (High Court)में याचिका दायर की थी. इस पर सुनवाई के दौरान कुशवाह के एडवोकेट रवि चौधरी ने कोर्ट को बताया कि कुशवाह का स्वास्थ्य खराब था, जिसके चलते वे पेशी पर कोर्ट में उपस्थित नहीं हो पाए थे. उन्होंने हाजिरी माफी का भी आवेदन दिया था. लेकिन कोर्ट ने उसे स्वीकार नहीं किया. उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी गवाही देने की गुहार लगाई लेकिन यह निवेदन भी अस्वीकार कर दिया और गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया. उन्होंने यह भी बताया कि दोनों पक्षों के बीच आपसी समझौता भी हो चुका है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगाते हुए हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि वे 8 जनवरी को कोर्ट में उपस्थित रहे उसके बाद सेशन कोर्ट उनकी हाजिरी माफी के आवेदन पर सहानुभूति पूर्वक विचार करे.

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