
ग्वालियर के सबसे पॉश इलाका झाँसी रोड से जीवाजी क्लब तक जाने वाली शहर की सबसे व्यस्त और महत्वपूर्ण सड़क पिछले दो वर्षों से खुदी हुई पड़ी थी. इस सड़क के निर्माण न होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. एनडीटीवी ने लोगों के बयां दर्द को दिखाया, फिर जैसे-तैसे इस सड़का निर्माण कराया गया.

18 जून को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के ग्वालियर आगमन पर प्रशासन और नगर निगम ने सड़क का म्यूजिक लगाकर अच्छा वीडियो बनाया और अपनी पीठ थपथपाई, लेकिन मानसून की एक बारिश ने ही पोल खोल दी. महज 36 घंटे मे ही मानसून की पहली बौछार में ही यह उखड़ने लगी. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सड़क डालने वालों ने कितनी घटिया निर्माण किया गया है, जो सड़क कुछ घंटे ही टिक पाई.
पानी के पाइप डालने को खोदी थी पूरी सड़क
दरअसल, बरसात के पानी यानी स्ट्राम वाटर के निकास के नाम पर बनाए गए एक प्रोजेक्ट ने शहर की इस सड़क का सत्यानाश किया. दो साल पहले इसके लिए लगभग 12 करोड़ रूपये मंजूर किए गए और फूलबाग से लेकर जीवाजी क्लब तक लगभग चार किलोमीटर लंबी शानदार सड़क को खोद डाला. झांसी रोड की यह सड़क कुछ साल पहले ही करोड़ों की लागत से बनाई गई थी, क्योंकि यह शहर का सबसे पॉश और सबसे व्यस्ततम मार्ग है.
पाइप लाइन बिछ गई, लेकिन सड़क नहीं डलवाई
इसके बाद पाइप लाइन डालने का काम शुरू किया और तब से जनता पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा. जैसे-तैसे सड़क खोदने के बाद उसमें पाइप बिछाने का काम तो पूरा हो गया, लेकिन उस पर सड़क बनाने के लिए कोई फंड ही नहीं था. जनता और मीडिया की जन आलोचना के करण प्रशासन और नगर निगम ने टुकड़ों-टुकड़ों में इस सड़क का निर्माण काम शुरू कराया, लेकिन इसकी गुणवत्ता को लेकर शुरू से ही सवाल उठ रहे थे.
18 जून को आए CM, रातोंरात बनाई सड़क
बरसात नजदीक आते ही इसका निर्माण तेज किया गया, जबकि बरसात में सड़क बनती ही नहीं हैं. 18 जून को मुख्यमंत्री का ग्वालियर दौरा था तो प्रशासन ने रातोंरात सड़क का काम पूरा करवाया और अपनी पीठ थपथपाने के लिए इसका बाकायदा एक म्यूजिकल वीडियो भी जारी किया. लेकिन यह वीडियो जारी होने के महज 24 घंटे बाद ही मानसून की पहली फुहार मे ही लगभग दो करोड़ की लागत से बनी यह सड़क प्याज के छिलकों की तरह उखड गई. यह सड़क एक बरसात भी नहीं झेल सकी. अब यह सड़क मजाक का विषय बन गया हैं.
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