
Vinayak Damodar Savarkar : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर के व्यक्तित्व और कृतित्व को जन-जन तक पहुंचाएगी. क्योंकि उनके जीवन चरित्र को सही अर्थों में समझे जाने की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने शहर के प्रगति नगर में सावरकर की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया. उन्होंने इस मौके पर आयोजित समारोह में कहा, ‘‘सावरकर के जीवन के इतिहास को सही अर्थों में समझे जाने की जरूरत है. उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को जन-जन तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार हर तरह का आयोजन करने को तैयार है. हम सावरकर का रचा साहित्य भी आम लोगों तक पहुंचाएंगे.''
'सावरकर ने आजादी के लिए कई भयावह यातनाएं सहीं'
यादव ने कहा कि राज्य सरकार सावरकर की जयंती और पुण्यतिथि पर बड़े कार्यक्रम भी आयोजित करेगी. उन्होंने कहा कि 'काला पानी' की सजा के चलते अंडमान की सेल्युलर जेल में रहने के दौरान सावरकर ने देश की आजादी के लिए कई भयावह यातनाएं सहीं, लेकिन उन्होंने ‘‘भारत माता की जय'' का नारा लगाना कभी नहीं छोड़ा.
'अंग्रेजों की पोल खोल दी'
यादव ने कहा, ‘‘अंग्रेजों के बारे में मिथक गढ़ा गया था कि वे बड़े न्यायप्रिय थे, लेकिन सावरकर देश के एकमात्र महापुरुष थे जिन्होंने अंग्रेजों की पोल खोल दी. सावरकर ने देश की आजादी के बाद भी सबको आईना दिखाया.'' उन्होंने कहा, 'सावरकर की कही एक-एक बात को अगर धारण किया जाता, तो आज देश में हमारे सामने अलग प्रकार की परिस्थिति होती.'
'फिल्म हर विद्यालय-महाविद्यालय में दिखाई जाए'
समारोह में सावरकर के पोते रंजीत सावरकर भी मौजूद थे. उन्होंने भारत में बांग्लादेशी घुसपैठियों की कथित रूप से बड़ी तादाद पर चिंता जताई और भारतीय नागरिकों से अपील कि वे इन घुसपैठियों का ‘‘आर्थिक बहिष्कार'' करें. रंजीत ने कहा, ‘‘अगर भारत में बांग्लादेशी घुसपैठियों की रोजी-रोटी बंद हो गई, तो वे अपने देश लौटने पर मजबूर हो जाएंगे और हमारे संकट टल जाएंगे.'' सावरकर के पोते ने मुख्यमंत्री यादव से यह मांग भी की कि उनके दादा के जीवन पर बनी फिल्म मध्य प्रदेश के हर विद्यालय-महाविद्यालय में दिखाई जाए.
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