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Ganesh Visarjan: एमपी में गणेश विसर्जन को लेकर तैयारियां चाकचौबंद, भोपाल में घाटों पर पुलिस और क्रेन की तैनाती

Ganesh Visarjan: मध्य प्रदेश में गणेश विसर्जन की तैयारियां जोरों पर हैं. राजधानी भोपाल समेत इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर सहित अन्य जिलों में सुरक्षा और स्वच्छता के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

Ganesh Visarjan: एमपी में गणेश विसर्जन को लेकर तैयारियां चाकचौबंद, भोपाल में घाटों पर पुलिस और क्रेन की तैनाती

Ganesh Visarjan Preparations: गणेश विसर्जन को लेकर मध्य प्रदेश में तैयारियों के इंतजाम हो चुके हैं. राजधानी भोपाल समेत इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर सहित अन्य जिलों में गणेश विसर्जन पर इंतजाम चाकचौबंद हैं. पुलिस कर्मियों की भी तैनाती की गई है. वहीं, ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की भी यातायात सुचारू रूप से संचालन के लिए अतिरिक्त तैनाती की गई है.

भोपाल में गणेश विसर्जन पर ढाई हजार से ज्यादा पुलिस बलों की तैनाती रहेगी. शहर के सभी घाटों पर निगरानी के लिए CCTV कैमरे लगाए गए हैं, जिनका कंट्रोल रूम घाट पर ही बनाया गया है. श्रद्धालुओं को विसर्जन घाटों पर जाने की अनुमति नहीं होगी. अप्रिय घटना से निपटने के लिए गोताखोर और फायर ब्रिगेड की टीमें तैनात हैं.

बड़ी मूर्तियों के विसर्जन के लिए घाटों पर क्रेन और हाइड्रोलिक क्रेन की व्यवस्था की गई है. छोटी मूर्तियों के विसर्जन के लिए अस्थाई कुंड बनाए हैं.

जबलपुर में भी तैयारियां

जबलपुर में विसर्जन की तैयारी का जायजा उत्तर मध्य के विधायक डॉ अभिलाष पांडे ने लिया. नगर निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया की विसर्जन के समय इस बात का ख्याल रखा जाए. हनुमान ताल तलाव प्रदूषित न हो और शांति से सभी लोग गणेश विसर्जन कर सकें. इसके लिए दो घाट निर्धारित किए गए हैं, जिसमें क्रेन लगाकर विसर्जन किया जाएगा.

गणेश विसर्जन से पहले कैसे करें पूजा 

हिंदू मान्यता के अनुसार, अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति को विसर्जित करने से पहले बप्पा की पूजा पूरे विधि-विधान से करनी चाहिए. इस दिन गणपति को लाल रंग के पुष्प, सिंदूर, नारियल, मोदक, मोतीचूर के लड्डू और गन्ना आदि विशेष रूप से अर्पित करना चाहिए. मान्यता है कि गणेश विसर्जन के दिन गणपति की प्रिय भोग को चढ़ाने और उसे प्रसाद स्वरूप बांटने और स्वयं ग्रहण करने पर उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है. 

सनातन परंपरा में देवी-देवताओं की पूजा से जुड़ी तमाम तरह के क्रियाओं के लिए मंत्र बताए गये हैं. ऐसे में जिस दिन आप गणपति को विसर्जित करने के लिए ले जाएं, उस दिन उनके नाम का जयकारा लगाएं और जल स्रोत में उन्हें विसर्जित करते समय 'ॐ यान्तु देवगणा: सर्वे पूजामादाय मामकीम्. इष्टकामसमृद्धयर्थं पुनर्अपि पुनरागमनाय च." मंत्र अवश्य बोलें. इस मंत्र के जरिए गणपति को 10 दिनों की पूजा को स्वीकार करते हुए दोबारा आने के लिए प्रार्थना की जाती है. यदि आपको मंत्र बोलने में कठिनाई हो तो आप मन में गणपति को अपने यथा स्थान लौट जाने और जल्द ही दोबारा आने की प्रार्थना भी बोल सकते हैं.

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