
Cyber Fraud: इंदौर जिला कोर्ट परिसर स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में 63 लाख रुपए की साइबर ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है. आरोपियों ने बैंक द्वारा पहले उपयोग किए जा चुके मोबाइल नंबर का दुरुपयोग कर यह फर्जीवाड़े को अंजाम दिया. मामले में इंदौर क्राइम ब्रांच ने गुजरात के वलसाड से दो आरोपियों साहिल और साजिद को गिरफ्तार किया है. दरअसल, बैंक द्वारा ओटीपी और अन्य सेवाओं के लिए जिस मोबाइल नंबर का पहले इस्तेमाल होता था, उसे बाद में बंद कर दिया गया था. लेकिन आरोपियों ने उस पुराने नंबर को दोबारा अपने नाम पर एक्टिवेट करवा लिया और उसी नंबर से पेटीएम अकाउंट लिंक कर बैंक खाते से रुपए निकालने शुरू कर दिए.
ऐसे उड़ा थे पैसे?
आरोपी हर दिन करीब 1 लाख रुपये खाते से निकालते रहे और इस तरह कुल 63 लाख रुपये उड़ा लिए. बैंक अधिकारियों को इसकी भनक तब लगी जब लगातार ट्रांजेक्शन की जानकारी मिलने लगी. बैंक की ओर से क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई गई, जिसके बाद जांच शुरू की गई.
जिला कोर्ट के कई खाते एसबीआई की इसी शाखा में संचालित होते हैं. हाल ही में एक एडीजे कोर्ट के खाते से कोर्ट वाउचर के माध्यम से 6 लाख 50 हजार रुपए का भुगतान होना था, लेकिन खाते में पर्याप्त राशि नहीं होने का मैसेज मिला. वहीं जब खाता जांचा गया तो पता चला कि मार्च 2025 से 11 जून 2025 के बीच कोर्ट के खाते से करीब 64 लाख रुपए यूपीआई ट्रांजैक्शन के जरिए निकाले जा चुके हैं. यह पूरी राशि गुजरात के वलसाड में एक बैंक खाते में ट्रांसफर की गई है.
ऐसे पकड़े गए आरोपी
साइबर टेक्नोलॉजी की मदद से टीम ने दोनों आरोपियों साहिल और साजिद की पहचान कर वलसाड से उन्हें गिरफ्तार किया. फिलहाल दोनों से पूछताछ जारी है, जिसमें यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस ठगी में और कौन-कौन लोग शामिल हैं और रुपए का इस्तेमाल कहां-कहां किया गया.
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