मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election 2023) के दौरान अपनी सरकारी नौकरी छोड़कर सुर्खियों में आई निशा बांगरे (Nisha Bangre resigned) ने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती के मौके पर बांगरे ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी को दो पेज का पत्र लिखकर कांग्रेस के दायित्व से मुक्त होने की बात कही है.
बता दें कि निशा बांगरे को कांग्रेस (Congress) ने कुछ ही दिन पहले मुख्य प्रवक्ता बनाया था, लेकिन 6 महीने के अंदर ही उनका राजनीति से मोह भंग हो गया है. निशा बांगरे ने इस्तीफा पत्र में कांग्रेस पर वायदा खिलाफी के भी गंभीर आरोप लगाए हैं.
कांग्रेस पर लगाए कई गंभीर आरोप
निशा बांगरे ने अपने इस्तीफे मे लिखा, 'कांग्रेस में नारी सम्मान के लिए कोई स्थान नहीं है. इसका ताजा उदाहरण लोकसभा चुनाव 2024 में संसदीय सीटों में कांग्रेस पार्टी के अंदर मध्यप्रदेश में महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व न मिलना भी है.
उन्होंने आगे लिखा, 'मैं कांग्रेस की राजनीति में व्यापक स्तर पर कार्य करना चाहती थी, लेकिन इसके लिए कांग्रेस पार्टी ने मेरी योग्यता को ही अयोग्यता बना दिया, अतः मैं कांग्रेस पार्टी के सभी दायित्वों से मुक्त होना चाहती हूं, और मैं अपना पूरा जीवन बाबा साहब के विचारों के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित करती रहूंगी.'
ये भी पढ़े: MI vs CSK: आज मुंबई और चेन्नई के बीच होगी भिड़ंत, जानें वानखेड़े की पिच पर किसका होगा राज?
कांग्रेस पर बांगरे का वादाखिलाफी का आरोप
निशा बांगरे ने लिखा, 'विधानसभा चुनाव के समय 229 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए और एक सीट आमला मेरे लिए होल्ड पर रखने का केवल दिखावा कर समाज का वोट बटोरना चाहा और षडयंत्र कर मुझे चुनाव लड़ने से रोका गया. पुनः मुझे लोकसभा में टिकट देने का भरोसा दिया गया, लेकिन इसमें भी वादाखिलाफी की गई.
MP सरकार से अपनी नौकरी वापस मांगी थी बांगरे
बता दें कि निशा बांगरे ने तीन महीने पहले मध्य प्रदेश सरकार से अपनी नौकरी वापस मांगी थी. उन्होंने नौकरी वापस के लिए आवेदन भी लगा चुकी हैं. ऐसे में तब से ही कयास लगाए जा रहे थे कि बांगरे अब राजनीति से अलविदा कह सकती हैं.
ये भी पढ़े: BJP Manifesto 2024: बीजेपी ने जारी किया घोषणापत्र, जानें संकल्प पत्र के पिटारे में क्या-क्या?