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This Article is From Jan 11, 2025

55 KG गोल्ड वाले सौरभ शर्मा की 'लाल डायरी'! हर महीने करता था करीब 300 करोड़ की वसूली, किसको जाता था हिस्सा?

परिवहन विभाग के पूर्व RTO सौरभ शर्मा की कथित लाल डायरी के कुछ पन्ने इन दिनों वायरल हैं जिसमें उसकी अरबों की काली कमाई के कुछ ब्यौरे दर्ज हैं. इसमें रसूखदारों को पहुंचने वाले हिस्से का भी जिक्र है. जिसने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया है. एक तरफ कांग्रेस सरकार पर हमलावर है तो दूसरी तरफ बीजेपी भी हमलावर है. क्या है उस लाल डायरी में जिसके कुछ पन्ने NDTV के भी हाथ लगे हैं.

55 KG गोल्ड वाले सौरभ शर्मा की 'लाल डायरी'! हर महीने करता था करीब 300 करोड़ की वसूली, किसको जाता था हिस्सा?

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में मेंडोरी के जंगल से कुछ दिनों पहले कई किलो सोना, चांदी, करोड़ों का कैश मिला. इस मामले ने प्रदेश के परिवहन विभाग में फैले भ्रष्टाचार की एक नई परत खोल दी. पड़ताल में सामने आया कि पूर्व RTO आरक्षक सौरभ शर्मा ने परिवहन विभाग के अफसरों के साथ मिलकर कथित तौर पर करोड़ों से अधिक की काली कमाई का खेल खेला. लोकायुक्त, इनकम टैक्स, और प्रवर्तन निदेशालय मामले की जांच कर रहे हैं. अब सौरभ की एक कथित डायरी के कुछ पन्ने एनडीटीवी के हाथ लगे हैं. 

इस डायरी को लेकर कांग्रेस ने पहले ही सवाल उठाये थे पर अब कथित तौर पर इसके कुछ पन्ने वायरल हो रहे हैं, जिसके मुताबिक प्रदेश के 52 जिलों के RTO के नाम और नंबर के साथ ये भी लिखा है कि किस RTO से कितनी राशि मिलती है. डायरी से यह भी पता चला है कि इंदौर RTO कार्यालय काली कमाई का सबसे बड़ा स्रोत था, जहां से हर महीने 9 करोड़ रुपए आते थे. वहीं, अलीराजपुर से सबसे कम 62 लाख रुपए की वसूली होती थी. डायरी के पन्नों के मुताबिक ये हैं ब्यौरे

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वसूली करने वाले कितने 'कटर' हैं प्रदेश में? 

बहरहाल इस कमाई पर कथित तौर पर TM और TC लिखा है. इससे पता चलता है कि हर महीने 19 चेकपोस्ट से ₹161 करोड़ और 51 RTO कार्यालयों से ₹136 करोड़ की कमाई होती थी. इसका कथित हिस्सा हर महीने रसूखदारों को जाता था. मामला 2020-21 का है, जब चेक पोस्ट सक्रिय थे. जुलाई 2024 में राज्य सरकार ने इन चेकपोस्टों को बंद कर दिया था. यहां से वसूली का आरोपी सौरभ शर्मा फिलहाल फरार है.मध्य प्रदेश में पहले 38 चेकपोस्ट थे, जो बाद में घटकर 30 रह गए. बड़े चेकपोस्टों पर एक आरटीई, दो सब-इंस्पेक्टर, दो हवलदार और सिपाहियों की तैनाती का प्रावधान था. छोटे चेकपोस्ट एक एसआई के अधीन होते थे. यहां वसूली करने वालों को 'कटर' कहा जाता था   


डायरी का सत्यापन होना ही चाहिए: जीतू पटवारी 

आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक, सौरभ शर्मा ने VRS लेने के बावजूद RTO से मोटी रकम वसूलने का काम जारी रखा। दस्तावेजों में खुलासा हुआ है कि 52 जिलों के RTO का नेटवर्क इस काली कमाई में शामिल था. बहरहाल  इस पर सियासत पहले से ही जारी है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी का कहना है कि डायरी का सत्यापन होना चाहिए. फिलहाल डायरी मिसिंग है इसलिए न तो लोकायुक्त, न ही इनकम टैक्स और न ही ED अभी कबूल कर रहा है कि डायरी किसके पास है. ED ने जरूर 23 करोड़ का एक ट्वीट कर डिलीट कर दिया है. दरअसल डायरी और सौरभ शर्मा दोनों का ही अस्तित्व खतरे में है. सौरभ शर्मा दुबई में है, लंदन में है या फिर इंडिया में है फिलहाल किसी को पता ही नहीं है.   

सरकार किसी भी स्तर पर जांच के लिए तैयार: मुख्यमंत्री

दूसरी तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का कहना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी है. परिवहन विभाग में बेरियल के हम खिलाफ थे इसलिए हमने इसे बंद कर दिया है. सरकार को किसी भी स्तर पर जांच करना होगा तो वो तैयार है और जांच करेगी भी.उधर खुद लोकायुक्त के DG जयदीप प्रसाद ने माना है कि कोई डायरी मिली है लेकिन ये सभी दस्तावेजों की जांच की जा रही है. अधिकारी इसकी जांच में जुटे हैं लिहाजा अभी पुख्ता तौर पर कुछ भी कहना उचित नहीं होगा.  बहरहाल परिवहन विभाग के इस काली कमाई के खेल ने पूरे प्रदेश को हिला दिया है. कांग्रेस हमलावर है, वहीं बीजेपी पलटवार कर रही है. लेकिन सच तो पूरी जांच रिपोर्ट आने पर ही सामने आ पाएगा.

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