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भिंड में विधायक के विवाद के बीच निकला खाद सप्लाई घोटाला, गोदाम प्रभारी ने DMO पर लगाए गंभीर आरोप

Bhind Fertilizer Scam: भिंड में खाद सप्लाई के मामले में बड़ा घोटाला सामने आया है, जहां एक ही रिलीजिंग ऑर्डर पर अलग-अलग तारीख में दो-दो बार खाद सप्लाई किया गया. विपणन संघ के मंडल प्रबंधक ने प्राथमिक जांच कर प्रतिवेदन सरकार को भेज दिया है, लेकिन अभी तक गड़बड़ी की राशि का खुलासा नहीं हुआ है.

भिंड में विधायक के विवाद के बीच निकला खाद सप्लाई घोटाला, गोदाम प्रभारी ने DMO पर लगाए गंभीर आरोप

भिंड में खाद को लेकर कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव और बीजेपी विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह के बीच शुरू हुए विवाद के बीच सोसाइटियों को खाद सप्लाई किए जाने के मामले में बड़ा घोटाला उजागर हुआ है. यहां एक ही आरओ (रिलीजिंग ऑर्डर) पर अलग-अलग तारीख में दो-दो बार खाद सप्लाई कर दिया. इस मामले में विपणन संघ के मंडल प्रबंधक ने प्राथमिक जांच कर प्रतिवेदन सरकार को भेज दिया है. हालांकि, कितने लाख रुपये की खाद की गड़बड़ी पकड़ी गई, इस बारे में मंडल प्रबंधक ने स्पष्ट नहीं की.

वहीं, गोदाम प्रभारी ने मामले में अपने ही डीएमओ (जिला विपणन अधिकारी) पर दबाव बनाने के आरोप लगाए हैं. गोदाम प्रभारी पंकज शोहरे ने विभाग के मंडल प्रबंधक को पत्र भी भेजा, जिसमें डीएमओ अमित गुप्ता पर मंत्री, कलेक्टर व डीडीए के नाम का भय दिखाकर दबाव बनाने की बात लिखी. साथ ही, यह भी लिखा कि मेरे मन में आत्महत्या के विचार आते हैं. मैं आत्महत्या कर लूंगा तो इसके जिम्मेदार डीएमओ अमित गुप्ता होंगे. वहीं, डीएमओ ने इन आरोपों को गलत बताया.

दरअसल, भिंड शहर में विपणन संघ के दो गोदाम दालमिल और जामुना में हैं. इन गोदाम से ही सहकारी समितियों को खाद दिया जाता है. इसके लिए समिति की तरफ से खाद 5 की राशि भुगतान के लिए डीडी व सरकारी आरओ नर देना जरूरी होता है. दोनों गोदाम का प्रभार क्षेत्र में सहायक पंकज शोहरे के पास है. गोदाम से अक्टूबर 2024 में खाद उठाव के नाम पर गड़बड़ी की गई है.

जब रिकॉर्ड का मिलान किया गया तो जो राशि खाद खरीदने के बदले जमा की गई, उससे अधिक खाद का उठाव किया जा चुका है. ऐसे में बह गोदाम प्रभारी का एक पत्र भी सामने आया है. यह पत्र 4 जुलाई को विभाग के ग्वालियर पदस्थ मंडल प्रबंधक को लिखा गया. वहीं, मामला सामने आने के बाद करीब एक माह से जिला विपणन अधिकारी य अमित गुप्ता अवकाश पर चले गए हैं. गुप्ता ने अपना स्वास्थ्य खराब होने का हवाला दिया है.

उनका प्रभार तो  विभाग के एकाउंटेंट प्रशांत जैन के पास है. वहीं, गोदाम प्रभारी पंकज शोहरे ने NDTV को बताया कि डीएमओ ने एक ही समय में दोनों गोदाम खुलवाए, जबकि इनके बीच की दूरी 5 से 6 किमी है. नगद विक्रय का काउंटर भी दूसरी जगह पर चलवाया, जो जिला कार्यालय से 500-600 मीटर दूर है. मैं सहमत नहीं था तो दबाव बनाकर नगद विक्रय कराया. यह कार्य सुरक्षा गार्ड अभयप्रताप सिंह और सचिन सिंह राजावत ने किया. इनके द्वारा ही कैश जमा कराया जाता था.

डीएमओ ने सरकारी गोदाम की पीओएस मशीन (रिटेलर आईडी 312549) एक ही आईडी से दोनों जगह वितरण कराया. दूसरी आईडी वाली मशीन रौन तहसील में चलवाई. भंडारण केंद्र से जो गलत डीएम (खाद के पास) जारी हुए हैं, वह भी डीएमओ की वजह से हुए. इन्होंने मुझ पर मंत्री, कलेक्टर, डीडीए का भय दिखाकर दबाव बनाया. कई बार यह गोदाम का निरीक्षण करने आए और मुझे वरिष्ठ अधिकारियों के सामने खड़ा कर दिया. डीएमओ ने जेल भेजने की धमकी भी दी.

गोदाम प्रभारी पंकज का कहना है कि डीएमओ ने मुझे बहुत परेशान किया. मैं अपने परिवार का भरण-पोषण नहीं कर सकता. मेरे मन में आत्महत्या करने का मन करता है. पंकज का कहना है कि एक्सीडेंट हो गया था, तब भी डीएमओ ने अवकाश नहीं दिया. कहा कि तुम अकेले कर्मचारी हो, सीजन चल रहा है, खाद का वितरण बंद हो जाएगा. ऐसी स्थिति में मैं नहीं रहा तो कम्प्यूटर ऑपरेटर आकाश शर्मा से इन्होंने यह सारा गलत कार्य कराया. मेरे ऊपर रिकवरी निकाली जा रही है, मैं रुपये कहां से दूंगा? मेरे वेतन से रुपये काटना शुरू कर दिया है. सिर्फ 10 हजार मिल रहे हैं. इसमें अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करें. नौकरी से इस्तीफा भी नहीं दे पा रहा हूं.

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