
Farmers of Madhya Pradesh: दिल्ली बॉर्डर (Delhi Border) पर इन दिनों किसान आंदोलन का असर दिख रहा है लेकिन इसके साथ ही मध्य प्रदेश के किसान (Farmers of Madhya Pradesh) भी परेशान और आंदोलित है. कहीं एमएसपी (MSP) का मुद्दा प्राथमिक है तो कहीं अचानक हुई बारिश और ओलावृष्टि के कारण मुआवजा ना मिलने से किसान दुखी है. दिल्ली (Delhi) हो या एमपी (Madhya Pradesh), किसान अपनी मांग को लेकर सरकार से गुहार लगा रहे हैं.
ये भी पढ़ें :- मंडला कान्हा टाइगर रिजर्व से एक बाघ को मुकुंदपुर सतना रवाना किया, जनवरी 2023 को लाया गया था यहां...
पिछले आंदोलन का हुआ था असर
इससे पहले जब 13 महीने पहले किसान आंदोलन रोका गया था, तब केंद्र सरकार ने 'प्रधानमंत्री एमएसपी कमेटी' का गठन किया था. इस कमेटी में कुल 5 किसान प्रतिनिधि, एक पद्मश्री अवॉर्डी और एक कोऑपरेटिव सोसाइटी का प्रतिनिधि रखा गया था. इस कमेटी का गठन देश भर में एमएसपी का उचित निर्धारण करने के लिए किया गया था.
जबलपुर के किसान हैं परेशान
कुछ दिनों पहले अचानक हुई बारिश से मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा मटर उत्पादन करने वाला जिला जबलपुर सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. जिन किसानों की खेतों में फसल लगी थी उसमें से 60% से ज्यादा फसल गलने लगी है.

किसानों का दर्द
जिला के किसानों का कहना है कि अब उन्हें फसल तोड़ना और शहर तक बेचने ले जाना ज्यादा महंगा पड़ता है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घोषणा की थी कि जहां नुकसान हुआ है वहां तुरंत सरकारी अधिकारी पहुंच कर नुकसान का परीक्षण करेंगे, लेकिन अभी तक इन खेतों पर कोई नहीं पहुंचा है.
भारतीय किसान संघ ने मोहन यादव के खिलाफ ठोंकी ताल
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का अनुषांगिक संगठन भारतीय किसान संघ किसानों के समर्थन में आकर अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के खिलाफ ताल ठोक रहा है. उनके अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव के समय जो किसानों को गारंटी दी थी वो अभी भी पूरी नहीं हो पाई है. इसको लेकर भारतीय किसान संगठन ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि मोदी जी की गारंटी पूरी नहीं की गई तो किसान अब सड़कों पर उतरेगा.
ये भी पढ़ें :- राज्यसभा उम्मीदवारों में BJP की दिखी एकता: महिला, संत, किसान नेता और मंत्री.... सभी ने साथ दाखिल किया नामांकन