विज्ञापन

Fake Currency: नकली नोट मामले में मस्जिद में नमाज पढ़ाने वाला मौलाना तो प्यादा निकला, ये डॉक्टर है असली सरगना

Madhya Pradesh Fake Currency Racket: खंडवा में मौलाना के कमरे से मिले लाखों के नकली नोट मामले में चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है. इस मामले में मौलाना नहीं, MBBS डॉक्टर प्रदीप नवलखे मास्टरमाइंड निकला. जानिए- पूरी कहानी का कैसे पर्दाफाश हुआ?

Fake Currency: नकली नोट मामले में मस्जिद में नमाज पढ़ाने वाला मौलाना तो प्यादा निकला, ये डॉक्टर है असली सरगना

Fake Currency Racket Master Mind: खंडवा की एक मस्जिद में नमाज पढ़ाने वाले मौलाना के घर से मिले नकली नोट के मामले में खंडवा पुलिस ने रविवार को बड़ा खुलासा किया. पुलिस ने जाली नोटों के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए नकली नोटों की सप्लाई करने वाले मुख्य सरगना डॉ. प्रतीक नवलखे समेत तीन आरोपियों को भोपाल से गिरफ्तार किया. 

बड़ी मात्रा में एटीएम कार्ड, चेक बुक और नकली नोट बनाने के मिले सामान

चौंकाने वाली बात यह है कि इस गिरोह की नींव खंडवा जिला जेल में पड़ी थी, जहां विभिन्न मामलों में बंद ये आरोपी पहली बार मिले और रिहा होने के बाद संगठित होकर नकली नोट छापने का धंधा शुरू किया. मास्टरमाइंड डॉक्टर और उसके साथियों के पास से पुलिस ने बड़ी मात्रा में एटीएम कार्ड, चेक बुक और नकली नोट बनाने का सामान बरामद किया है. 

नकली नोटों के नेक्सस का मुख्य सरगना डॉ. प्रतीक नवलखे MBBS है

बुरहानपुर का डॉ. प्रतीक नवलखे MBBS है, जो पहले बुरहानपुर जिला अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर और बाद में RMO के रूप में पदस्थ रह चुका है. डॉ. नवलखे पहले भी सरकारी पद पर रहते हुए करोड़ों की राशि के गबन के मामलों में भी आरोपी रहा है. जेल से छूटने के बाद उसने भोपाल की गोकुलधाम सोसाइटी में किराए का कमरा लेकर नोट छापने का काम शुरू किया और नागपुर, मालेगांव सहित कई शहरों में एजेंट नियुक्त किए. आरोप है कि यह गिरोह 2022 से सक्रिय था और नकली नोटों के दम पर कई संपत्तियां भी खरीदी थीं.

19.78 लाख के नकली नोट बरामद

दरअसल, 2 नवंबर को मौलाना जुबेर अंसारी नकली नोटों के मामले में महाराष्ट्र में पकड़ाया था. इसके बाद थाना जावर पुलिस को पेठिया के ग्रामीणों की ओर से मिली सूचना के आधार पर ग्राम पेठिया में मौलाना के कमरे में भी नकली नोट हो सकते है. ग्रामीणों को सूचना पर  पुलिस ने छापेमारी कर मौलाना के कमरे से 19 लाख 78 हजार रुपये के नकली नोट और नोट काटने की मशीन बरामद की. जांच में नोट सुरक्षा धागे और प्रिंटिंग में कम गुणवत्ता के कारण नकली पाए गए. इस पर पुलिस ने  मामला दर्ज कर नकली नोटों की परत खोलना शुरू की. मामले की गंभीरता को देखते हुए खंडवा एसपी मनोज कुमार राय के निर्देश पर एएसपी महेंद्र तरनेकर के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गई, जिसमें डीएसपी अनिल सिंह चौहान, टीआई पदमनगर प्रवीण आर्य सहित कई पुलिसकर्मी शामिल किए गए. 

भोपाल से तीन गिरफ्तार, नकली नोटों का मिला पूरा सेटअप

खंडवा पुलिस ने जब इस मामले की तह में गोता लगाया, तो जांच में सामने आया कि मौलाना जुबेर तो सिर्फ प्यादा है, जो  डॉ. प्रतीक नवलखे के लिए कैरियर का काम करता था . पुलिस ने जब इस मामले में तफ़तीश की, तो पता चला कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड डॉ. भोपाल में छुपा हुआ है. फिर मुखबिर की सूचना के बाद 23 नवंबर को एसआईटी ने भोपाल के गोकुलधाम सोसाइटी में दबिश दी, जहां प्रतीक अपने दो साथियों बुरहानपुर निवासी प्रतीक नवलखे (43),  हरदा निवासी गोपाल उर्फ राहुल (35) और अमरावती निवासी दिनेश गोरे (43) के साथ छिपा हुआ मिला. इनके कब्जे से भारी मात्रा में नकली नोट, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और वित्तीय दस्तावेज जब्त किए गए.

आरोपियों से बरामद हुए ये सामान

पुलिस ने मास्टरमाइंड डॉ. प्रतीक नवलखे से 500 रुपये के 13 नकली नोट, 7 मोबाइल, 1 लैपटॉप, 15 चेकबुक, 12 एटीएम/डेबिट कार्ड, नोट छापने के उपकरण बरामद किए. वहीं. गोपाल उर्फ राहुल से 500 रुपये के 6 नकली नोट, ड्रायर मशीन, 2 मोबाइल, 20 एटीएम/डेबिट कार्ड, दिनेश गोरे से 500 रुपये के 17 नकली नोट (₹8,500) मिले. पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर खंडवा न्यायालय में पेश किया, जहां से विस्तृत पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया. 

जेल में बना था नेटवर्क

जांच में यह भी सामने आया कि गिरोह के सदस्य खंडवा जिला जेल में एक-दूसरे से मिले थे. जेल से निकलने के बाद नकली नोट छापने की प्लानिंग तैयार हुई. प्रतीक नवलखे इससे पहले कोलकाता में एक गोल्ड फ्रॉड का भी शिकार हुआ था, जहां एक जालसाज ने उसे हॉलमार्क लगी नकली ज्वेलरी देकर करीब 5 लाख रुपये का नुकसान कराया था.

ट्रेवल एजेंसी की आड़ में करते थे ठगी

गिरोह के सदस्यों ने भोपाल के होशंगाबाद रोड पर एक ऑफिस किराए पर लेकर ट्रेवल एजेंसी की फर्जी दुकान खोली थी, जहां से ये लोगों को गुमराह कर नोटों की खपत का नेटवर्क संभालते थे.

नकली नोटों का बड़ा नेटवर्क ध्वस्त

कार्रवाई के बाद खंडवा पुलिस ने संकेत दिया कि गिरोह की जड़ें कई राज्यों तक फैली हो सकती हैं, चूंकि नोटों की खपत नागपुर, मालेगांव और अन्य क्षेत्रों में भी हुई है. इसलिए जांच एजेंसियां अब इस नेटवर्क को इंटर-स्टेट मॉड्यूल के रूप में खंगालने की तैयारी कर रही हैं.

यह भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ में ACB व EWO की छापेमारी पर गरमाई सियासत, पूर्व सीएम बघेल ने बताया पैसा वसूलने का खेल

पुलिस टीम का सराहनीय कार्य

खंडवा एडिशनल एसपी महेंद्र तारणेकर ने इस मामले में पुलिस की कार्रवाई सराहना की. उन्होंने बताया कि इस कार्रवाई में निरीक्षक श्याम सिंह भादले, निरीक्षक प्रवीण आर्य, उपनिरीक्षक राजेंद्र राठौर, सउनि उमेश सिंह, नंदराम वासुरे, प्रआर सोहेल खान, जितेंद्र देवड़ा, आरक्षक सुरेश वास्कले, सायबर सेल के प्रआर जितेंद्र राठौर, विक्रम वर्मा और अनिल बछाने की महत्वपूर्ण भूमिका रही.

यह भी पढ़ें- शिक्षकों को आवारा कुत्तों की निगरानी सौंपने पर गरमाई सियासत, पूर्व सीएम सिंहदेव ने सरकार को दी ये सीख

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close