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भोपाल के शाहपुरा में EOW की छापेमारी, अधिकारियों की टीम कंपनी के मालिकों से कर रही पूछताछ

EOW raid in Bhopal-Sehore: सीहोर के पिपलिया मीरा स्थित जयश्री गायत्री फूड्स प्राइवेट लिमिटेड को प्रशासन ने 16 जुलाई को बंद करा दिया था. जिला प्रशासन ने यह कार्रवाई मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश पर की थी.

भोपाल के शाहपुरा में EOW की छापेमारी, अधिकारियों की टीम कंपनी के मालिकों से कर रही पूछताछ

आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की टीम ने बुधवार, 31 जुलाई को भोपाल के शाहपुरा में छापा मारा है. ये छापा सीहोर के पिपलिया मीरा स्थित जयश्री गायत्री फूड्स प्राइवेट लिमिटेड (पनीर फैक्ट्री) के मालिकों के घरों पर मारा गया है. एक दर्जन से अधिक अधिकारियों की टीम कंपनी के मालिकों से पूछताछ कर रही है. इसके अलावा सीहोर में भी ये कार्रवाई चल रही है. 

1 दर्जन से अधिक जगहों पर छापेमारी

यह कार्रवाई फर्जी तरीके से डेरी प्रोडक्ट को विदेश भेजने और उनकी सैंपलिंग के मामले में हुई है. इसके अलावा डेरी प्रोडक्ट के सर्टिफिकेशन में भी गड़बड़ियां को लेकर शिकयत हुई थी, जिसके बाद ये कार्रवाई हुई है. ये छापेमारी एक दर्जन से अधिक ठिकानों पर चल रही है. 

दरअसल, सीहोर के पिपलिया मीरा स्थित जयश्री गायत्री फूड्स प्राइवेट लिमिटेड (पनीर फैक्ट्री) को प्रशासन ने 16 जुलाई को बंद करा दिया था. जिला प्रशासन ने यह कार्रवाई मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश पर की थी. फैक्ट्री को बंद कराने के लिए कलेक्टर प्रवीण सिंह के निर्देश पर बिजली कंपनी ने बिजली कनेक्शन काट दिया था, जिससे उत्पादन बंद हो गया था.

जयश्री गायत्री फूड्स कंपनी पर जिला प्रशासन द्वारा यह दूसरी बार सख्त कार्रवाई की गई है. हालांकि इससे पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 1 करोड़ 20 लाख रुपये का भी जुर्माना लगाया था.

जल स्त्रोत का पानी दूषित और फसल खराब होने की आ रही थी शिकायत 

बता दें कि पनीर फैक्ट्री चालू होने के बाद से ही उद्योग से निकलने वाले कैमिकल युक्त पानी से यहां के किसान के फसल खराब हो रहे थे. इसके अलावा आसपास के जल स्त्रोत का पानी दूषित होने की भी शिकायत आ रही थी. किसानों की शिकायत पर जिला प्रशासन ने पहले भी कई बार कार्रवाई की, लेकिन हर बार फैक्ट्री प्रबंधन बचता रहा. हालांकि इस बार लोगों ने इसकी शिकायत कलेक्टर प्रवीण सिंह से की. वहीं शिकायत मिलने के बाद नायब तहसीलदार सिद्धांत सिंगला, पटवारी आशिष शर्मा, पवन यादव ने उद्योग का निरीक्षण किया.

नाले और सीवन नदी तक पहुंच रहा था केमिकल युक्त दूषित जल

निरीक्षण के दौरान राजस्व की टीम ने देखा कि उद्योग द्वारा अनुपचारित दूषित जल को पाइप के माध्यम से उद्योग के पीछे परिसर के बाहर भूमि पर निस्तारित किया जा रहा है. उद्योग के अनुपचारित दूषित जल का भराव कृषि भूमि पर जगह-जगह देखा गया, जिसमें सफेद व काले रंग के झाग थे. इसके अलावा कैमिकल युक्त दूषित जल पहले नाले और फिर सीवन नदी तक पहुंच रहा था. राजस्व की टीम ने इसके सैंपल भी जांच के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भेजे, जिसकी जांच में काफी हानिकारक तत्व मिले, जिसे लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कलेक्टर प्रवीण सिंह को तत्काल उद्योग बंद कराने के आदेश दिए थे.

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने किया बिजली सप्लाई बंद

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कलेक्टर प्रवीण सिंह को पनीर फैक्ट्री के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उत्पादन बंद कराने के आदेश दिए. कलेक्टर सिंह ने तत्काल बिना किसी देरी के बिजली कंपनी की टीम भेजकर उद्योग का कनेक्शन कटवा दिया, जिससे उद्योग की बिजली सप्लाई बंद होते ही उत्पादन रुक गया.

वहीं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कलेक्टर को यह भी आदेश दिया हैं कि उद्योग जब तक चालू नहीं किया जाएगा, तब तक उद्योग द्वारा जल प्रदूषण नियंत्रण की पूर्ण व्यवस्था नहीं की जाती है. यदि ऐसा नहीं होता है तो तत्काल प्रदूषण निवारण और नियंत्रण अधिनियम 1974 की धारा- 41 के तहत न्यायालय में विधिक प्रकरण दायर करने की कार्रवाई की जाएगी.

पहले भी हो चुकी है कार्रवाई, फैक्ट्री प्रबंधन पर लगा था 1.20 करोड़ का जुर्माना

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से पनीर फैक्ट्री के खिलाफ यह दूसरी बार सख्त कार्रवाई की गई है. इससे पहले 19 जनवरी 2022 को बोर्ड ने इसी फैक्ट्री का उत्पादन बंद कराया था. उस समय भी फैक्ट्री से निकलने वाले केमिकल युक्त पानी से किसानों की फसल खराब होने और जल प्रदूषण नियंत्रण के इंतजाम नहीं होने की बात सामने आई थी. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जांच कर फैक्ट्री प्रबंधन पर एक करोड़ 20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था, लेकिन इसके बाद भी फैक्ट्री प्रबंधन लगातार लापरवाही कर रहा था. 

मिलावट को लेकर फैक्ट्री का लाइसेंस किया गया था निरस्त

जानकारी के मुताबिक, जयश्री गायत्री फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक किशन मोदी हैं. पनीर फैक्ट्री हमेशा किसी ने किसी विवाद को लेकर चर्चा में रहती है. अभी कुछ महीने पहले मिलावट के मामले को लेकर फैक्ट्री का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया था, लेकिन बाद में कोर्ट के आदेश पर फिर से फैक्ट्री चालू हो गई. इसके अलावा बिना अनुमति के फैक्ट्री की पाइप लाइन डालने को लेकर एक बार प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास प्राधिकरण की शिकायत पर कोतवाली पुलिस एफआइआर भी दर्ज कर चुकी है, लेकिन रसूख, धन और बल की दम पर फैक्ट्री प्रबंधन हमेशा बच जाता है. 

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