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This Article is From Nov 02, 2023

MP Election में ‘शोले’ की एंट्री, एक्सपर्ट ने कहा- कमल नाथ और दिग्विजय को जय-वीरू बना, शिवराज खुद गब्बर बन गए

MP Election 2023 : बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा- शोले के किरदारों के लिए कांग्रेस जिम्मेदार. जबकि वरिष्ठ पत्रकार गिरिजा शंकर ने कहा, ‘‘यह अनावश्यक विवाद है और चौहान को इसमें नहीं पड़ना चाहिए था. जय-वीरू (नाथ और दिग्विजय) को निशाना बनाकर, वह (चौहान) स्वतः ही गब्बर बन गए क्योंकि जय-वीरू अपनी दोस्ती के लिए जाने जाते हैं और उन्हें चोरों के रूप में याद नहीं किया जाता.''

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MP Election में ‘शोले’ की एंट्री, एक्सपर्ट ने कहा- कमल नाथ और दिग्विजय को जय-वीरू बना, शिवराज खुद गब्बर बन गए

Assemblyelection2023 : मध्यप्रदेश वाकई अजब और गजब है. 70 के दौर के फिल्मी किरदार 2023 में मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Election 2023) में जमकर सुनाई दे रहे हैं. बात हो रही 1975 की हिंदी ब्लॉकबस्टर फिल्म 'शोले' के लोकप्रिय किरदार ‘जय-वीरू और गब्बर सिंह' की जो 17 नवंबर को होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले खबरों में हैं.

विपक्षी कांग्रेस और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ‘शोले' के उन पात्रों से तुलना करते हुए एक-दूसरे पर राज्य को लूटने का आरोप लगा रहे हैं, जो किसी न किसी तरह से अपराध से जुड़े थे.

कांग्रेस ने कहा कि उसके प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ (Kamal Nath) और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) का रिश्ता फिल्म Sholay के मुख्य पात्रों जय और वीरू (Jai and Veeru) की दोस्ती के समान है. वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि जय और वीरू लूटे गए माल के बंटवारे को लेकर लड़ रहे हैं. बता दें कि मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव 17 नवंबर को एक ही चरण में होंगे.

वहीं कमल नाथ ने शिवराज सिंह चौहान को शोले फिल्म का खलनायक ‘गब्बर सिंह' करार दिया है. ‘शोले' फिल्म में अमिताभ बच्चन ने जय का, धर्मेंद्र ने वीरू का और अमजद खान ने गब्बर सिंह का किरदार निभाया था.

आज भी प्रासंगिक हैं ये पात्र : रूमी जाफरी

मशहूर पटकथा लेखक और फिल्म निर्माता रूमी जाफरी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘यह हमारे लिए संतुष्टि की बात है कि दशकों पहले शोले या मुगल-ए-आजम जैसी फिल्मों में हमारे द्वारा चित्रित संवाद और पात्र आज भी प्रासंगिक हैं और लोग उनका उपयोग कर रहे हैं. ये पात्र कालजयी हैं और दुनिया में बने रहेंगे.''

कपड़ा फाड़ कमेंट के बाद हुई 'जय-वीरू' की एंट्री

कमल नाथ ने टिकट वितरण के विवाद में दिग्विजय सिंह और उनके बेटे जयवर्धन सिंह के कपड़े फाड़ने वाली टिप्पणी की. इससे अटकलें तेज हो गईं कि कांग्रेस के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के बीच सब कुछ ठीक नहीं है. इसके बाद ‘जय-वीरू' की जोड़ी ने मप्र के राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश किया. इस मामले को लेकर एक सवाल के जवाब में, मध्य प्रदेश के प्रभारी, कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने नाथ और सिंह की दोस्ती की तुलना ‘शोले' के जय और वीरू की दोस्ती से की.

भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार कर मौका भुनाया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिग्विजय सिंह और नाथ पर कटाक्ष करते हुए उन्हें शोले के जय और वीरू के रूप में संदर्भित किया और कहा कि वे लूट के बंटवारे को लेकर आपस में लड़ रहे हैं.

खुद गब्बर बन गए चौहान : वरिष्ठ पत्रकार

वरिष्ठ पत्रकार गिरिजा शंकर ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘यह अनावश्यक विवाद है और चौहान को इसमें नहीं पड़ना चाहिए था. जय-वीरू (नाथ और दिग्विजय) को निशाना बनाकर, वह (चौहान) स्वतः ही गब्बर बन गए क्योंकि जय-वीरू अपनी दोस्ती के लिए जाने जाते हैं और उन्हें चोरों के रूप में याद नहीं किया जाता.''

शिवराज सिंह चौहान ने इन पात्रों का जिक्र उन खबरों के बाद किया, जिनमें कहा गया था कि सिंह और नाथ मंगलवार को कांग्रेस नेतृत्व से मिलने के लिए दिल्ली में थे. सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर अपने अकाउंट पर साझा किए गए एक वीडियो बयान में, चौहान ने कहा, ‘‘जय-वीरू की जोड़ी को दिल्ली बुलाया गया है. जैसा कि अखबारों ने बताया, वे (कांग्रेस नेता) कह रहे हैं कि भाजपा भ्रम पैदा कर रही है (नाथ और सिंह के बीच मतभेद के बारे में). दिल्ली (कांग्रेस नेतृत्व) ने उन्हें क्यों बुलाया है? जय और वीरू 'लूट के माल' को लेकर आपस में लड़ रहे हैं.''

15 माह के शासनकाल में मध्य प्रदेश को लूट का केन्द्र बना दिया : चौहान

शिवराज सिंह चौहान ने आरोप लगाया कि 2003 से पहले भी जब भाजपा ने मध्य प्रदेश में सरकार बनाई थी, तब मिस्टर बंटाधार (जैसा कि भाजपा दिग्विजय सिंह को बुलाती है) पूरे राज्य को लूट कर बर्बाद कर चुके थे. उन्होंने कहा कि 15 माह के शासनकाल में भी कमल नाथ जी ने मध्य प्रदेश को लूट का केन्द्र बना दिया. उन्होंने कहा कि अब विवाद इस बात को लेकर है कि लूटने वालों में अगला कौन होगा और उसमें (लूट के माल में) किसको किस तरह का हिस्सा मिलेगा। ‘‘इसमें दिल्ली भी शामिल है.''

इसके बाद कमल नाथ ने ‘एक्स' पर जवाब दिया, ‘‘ शिवराज जी, जय और वीरू ने ही अत्याचारी गब्बर सिंह से हिसाब बराबर किया था. मध्य प्रदेश 18 साल से अत्याचार झेल रहा है. अत्याचार के अंत का समय आ गया है. बाकी आप समझदार हैं...''

घोटाले और बेरोजगारी से लोग बहुत थक चुके हैं : दिग्विजय सिंह

शिवराज सिंह चौहान की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह सब छोड़कर मुख्य मुद्दों पर ध्यान देना बेहतर है. उन्होंने कहा कि पिछले 20 वर्षों से, उन्होंने (भाजपा सरकार ने) राज्य को उसी तरह लूटा, जैसे गब्बर सिंह लूटता था. उन्होंने कहा ‘‘इसमें न पड़ें, मुद्दे जय-वीरू या गब्बर सिंह नहीं हैं. मुद्दा यह है कि पिछले 20 वर्षों में इनके भ्रष्टाचार, झूठ, धोखाधड़ी और व्यापमं तथा हाल ही में हुई पटवारी परीक्षा में घोटाले और बेरोजगारी से लोग बहुत थक चुके हैं.''

दिग्विजय सिंह ने कहा कि भाजपा ने दावा किया कि उन्होंने मध्य प्रदेश को बीमारू (पिछड़े) राज्य की श्रेणी से बाहर निकाला है, लेकिन अगर कोई राज्य में स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र को देखे तो कुछ नहीं हुआ.

दिग्विजय सिंह ने कहा ‘‘ कोरोना संकट के दौरान ऑक्सीजन न मिलने की वजह से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गई. फिल्मी अंदाज में बात करने के बजाय उन्हें चुनाव में मुख्य मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.''

शोले के किरदारों के लिए कांग्रेस जिम्मेदार : बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने चुनाव के दौरान राज्य की राजनीति में शोले के किरदारों को लाने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया. शर्मा ने कहा, ‘‘मैं विकास और गरीब कल्याण के बारे में बात कर रहा हूं और यह (जय-वीरू) उन्होंने ही दिया था, क्योंकि उनके प्रभारी ने ये नाम लिए थे. कांग्रेस सिर्फ एक ही काम करती है.... वह काम है लोगों का ध्यान विकास और गरीब कल्याण के मुद्दों से भटकाना.''

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