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नोटबंदी के 8 साल बाद भी पकड़े गए पुराने नोट…पुलिस हिरासत में बुजुर्ग की मौत ने बढ़ाया सस्पेंस !

ग्वालियर के बिलौआ थाना से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पुलिस कस्टडी की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं. गुरुवार शाम जौरासी पुलिस चौकी में पूछताछ के दौरान 60 साल के बुजुर्ग की मौत हो गई. मामला पुराने नोटों के लेन-देन से जुड़ा था यही वजह है कि इस खबर ने लोगों को चौंका दिया है.

नोटबंदी के 8 साल बाद भी पकड़े गए पुराने नोट…पुलिस हिरासत में बुजुर्ग की मौत ने बढ़ाया सस्पेंस !

Gwalior Crime News: ग्वालियर के बिलौआ थाना से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पुलिस कस्टडी की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं. गुरुवार शाम जौरासी पुलिस चौकी में पूछताछ के दौरान 60 साल के बुजुर्ग की मौत हो गई. मामला पुराने नोटों के लेन-देन से जुड़ा था यही वजह है कि इस खबर ने लोगों को चौंका दिया है.

कार से मिले तीन लाख के पुराने नोट

जानकारी के मुताबिक, जाली नोटों की जानकारी मिलने के बाद जौरासी चौकी पुलिस ने झांसी की तरफ जा रही एक कार को हाइवे पर रोका. तलाशी में कार से नोटबंदी के दौरान बंद हुए करीब तीन लाख रुपये के पुराने नोट बरामद हुए. कार में सवार पांच लोगों—इकबाल खान, नीरज अग्रवाल, वीरेंद्र रायकवार, मोहम्मद शफीक और जितेंद्र कुमार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और पूछताछ के लिए चौकी पर ले जाया गया.

पुलिस हिरासत में आरोपी की मौत

यहीं पर पूछताछ के दौरान 60 वर्षीय इकबाल खान की तबीयत अचानक बिगड़ गई. पुलिस ने आनन-फानन में उन्हें डबरा सिविल अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने हालत गंभीर बताते हुए ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल रेफर कर दिया. लेकिन रास्ते में ही इकबाल की मौत हो गई.घटना की खबर फैलते ही इकबाल के परिजन अस्पताल पहुंचे और बिना पोस्टमॉर्टम कराए शव लेकर सीधे भांडेर लौट गए. इससे मौत के कारणों पर सस्पेंस बना हुआ है. बाद में पुलिस ने मृतक का पोस्टमॉर्टम कराने की बात कही.

पुलिस पर उठ रहे ये सवाल

ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को मौके पर भेजा. उन्होंने कहा कि पूरे घटनाक्रम की मजिस्ट्रियल जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर सख्त कार्रवाई होगी. पुलिस ने मृतक के चारों साथियों से पूछताछ की और उनका मेडिकल परीक्षण भी कराया है. इसी के साथ इस बात की भी जांच की जा रही है कि नोटबंदी के इतने सालों बाद आखिर पुराने नोट कहां से आए. लेकिन फिलहाल सबसे बड़ा सवाल यही है कि इकबाल की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई या फिर कस्टडी में किसी तरह की चूक इसका कारण बनी. यह जांच ही बताएगी. लेकिन इतना तय है कि यह घटना पुलिस कस्टडी की विश्वसनीयता और सुरक्षा व्यवस्था पर फिर से बहस खड़ी कर चुकी है.

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