Dussehra 2024: विजयादशमी (Dussehra 2024) के दिन जहां पूरा देश रावण दहन (Ravana Dahan) के साथ ही बुराई पर अच्छाई की विजय का जश्न मनाता है. वहीं मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के विदिशा (Vidisha) में एक गांव ऐसा भी है जहां रावण की पूजा की जाती है और शुभ काम की शुरुआत रावण के नाम से की जाती है.यहां रावण का मंदिर है..
रावण बाबा की पूजा से ही शुरु होता शुभ कार्य
रावन नामक गांव प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) से लगभग 90 किलोमीटर दूर विदिशा जिले की नटेरन तहसील (Nateran) में स्थित है. इस गांव के रावण बाबा का मंदिर है. कहा जाता है कि इस गांव में किसी के घर में शादी हो या कोई नए काम की शुरुआत, यहां सबसे पहले रावण बाबा की पूजा होती है. यह प्रथा यहां कई वर्षों से चली आ रही है.
परमार काल का है मंदिर
मध्य प्रदेश के रावन गांव में रावण की विशालकाय प्रतिमा है. इस मंदिर में रावण की लेटी हुई प्रतिमा है. बताया जाता है कि ये परमार कालीन मंदिर है, जिसमें रावण की लेटी हुई अवस्था में सालों पुरानी विशाल प्रतिमा है. इस मंदिर में रावण की आरती भी लिखी हुई है. इस गांव के लोग दशहरे को उत्सव के रूप में मनाते हैं और रावण को पूजा जाता है. इस गांव में ये परंपरा वर्षों से चली आ रही है.
मंदसौर में भी होती है रावण की पूजा, यहां दशानन को दामाद मानते हैं लोग
विदिशा के अलावा मध्यप्रदेश के मंदसौर में भी दशहरे पर रावण का वध न करते हुए उसकी पूजा की जाती है. यहां का नामदेव समाज रावण को दामाद मानता है और विजयादशमी के दिन शहर के खानपुरा में सीमेंट से बनी रावण की 42 फिट की प्रतिमा की पूजा करता है.
ऐसा कहा जाता है कि रावण की पत्नी मंदोदरी नामदेव समाज की बेटी थी और वो मंदसौर की ही रहने वाली थी. जिसके चलते रावण को मंदसौर का दामाद का दर्जा दिया गया है. यहां समाज के लोग रावण के दाहिने पैर में लच्छा बांधकर रावण की पूजा करते हैं.
ये भी पढ़े: Navratri 2023: नवरात्रि के 9 दिनों तक पहनें अलग-अलग रंगों के वस्त्र, मिलेगा मां दुर्गा का आशीर्वाद
मालवा में रावण के सामने घूंघट करती हैं महिलाएं
मध्य प्रदेश के मालवा में भी रावण को दमाद मानते हैं और यहां दामाद को विशेष महत्व दिया जाता है, इसलिए यहां की हर महिला रावण के सामने घूंघट कर गुजरती है. इसके अलावा एक विशेष प्रकार का बुखार आने पर रावण के दाहिने पैर में लच्छा बांधने से वह बुखार भी ठीक हो जाता है. इसके अलावा मनोकामना पूरी होने पर रावण को तरह तरह के भोग भी लगाए जाते है.
ये भी पढ़े: Navratri 2023 : MP के ये 6 देवी मंदिर, जहां बरसती है देवी मां की कृपा, आप भी नवरात्रि में कर सकते हैं दर्शन