Dussehra 2024 RSS Vijayadashami Utsav Nagpur: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) द्वारा आयोजित विजयादशमी उत्सव (Vijayadashami Utsav Nagpur) नागपुर में धूमधाम के साथ शुरू हुआ. इस अवसर पर संघ प्रमुख (RSS Sarsanghchalak) मोहन भागवत (Dr Mohan ji Bhagwat) ने शस्त्र पूजन (Shastra Puja) किया. कार्यक्रम में इसरो (ISRO) के पूर्व चेयरमैन डॉ के राधाकृष्णन मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे. कार्यक्रम के दौरान नागपुर के स्वयंसेवकों (Swayamsevak) ने पारंपरिक पथ संचलन में भाग लिया. कार्यक्रम के दौरान आरएसएस बैंड ने अपनी प्रस्तुति देकर सभी का मन मोह लिया. नागपुर में सुबह से ही बारिश होने के बावजूद स्वयंसेवकों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई. तमाम स्वयंसेवकों ने धैर्यपूर्वक और पूरे जोश के साथ समारोह में भाग लिया. इसके अलावा, आरएसएस कार्यालय पर संघ का ध्वजारोहण भी किया गया. मोहन भागवत ने इस अवसर पर सभी देशवासियों को विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने का संकल्प लिया. आरएसएस का यह उत्सव हर साल की तरह इस बार भी सांस्कृतिक और धार्मिक उत्साह के साथ मनाया गया.
A glimpse of the #Ghosh demonstration at Vijayadashami Utsav, Nagpur. #RSS100 pic.twitter.com/7uCWgj0nBq
— RSS (@RSSorg) October 12, 2024
RSS के 99 वर्ष पूरे
आज आरएसएस की स्थापना के 99 साल पूरे हो रहे हैं. साल 1925 में विजयादशमी के दिन ही आरएसएस की स्थापना हुई थी, इसलिए विजयदशमी आरएसएस के लिए कई मायनों में अहम है. डॉ बलराम कृष्ण हेडगेवार ने 1925 में विजयादशी के दिन आरएसएस की स्थापना की थी. आज दुनिया भर के कई देशों में आरएसएस की शाखा लगती है. आरएसएस के 99 साल के सफर में तीन बार संगठन पर बैन भी लग चुका है.
परिस्थितियां चुनौतियां देती हैं, हमें भविष्य के लिए तैयार होना है: मोहन भागवत
नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) द्वारा आयोजित विजयादशमी उत्सव में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शस्त्र पूजन के बाद अपने संबोधन में विज्ञान, हिंदुओं पर होते हमलों, सनातन मूल्यों, हमास इजरायल समेत तमाम मुद्दों पर राय रखी। उन्होंने भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रहने का मंत्र भी दिया.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा नागपुर में आयोजित विजयादशमी उत्सव के अवसर पर शस्त्र पूजन करते हुए सरसंघचालक मोहन भागवत जी और प्रमुख अतिथि पद्म भूषण डा. के. राधाकृष्णन।
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समस्त देशवासियों को श्री विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं #RSS100 pic.twitter.com/agzn7MO5Gn
दयानन्द सरस्वती को याद करते हुए मोहन भागवत ने कहा, "लंबी गुलामी के बाद जो भारत का पुनरुत्थान शुरू हुआ, उसके पीछे दयानंद सरस्वती थे. अपने मूल को समझकर काल सुसंद आचरण करें. उन्होंने जनों की जागरूक करने का महा प्रयास किया है. उनकी वजह से ही आगे चलकर कई तरह के आंदोलन भी हुए. आज उनको याद करने का भी समय है."
दुनिया में चल रहे संघर्ष को लेकर उन्होंने कहा कि इजरायल के साथ हमास के साथ युद्ध में कौन-कौन झुलसेगा और इससे कौन से संकट पैदा होंगे, इसकी चिंता सबको है. अपना देश आगे बढ़ रहा है. हम तकनीक के क्षेत्र में, शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं. ऐसे सब क्षेत्रों में भारत आगे बढ़ रहा है। समाज की समझदारी भी बढ़ रही है.
शास्त्र और परिणाम को भी दुनिया स्वीकार कर रही है : भागवत
जम्मू-कश्मीर में हुए चुनावों को लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, "जम्मू-कश्मीर के चुनाव भी शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गए. इसका ही परिणाम हम देखते हैं कि सारी दुनिया में भारत की साख बढ़ी है. हमारा योग सारी दुनिया में एक फैशन बनता जा राह है. उसके शास्त्र और परिणाम को भी दुनिया स्वीकार कर रही है."
उन्होंने आगे कहा कि दुर्बल रहना अपराध है, हिंदू समाज को ये समझना चाहिए. व्यवस्थित और संगठित होकर ही आप किसी चीज का मुकाबला कर सकते हैं. अगर असंगठित रहते हैं, तो आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
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