विज्ञापन
This Article is From Aug 10, 2024

शर्मनाक! विकास से कोसों दूर है चित्रकूट का ये क्षेत्र, यहां अक्सर ऐसे निकलती है चार कंधों पर सिस्टम की 'अर्थी'  

Chitrakoot Municipal parishad: एमपी के चित्रकूट के विकास का लेकर चाहे सरकार जितने भी दावे करले, पर जमीनी सच कुछ और ही है.  नगर परिषद क्षेत्र के थरपहाड़ से आई तस्वीरें विकास के दावों की पोल खोल रही है.यहां कई दशकों से सड़क नहीं बनी है. लोग बुनियादी सुविधाओं के लिए आज भी तरस रहे हैं. पढ़िए आखिर क्या है सिस्टम की अर्थी की पूरी कहानी.

शर्मनाक! विकास से कोसों दूर है चित्रकूट का ये क्षेत्र, यहां अक्सर ऐसे निकलती है चार कंधों पर सिस्टम की 'अर्थी'  
शर्मनाक! विकास से कोसों दूर है चित्रकूट का ये क्षेत्र, यहां ऐसे निकलती है चार कंधों पर सिस्टम की 'अर्थी'.

MP News In Hindi: भगवान राम की तपस्थली कहे जानें वाले चित्रकूट क्षेत्र की जनता आज भी जीवन की बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रही है. लोगों को आज भी सड़क, पानी, बिजली और इलाज के लिए उतना ही संघर्ष करना पड़ रहा है, जितना दशकों पहले इनकी गुजरी हुई पीढ़ियों ने किया था.

शनिवार को चित्रकूट नगर परिषद के थरपहाड़ से आई तस्वीरें सिस्टम और सरकार को आईना दिखाने वाली है,  जहां राजस्थान के बीकानेर में मृत किशोर का शव गांव तक तो आ गया, पर घर तक नहीं पहुंच पाया! वजह ये थी कि घर तक जानें के लिए सड़क नहीं है. इसलिए एंबुलेंस चालक ने गांव के बाहर ही शव को उतार दिया.

कब सुधरेंगे हालात?

शव को घर तक ले जाते हुए परिजन.

शव को घर तक ले जाते हुए परिजन.

ग्रामीणों ने कहा, नगर परिषद क्षेत्र चित्रकूट में तमाम इलाके ऐसे हैं, जहां पर सड़क के अभाव में काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही है. खासतौर पर तब, जब कोई बीमार होता है या फिर किसी की मौत हो जाती है. इन स्थितियों में यहां के लोगों को अर्थी के सहारे ही सब कुछ करना पड़ता है. फिर चाहे अस्पताल तक मरीज को पहुंचना हो या फिर मृत अवस्था में किसी के शव को घर तक ले जाना हो. यहां हर मौत के बाद ऐसे ही सिस्टम की अर्थी निकलती है, मगर हालात नहीं सुधर रहे हैं..

सड़क पर रखना पड़ा शव

आगे रास्ता न होने की वजह से सड़क पर शव को छोड़ा एंबुलेंस चालक ने.

आगे रास्ता न होने की वजह से सड़क पर शव को छोड़ा एंबुलेंस चालक ने.

सतना जिले के चित्रकूट में शर्मसार करने वाला ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. चित्रकूट के थरपहाड़ निवासी 16 वर्षीय किशोर बलवीर मवासी पिता रामचरन की राजस्थान के बीकानेर में किन्ही कारणों से मौत हो गई थी. इसके बाद किशोर का शव एंबुलेंस से चित्रकूट नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 15 थरपहाड़ लाया गया था. पहाड़ तक एंबुलेंस तो पहुंच  गई,  लेकिन गांव पहुंचने के लिए रास्ता ही नहीं था. ऐसे में मजबूरन एंबुलेंस चालक ने शव को सड़क पर ही उतारने को विवश हो गया. इसके बाद किशोर का शव घर तक ले जाने के लिए ग्रामीणों को अर्थी बनानी पड़ी.

ये भी पढ़ें- Chhattisgarh Naxalite surrender: बीजापुर में एक महिला समेत तीन नक्सलियों ने किया सरेंडर, दो के सिर पर था 8-8 लाख का इनाम

अक्सर निर्मित होते हैं ऐसे हालात

खाट पर शव को ले जाते हुए ग्रामीण.

खाट पर शव को ले जाते हुए ग्रामीण.

यूं तो थरपहाड़ नगर परिषद का हिस्सा है. इसके विकास के दावे नगर परिषद अध्यक्ष सहित तमाम अधिकारी करते हैं, मगर जमीनी हकीकत एकदम विपरीत है. ऐसे ही थरपहाड़ में अक्सर गर्भवती महिलाओं को प्रसव के दौरान डोलियों में बैठाकर अस्पताल ले जाना पड़ता है. 

ये भी पढ़ें- विष्णु सरकार की बड़ी पहल, राज्य के 160 ITI होंगे अपग्रेड, इस जिले से होगी शुरुआत


 

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close